रैपिड रेल : प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर्स (PSD) ट्रेन हादसों को रोकेंगे, देश में पहली बार ये टेक्नोलॉजी, दो लेयर के दरवाजे बंद होने पर ही चलेगी रैपिड रेल

देश के पहले रीजनल रैपिड रेल ऑपरेशन में ट्रेन में चढ़ने और उतरने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं और आत्महत्याओं को रोकने के लिए एक नया प्रयोग चल रहा है।
 
ट्रेन में चढ़ते समय दुर्घटना और आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने के लिए देश के पहले रीजनल रैपिड रेल ऑपरेशन में एक नया प्रयोग होने जा रहा है।  यानी मेरठ से दिल्ली के बीच सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाए जाएंगे। जिस तरह दरवाजा बंद होने पर ही मेट्रो चलती है, उसी तरह PSD की दो परतें होंगी। एक लेयर से रैपिड रेल का गेट बंद कर दिया जाएगा और सेकेंड लेयर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच की दूरी को बंद कर दिया जाएगा।Read Also:-7 रात और 8 दिन में 4 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा, IRCTC ने श्रद्धालुओ के लिए बनाया पैकेज

 

PSD लगाने का काम गुलधर स्टेशन पर शुरू
गाजियाबाद जिले के गुडलर रैपिड रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। स्क्रीन डोर के पुर्ज़े ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर, फिक्स्ड डोर पैनल, प्लेटफॉर्म इंड गेट, इमरजेंसी एस्टीमेट डोर और फिक्स्ड स्क्रीन पर लगाए जा रहे हैं। पूरा सिस्टम रीजनल रैपिड रेल के दरवाजों और उसके सिग्नल सिस्टम से जुड़ा होगा। इसके बाद रैपिड रेल के दरवाजे और प्लेटफॉर्म स्क्रीन के दरवाजे एक साथ खुलेंगे और एक साथ बंद होंगे। ट्रेन तब तक नहीं चलेगी जब तक दोनों दरवाजे बंद नहीं हो जाते।

 

ट्रेन और ट्रैक के बीच सुरक्षा को मजबूत करेगी यह तकनीक
प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर ट्रेन और ट्रैक के बीच यात्रियों की सुरक्षा के लिए ढाल का काम करेगी। इससे ट्रेन से उतरते समय दुर्घटना, आत्महत्या, यात्रियों के ट्रैक पर गिरने की घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा। एनसीआरटीसी क्षेत्रीय रैपिड रेल संचालन के लिए यूरोपीय नियंत्रण प्रणाली (ईटीसीएस) की हाइब्रिड लेवल -3 तकनीक को लागू करने जा रहा है जो दुनिया में सबसे उन्नत सिग्नल और ट्रेन नियंत्रण प्रणाली में से एक है। यह दुनिया में पहली बार होगा कि लॉन्ग-टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) रेडियो-आधारित सिग्नलिंग सिस्टम में नवीनतम डिजिटल इंटर लॉकिंग और ऑटोमैटिक ट्रेन ऑपरेशन (एटीओ) होगा। इससे ट्रेन सेवा की उच्च-आवृत्ति, बेहतर हेडवे और अधिक क्षमता बनाना संभव होगा।

 

एलस्टॉम कंपनी को मिली है जिम्मेदारी
एनसीआरटीसी (NCRTC) के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने कहा, प्राथमिकता खंड (Sahibabad to Duhai Depot) के बाकी स्टेशनों के लिए भी प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन स्टेशनों पर रूफ शेड लगाने का काम पूरा होने के साथ ही प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाने का काम भी जोर पकड़ेगा।  आरआरटीएस (RRTS) कॉरिडोर पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर की स्थापना मेसर्स एल्सटॉम द्वारा की जा रही है।

 

एक प्लेटफॉर्म पर 17 स्क्रीन डोर होंगे
मुख्य रूप से चलाई जाने वाली रीजनल रैपिड रेल 6 डिब्बों की होगी। इसमें 5 मानक (Standard) और एक प्रीमियम (Premium) श्रेणी का कोच होगा। प्रत्येक मानक (Standard) श्रेणी के कोच में एक तरफ 3 दरवाजे होंगे और प्रीमियम श्रेणी के डिब्बों में 2 दरवाजे होंगे। इस हिसाब से पूरी ट्रेन में कुल 17 दरवाजे होंगे। इसी आधार पर प्रत्येक स्टेशन के प्रत्येक प्लेटफॉर्म पर 17 प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाने की योजना है। यात्रियों की सुरक्षा और आराम सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी (CCTV) द्वारा महिलाओं, स्टेशनों और ट्रेन की निगरानी के लिए अलग-अलग कोच, व्हील चेयर जैसी व्हील चेयर हैं।