दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को 6 महीने तक फ्री में धोने होंगे गांव की सभी महिलाओं के कपड़े, कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
आरोपी को इसी शर्त पर जमानत दी जाएगी कि वह गांव की सभी महिलाओं के कपड़े फ्री में धोएगा और आयरन करके देगा। साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपए के दो जमानतदार भी देने के लिए कहा।
Sep 24, 2021, 12:40 IST
अपने अनोखे फैसलों को लेकर जाने जाते हैं झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार।
Bihar News : दुष्कर्म के प्रयास के आरोपी को बिहार के मधुबनी के एडीजे कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी है कि वह छह महीने तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े फ्री में धोएगा (Wash Women Clothes For Free) और प्रेस करके भी देगा। झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार प्रथम द्वारा दी गई इस अनोखी सजा की पूरे देश में सराहना हो रही है।
जानकारी के मुताबिक बिहार के मधुबनी का रहने वाला ललन कुमार पेशे से धोबी है। अप्रैल में उसने गांव की एक महिला के साथ अश्लील हरकतें करते हुए दुष्कर्म का प्रयास किया था। 19 अप्रैल को ललन को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। दोनों पक्षों में समझौता भी हो चुका है। कोर्ट में आरोपी ललन के वकील ने कहा था कि वह अपने पेशे के जरिए समाज सेवा करना चाहता है। Read Also : खुफिया एजेंसियों ने किया अलर्ट जारी! ISI ने भारत में भेजे अफगानी आतंकी! त्योहारों पर हो सकता है बड़ा आतंकी हमला
फ्री में धोने-आयरन करने की शर्त पर मिली जमानत
इसी आधार पर एडीजे अविनाश कुमार ने ये फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि आरोपी को इसी शर्त पर जमानत दी जाएगी कि वह गांव की सभी महिलाओं के कपड़े फ्री में धोएगा और आयरन करके देगा। साथ ही कोर्ट ने 10 हजार रुपए के दो जमानतदार भी देने के लिए कहा। Read Also : 14 साल की बच्ची के साथ प्रेमी समेत 33 दरिंदों ने किया 8 महीने तक बार-बार बलात्कार, 26 गिरफ्तार
कोर्ट ने 6 महीने बाद आरोपी को मुखिया या सरपंच या सरकारी अधिकारी से अपनी शर्त का पालन करते हुए मुफ्त सेवा का प्रमाण पत्र भी सौंपने का आदेश दिया। आरोपी युवक फ्री सेवा दे रहा है या नहीं, इस पर नजर रखने के लिए जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भी भेजे जाने की बात कही गई है। Read ALso : भारत में पहले से कम बच्चे पैदा कर रहे मुस्लिम फिर भी 60 साल में आबादी 4% बढ़ी, इतनी ही हिंदू आबादी घटी
जज ने पहले भी दी हैं अनोखी सजाएं
एडीजे अविनाश कुमार अपने अनोखे फैसलों को लेकर जाने जाते हैं।
- इसी साल अप्रैल में एक शिक्षक ने कोविड काल में भी स्कूल खोला था। इस शिक्षक को 5 गरीब बच्चों को पहली से 5वीं क्लास तक तीन महीने तक फ्री में पढ़ाने की शर्त पर जमानत दी गई थी।
- मारपीट के आरोपी को भी उन्होंने इसी शर्त पर जमानत वो अपने घर के आसपास के नालों की सफाई करेगा।
- पिछले साल सितंबर में एक आरोपी को उन्होंने एक महीने तक मंदिर में राजमिस्त्री का काम करने की शर्त पर जमानत दी थी।
- मई 2021 से जेल में बंद आरोपी राजीव कुमार और नीतिश कुमार को बाढ़ पीड़ितों के लिए मुफ्त दाल देने की शर्त पर जमानत दी थी।