अडाणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई विशेषज्ञ समिति, नंदन नीलकेणी समेत 6 सदस्य, गौतम अडानी बोले- सच की जीत होगी

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए जांच जरूरी है। इसके लिए शीर्ष अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में छह सदस्यीय जांच समिति का गठन किया था। 
 
अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने इस पूरे मामले में जांच कमेटी गठित करने का फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय निवेशकों की सुरक्षा के लिए जांच जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। Read Also:-काम की खबर : अब बगैर इंश्योरेंस के सड़कों पर मिले तो आपके साथ ये होगा, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

 

सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही साफ कर दिया था कि कोर्ट उसकी तरफ से एक कमेटी बनाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई थी। समिति के अन्य सदस्य हैं। ओपी भट्ट, जस्टिस जेपी देवधर, केवी कामथ, नंदन नीलेकणि, शेखर सुंदरसन शामिल होंगे।

 

सत्य की जीत होगी - गौतम अडानी
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं। इसे समयबद्ध तरीके से अंतिम रूप दिया जाएगा। सत्य की जीत होगी।

 

 

टॉप अलादत ने क्या कहा?
इसने प्रस्तावित समिति के कामकाज की निगरानी करने वाले एक सेवारत न्यायाधीश की संभावना को भी खारिज कर दिया। इस मुद्दे पर अब तक शीर्ष अदालत में चार जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। अधिवक्ता एम.एल. शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और खुद को सामाजिक कार्यकर्ता बताने वाले मुकेश कुमार ने ये याचिकाएं दायर की हैं। 

 

आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी ग्रुप पर कई आरोप लगाने के बाद ग्रुप के शेयरों की कीमतों में काफी गिरावट आई है। हालांकि, समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है।