घर से दूर अब नौकरी के लिए नहीं जाना पड़ेगा, देश के 10 राज्यों में बनेंगे ये 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहर
इन स्मार्ट शहरों का निर्माण 28602 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इनसे देश में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।
Aug 29, 2024, 00:00 IST
अक्सर लोग अपने काम या नौकरी की तलाश में अपने घर या गांव से मीलों दूर चले जाते हैं। लेकिन सरकार के एक नए कदम से अगले कुछ सालों में इसमें कुछ हद तक कमी आने की उम्मीद है। दरअसल, बुधवार को मोदी सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने 10 राज्यों में 12 नए औद्योगिक शहरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को यह जानकारी दी है। READ ALSO:-UP : ज्वेलरी शॉप में दिनदहाड़े 2 करोड़ की डकैती, दोपहर 12 बजे शॉप में घुसे बदमाश; कनपटी पर तानी पिस्टल, तो मालिक हुआ बेहोश
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये नए औद्योगिक स्मार्ट शहर तेलंगाना के जहीराबाद, उत्तराखंड के खुरपिया, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, पंजाब के राजपुर-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, बिहार के गया, राजस्थान के जोधपुर-पाली और मध्य प्रदेश के ओरवाकल और कोपर्थी में बनाए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, ये नए औद्योगिक स्मार्ट शहर करीब 28602 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जाएंगे। सरकार का दावा है कि इससे 10 लाख प्रत्यक्ष और करीब 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा इससे इन देशों में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मानकों पर बनेंगी ये स्मार्ट सिटीज
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये औद्योगिक क्षेत्र देश के औद्योगिक परिदृश्य को बदल देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के इस नए कदम से देश में औद्योगिक नोड्स और शहरों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार होगा। उन्होंने कहा कि इससे इन राज्यों में आर्थिक विकास होगा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को काफी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन स्मार्ट सिटीज को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटीज के रूप में विकसित किया जाएगा।
1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईडीसीपी) के तहत देश के अलग-अलग राज्यों में इन 12 स्मार्ट सिटीज को विकसित किया जाएगा। इसके तहत देश के 10 राज्यों में कुल 6 कॉरिडोर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। इसके अलावा बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले आठ सालों में 15000 मेगावाट की कुल क्षमता की जलविद्युत परियोजनाओं को विकसित करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को 4136 करोड़ रुपये की इक्विटी सहायता को भी मंजूरी दी है।