यूपी में बुखार : फिरोजाबाद में अब तक 56 की मौत, अस्पतालों में बेड फुल; ठीक होने में 15 दिन का समय लग रहा

पश्चिमी यूपी के निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना वायरल फीवर के 40% से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर इसे वायरल का आक्रामक रूप मान रहे हैं।

 
फिरोजाबाद में डेंगू बुखार (Dengue) का प्रकोप इतना है कि लगातार बच्चे भर्ती हो रही हैं। अब मृत्यु का आंकड़ा 56 के पार हो गया है। भर्ती मरीजों की बात करें इस समय मेडिकल कॉलेज (Medical Collegue) के समस्त सैया वार्ड में 238 मरीज भर्ती हैं, लेकिन स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि अब बच्चों के लिए ना तो वार्ड में जगह है और ना कोई बेड (Bed in Hospital) खाली है। Read Also: एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का हार्ट अटैक से निधन, बिग बॉस 13 के थे विनर

 

वार्ड के बाहर दल्लान में बनी पत्थर की बेंच की जमीन पर बच्चों को लिटा कर बोतल चढ़ाई जा रही है। यहां इतना अंधेरा है कि मोबाइल की टॉर्च में इंटरफेयर बच्चों के हाथ में लगाई जा रही है। बच्चे के पिता का कहना था कि वार्ड में कोई जगह नहीं इसलिए, यहां लिटा दिया है।

 

कानपुर में पांच की मौत

उधर कानपुर में बुखार और डेंगू जमकर कहर बरपा रहा है। इसकी चपेट में आकर पांच लोगों की मौत हो गई, इनमें तीन युवक हैलट इमरजेंसी में भर्ती थे। इन्हें सांस की ऊपरी नलियों में संक्रमण के साथ जबर्दस्त निमोनिया था। डॉक्टरों ने एक की मौत की वजह एक्यूट रेस्पाइरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) बताई है, जो आमतौर पर कोरोना संक्रमितों में देखने को मिल रही थी। दूसरी तरफ बच्चों पर बुखार का कहर टूट पड़ा है। शहर के 375 पंजीकृत अस्पतालों और नर्सिंगहोमों में बुखार से पीड़ित करीब 1200 बच्चे भर्ती हैं।  Read Also : सैयद अली शाह गिलानीः 92 साल की उम्र में अलगाववादी नेता का निधन, कश्मीर में कॉलिंग और इंटरनेट पर रोक

 

मथुरा में पलायन को मजबूर हुए ग्रामीण

वहीं मथुरा के में बुखार से 11 बच्चों समेत 13 लोगों की माैत हो चुकी है। 8 गांव कोह, पिपरोठ मलिकपुर, मिर्जापुर, सकरबा ,जचोन्दा ,जुनसिटी ,और गोकुलपुर पूरी तरह महामारी की चपेट में है। आलम यह है कि यहां के कोह गांव में ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर पलायन करने को मजबूर हैं। कौंह गांव मे 50 से 60 परिवार ऐसे भी है जोकि गांव में फैली महामारी के कारण गांव से अन्य कहीं और के लिए अपने घरों पर ताला लगाकर पलायन कर चुके है, वहीं जिले में बैठे स्वास्थ्य अधिकारियों को ग्रामीणों के पलायन करने की जानकारी नहीं है। मुख्यमंत्री के सीधे संज्ञान लेने पर भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाह बना हुआ है। 

 

हांलाकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अबतक गांव के पानी के साथ लोगों की जांच करवा कर यही पता लगा पाया है कि गांव में डेंगू और मलेरिया के साथ कुछ अन्य बीमारी के लक्षण भी मिल रहे है, लेकिन जिस तरह से इलाज किया जा रहा है, उससे ग्रामीणों को कोई ज्यादा लाभ होता नही दिख रहा। जबकि गांव में दिल्ली और लखनऊ की टीमें भी कैंप करके पता लगा रही है कि आखिर गांव में फैली महामारी की वजह क्या है? प्रसाशन ने गांव में भी अस्थायी अस्पताल बनवा दिए है और बीमार लोगों का आगरा ,जिला अस्पताल मथुरा और वृन्दावन में इलाज चल रहा है।

 

स्क्रब टाइफस- डेंगू- जापानी बुखार के मिले सैंपल

अब तक डेंगू के 40 , स्क्रब टाइफस के 29 ,जापानी बुखार का 1 मरीज ओर कई लोगों में मलेरिया के लक्षण मिले हैं। अब तक स्वास्थ्य विभाग ने 8 गांवों से 700 से अधिक लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेज दिया है।

 

कई बीमारियों जैसे लक्षण एक साथ मिल रहे...
पश्चिमी यूपी के निजी व सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना वायरल फीवर के 40% से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। डॉक्टर इसे वायरल का आक्रामक रूप मान रहे हैं। नाक बहना, गले में खराश, आंखें लाल होना, जोड़ों में दर्द, जुकाम व तेज बुखार के लक्षणों के साथ प्लेटलेट्स में कमी भी सामने आ रही है। इसे फिलहाल वायरल फीवर के स्वरूप में बदलाव माना जा रहा है। बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। पहले वायरल फीवर खत्म होने में 4-5 दिन लगते थे। इस वायरल को खत्म होने में 12 से 15 दिन लग रहे हैं। यहां एक बेड पर दो से तीन मरीज रखे जा रहे हैं।

 

पिछले एक हफ्ते से बढ़ गए कोरोना के मामले

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, मैनपुरी, एटा और कासगंज जिले में पिछहे एक हफ्ते से बुखार (Fever) के मामले काफी बढ़ गए हैं। लोगों को बुखार के साथ ही डिहाइड्रेशन और अचानक प्लेटलेट कम होने की शिकायत भी हो रही है।

 

यूपी सरकार ने प्रदेश भर में घर-घर जाकर बुखार पीड़ितों का हाल जानने के साथ ही उनके लक्षणों की जांच करने के लिए अभियान चलाने का ऐलान किया है। यूपी सरकार ने ऐलान किया है कि जरूरी दवाओं के साथ ही चिकित्‍सकीय सुविधा भी उपलब्‍ध कराई जाएगी। इसके लिए राज्‍य सरकार 7 सितंबर से प्रदेशव्‍यापी सर्विलांस अभियान शुरू करने जा रही है.इस अभियान के तहत स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी घर-घर पहुंचकर बुखार वाले मरीजों के लक्षणों की जांच करेंगे।

 

 स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी बुखार के लक्षण के आधार पर कोरोना की भी जांच करेंगे। राज्‍य सरकार ने कई राज्यों में बढ़ते मामलों को देखकर सर्विलांस अभियान तेज करने का फैसला लिया है। कोरोना के खिलाफ आक्रामक रणनीति के तहत सरकार की योजना संक्रमण का शुरुआती दौर में ही पता लगाकर उस पर काबू करने की है। मौसम में बदलाव के कारण बुखार के साथ कई अन्‍य बीमारियों के दस्‍तक देने की आशंका भी बनी हुई है जिसे देखते हुए सर्विलांस अभियान को काफी अहम माना जा रहा है।