दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके, जमीन से 10 KM अंदर केंद्र, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी थी तीव्रता

पिछले 40-45 दिनों के अंदर दिल्ली-एनसीआर में कई भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। शनिवार को एक बार फिर दिल्ली की धरती हिली। हालांकि, भूकंप के ये झटके सिर्फ उत्तरी दिल्ली में ही महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता काफी कम थी, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। 
 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को एक बार हलके भूकंप के झटके महसूस किया गए। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने यह जानकारी दी। NCS के मुताबिक, शनिवार दोपहर करीब 15.36 बजे 2.6 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली में बताया जा रहा है। हालांकि, किसी संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है। READ ALSO:-दिल्ली-जयपुर हाईवे पर दर्दनाक हादसा, टैंकर से टक्कर के बाद कार बनी आग का गोला, 4 लोगों की हुई मौत

 

राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को एक बार हल्का भूकंप महसूस किया गया। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.6 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने यह जानकारी दी। NCS के मुताबिक, शनिवार दोपहर करीब 15.36 बजे 2.6 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप का केंद्र उत्तरी दिल्ली में बताया जा रहा है। हालांकि, किसी संपत्ति के नुकसान की कोई खबर नहीं है। 

 

3 नवंबर को नेपाल में आए भूकंप में 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। भूकंप से काफी नुकसान भी हुआ क्योंकि जिस वक्त भूकंप के झटके महसूस किए गए उस वक्त रात थी और लोग अपने घरों में सो रहे थे। 2015 के बाद से नेपाल में यह सबसे घातक भूकंप था। इससे पहले 2015 में रिक्टर पैमाने पर 7.8 और 7.3 तीव्रता के दो भूकंप आए थे, जिसमें लगभग 8 हजार लोग मारे गए थे और सैकड़ों घायल हुए थे।

 

भूकंप के झटके अक्सर धरती के किसी न किसी हिस्से में महसूस किये जाते हैं। आमतौर पर भूकंप तब ज्यादा खतरनाक हो जाता है जब इसकी तीव्रता 4.5 से ऊपर हो. 4 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप से घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं। हालांकि, इसमें किसी बड़े नुकसान की आशंका कम है, लेकिन अगर रिक्टर स्केल पर यह तीव्रता 5.5 या 6 से ऊपर चली गई तो कुछ जगहों पर बड़ी तबाही की आशंका है। खासकर कई पहाड़ी इलाकों में भारी तबाही मच सकती है।