चमोली हादसा : केयरटेकर की देर रात मौत, सुबह देखने पहुंचे लोग तो फैला करंट तो हुआ हादसा; अब तक करंट से 16 की मौत
मंगलवार रात प्लांट संचालक की मौत के बाद बुधवार सुबह जब परिजन, ग्रामीण और पुलिसकर्मी पंचनामा कार्रवाई कर रहे थे, तभी प्लांट की ओर जाने वाली सड़क की लोहे की रेलिंग में अचानक करंट दौड़ गया, जिससे यह दर्दनाक हादसा हो गया।
Jul 20, 2023, 00:05 IST
उत्तराखंड के चमोली बाजार के पास अलकनंदा नदी के किनारे नमामि गंगे परियोजना स्थल पर बुधवार को अचानक करंट आ गया। इस दर्दनाक हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 11 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। मंगलवार रात प्लांट संचालक की मौत के बाद बुधवार सुबह जब परिजन, ग्रामीण और पुलिसकर्मी पंचनामा कार्रवाई कर रहे थे, तभी प्लांट की ओर जाने वाली सड़क की लोहे की रेलिंग में अचानक करंट दौड़ गया, जिससे ये हादसा हो गया। मृतकों में ग्राम प्रधान, पीपलकोटी चौकी प्रभारी और तीन होम गार्ड जवान भी शामिल हैं। READ ALSO:-UP : बिजनौर के नजीबाबाद में पुलिस ने तीन शातिर ऑनलाइन ठगों को पकड़ा, नकदी, लैपटॉप और मोबाइल बरामद, फर्जी कॉल सेंटर भी चलाते थे
प्रत्यक्षदर्शी बोले- अचानक फैला करंट, कई लोग अलकनंदा में कूदे
चमोली से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश लाए गए छह लोगों को लेकर पहुंचे परिजनों ने घटना के लिए UPCL और नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया है। चमोली जिले के सेम डुंगरा गांव से आए दीपक फर्स्वाण का कहना है कि मंगलवार रात हारमनी गांव के युवक की प्लांट परिसर में मौत हो गई थी।
चमोली से एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश लाए गए छह लोगों को लेकर पहुंचे परिजनों ने घटना के लिए UPCL और नमामि गंगे के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का संचालन करने वाली आउटसोर्स एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया है। चमोली जिले के सेम डुंगरा गांव से आए दीपक फर्स्वाण का कहना है कि मंगलवार रात हारमनी गांव के युवक की प्लांट परिसर में मौत हो गई थी।
जानिए कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा
नमामि गंगे परियोजना के तहत चमोली शहर में अलकनंदा नदी के तट पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। तैनात ऑपरेटर गणेश निवासी ग्राम हरमानी की बीती रात मौत हो गई थी। मौत का प्रारंभिक कारण करंट लगना बताया गया। बुधवार की सुबह सूचना पर मृतक के परिजन, ग्रामीण व जनप्रतिनिधि प्लांट पर पहुंचे। पीपलकोटी चौकी प्रभारी एसआई प्रदीप रावत तीन होम गार्डों के साथ मृतक का पंचनामा भरने पहुंचे। इस दौरान प्लांट में बिजली नहीं थी।
नमामि गंगे परियोजना के तहत चमोली शहर में अलकनंदा नदी के तट पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। तैनात ऑपरेटर गणेश निवासी ग्राम हरमानी की बीती रात मौत हो गई थी। मौत का प्रारंभिक कारण करंट लगना बताया गया। बुधवार की सुबह सूचना पर मृतक के परिजन, ग्रामीण व जनप्रतिनिधि प्लांट पर पहुंचे। पीपलकोटी चौकी प्रभारी एसआई प्रदीप रावत तीन होम गार्डों के साथ मृतक का पंचनामा भरने पहुंचे। इस दौरान प्लांट में बिजली नहीं थी।
घायलों के मुताबिक सुबह करीब 11 बजे अचानक प्लांट में जोरदार धमाका हुआ और प्लांट की ओर जाने वाली सड़क की लोहे की रेलिंग में अचानक करंट दौड़ गया। इस समय यह सकरा पुल भीड़ से भरा हुआ था।
करंट दौड़ते ही पुल पर जुटे लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरने लगे और बेहोश हो गये। हर तरफ हाहाकार मच गया। इनमें से 15 की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि करीब 11 लोग बुरी तरह झुलस गए। घटना की जानकारी मिलते ही चमोली से लेकर राजधानी देहरादून तक हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया। जहां से छह घायलों को हायर सेंटर एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। घायलों को एयर एंबुलेंस से एम्स लाया गया। उधर, मुख्यमंत्री धामी हेलीकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना हुए, लेकिन चमोली में खराब मौसम के कारण उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतर सका। इसके बाद मुख्यमंत्री घायलों का हाल जानने एम्स पहुंचे।
दुर्घटना का कारण अभी स्पष्ट नहीं
प्लांट संचालक कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग के मैनेजर ने बताया कि प्लांट में 415 वोल्ट की बिजली सप्लाई है। हादसा बुधवार सुबह अचानक 11 हजार वोल्ट की बिजली आने से हुआ। वहीं UPCL के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि तकनीकी तौर पर 11 केवी लाइन से ट्रांसफार्मर की मदद से 440 वोल्ट बिजली की आपूर्ति की जा रही थी। 11 हजार का करंट आगे बढ़ता तो सबसे पहले ट्रांसफार्मर, केबल और फिर मीटर फट जाता। UPCL ने प्रारंभिक जांच में मीटर तक सप्लाई उपकरण सही पाए हैं। उनका यह भी कहना है कि प्लांट के अंदर किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना बिजली विभाग को नहीं दी गयी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के पीछे क्या कारण है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
प्लांट संचालक कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग के मैनेजर ने बताया कि प्लांट में 415 वोल्ट की बिजली सप्लाई है। हादसा बुधवार सुबह अचानक 11 हजार वोल्ट की बिजली आने से हुआ। वहीं UPCL के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार का कहना है कि तकनीकी तौर पर 11 केवी लाइन से ट्रांसफार्मर की मदद से 440 वोल्ट बिजली की आपूर्ति की जा रही थी। 11 हजार का करंट आगे बढ़ता तो सबसे पहले ट्रांसफार्मर, केबल और फिर मीटर फट जाता। UPCL ने प्रारंभिक जांच में मीटर तक सप्लाई उपकरण सही पाए हैं। उनका यह भी कहना है कि प्लांट के अंदर किसी भी व्यक्ति की मौत की सूचना बिजली विभाग को नहीं दी गयी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हुए हादसे के पीछे क्या कारण है यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
यह किस समय हुआ?
- बुधवार सुबह 11.15 बजे ऊर्जा निगम ने 11 हजार केवी लाइन पर जंपर जोड़ दिए।
- सुबह 11.25 बजे प्लांट में बिजली आपूर्ति बहाल की गई, जिसके बाद यह हादसा हो गया।
- 11. 29 बजे - बिजली आपूर्ति बंद।