सड़क दुर्घटना में अगर कोई घायल हुआ तो मिलेगा कैशलेस इलाज, केंद्र सरकार बना रही योजना

अब अगर किसी व्यक्ति का सड़क पर एक्सीडेंट हो जाता है तो सरकार उसके लिए एक योजना ला रही है, जिसके तहत घायल व्यक्ति का इलाज कैशलेस होगा। यह जानकारी खुद सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में दी है।
 
अब अगर किसी व्यक्ति का सड़क पर एक्सीडेंट हो जाता है तो सरकार उसके लिए एक योजना ला रही है, जिसके तहत घायल व्यक्ति का इलाज कैशलेस होगा। यह जानकारी खुद सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस योजना को पायलट आधार पर चंडीगढ़ और असम में भी लागू किया गया है।READ ALSO:-हापुड़: मदरसे के सामने कांवड़िये जत्थे पर थूकने का लगाया आरोप, हिंदू संगठनों ने किया हंगामा

 

1.5 लाख रुपये तक की मदद
लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इस योजना के तहत पात्र पीड़ितों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (ABPM-JAY) के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में दुर्घटना की तारीख से अधिकतम 7 दिनों की अवधि के लिए 1.5 लाख रुपये तक के ट्रॉमा और पॉलीट्रॉमा देखभाल से संबंधित स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिए जाते हैं।

 

पायलट आधार पर शुरू किया गया
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, "मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) के साथ मिलकर किसी भी श्रेणी की सड़क पर वाहनों के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार प्रदान करने की योजना तैयार की है और चंडीगढ़ तथा असम में पायलट आधार पर इसकी शुरुआत भी कर दी है।" नितिन गडकरी के अनुसार मंत्रालय ने एक योजना तैयार की है और चंडीगढ़ तथा असम में पायलट आधार पर इसकी शुरुआत भी कर दी है, जिसका संचालन मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164बी के तहत गठित मोटर वाहन दुर्घटना कोष के तहत किया जा रहा है।

 

इन्हें मिली क्रियान्वयन की जिम्मेदारी
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मोटर वाहन (Motor Vehicles Accident Fund) नियम, 2022 के तहत आय के स्रोत और उसके उपयोग के बारे में जानकारी प्रदान की गई है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एनएचए (NHA) स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के समन्वय से कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार है।

 

मंत्री ने कहा कि मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को नकद रहित उपचार के लिए चंडीगढ़ और असम में शुरू की गई पायलट परियोजना, मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत अधिदेश के अनुरूप, सड़क दुर्घटना के स्थान की परवाह किए बिना सहायता प्रदान करती है।