प्रेमिका से शारीरिक सबंध बनाए फिर कुंडली दोष बता शादी से मुकरा; कोर्ट ने दुष्कर्म के मामले से बरी करने से किया इंकार

  युवक ने कई बार युवती से शादी का वादा कर सेक्स किया, लेकिन अब वह यह कहते हुए शादी करने से इनकार कर रहा है कि उनकी कुंडली नहीं मिल रही है

 
प्रेमिका के साथ शारीरिक संबध (Physical Relationship) बनाने के बाद कुंडली दोष (Kundli Dosha) बताकर शादी से मुकरने वाले युवक को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने कड़ी फटकार लागई। कोर्ट ने युवक को दुष्कर्म (Rape) के मामले से बरी करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि कुंडली असंगति (Horoscope Incompatibility) सिर्फ बहाना है असल में आरोपी युवक शादी के वादे को निभाना ही नहीं चाहता है। Read Also : लव मैरिज पर हाईकोर्ट का अहम फैसला : कहा- माला पहनाने से शादी नहीं हो जाती, अग्नि के समक्ष 7 फेरे लेने जरूरी

 

यह था मामला

दरअसल युवक की प्रेमिका ने युवक पर आरोप लगाया था वह युवक को 2012 से जानती थी, दोनों एक 5 स्टार होटल में साथ में काम करते थे, इसी दौरान उनकी दोस्ती हो गई जो बाद में प्यार में बदल गई। युवती का आरोप है कि युवक ने कई बार उससे शादी का वादा कर सेक्स किया, लेकिन अब वह यह कहते हुए शादी करने से इनकार कर रहा है कि उनकी कुंडली नहीं मिल रही है और ज्योतिषीय असंगतियों के कारण उनकी शादी नहीं हो सकती है। जिसके बाद युवती ने युवक के खिलाफ शादी का वादा कर दुष्कर्म करने का केस दर्ज कराया था। यह भी पढ़ें : 15 वर्ष से अधिक उम्र की पत्नी के साथ सेक्स करना दुष्कर्म नहींः हाईकोर्ट

 

वकील बोला यह वादे धोखाधड़ी या बलात्कार का मामला नहीं है

बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी युवक के वकील ने ज्योतिषीय असंगति के कारण आरोपी और शिकायतकर्ता के बीच वैवाहिक संबंध नहीं बनाया जा सकता। यह बहाने, धोखाधड़ी या बलात्कार का मामला नहीं है, बल्कि वादे के उल्लंघन का मामला है। वकील ने कोर्ट ने युवक को दुष्कर्म के मामले से बरी करने की मांग की थी। Read Also : शादी के वादे पर किया गया सेक्स दुष्कर्म है, इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा- महिलाएं भोग विलास की वस्तु नहीं, इस पर कानून बनाएं

 

कोर्ट ने कहा- इस तरह बहाना बनाकर कोई आरोपमुक्त नहीं हो सकता

मामले की सुनवाई कर रहे बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एस के शिंदे की एकल पीठ ने उसकी याचिका खारिज कर दी। पूरे प्रकरण से यही पता चल रहा है कि, आरोपी शुरुआत से ही शिकायतकर्ता से शादी करने के अपने वादे को निभाना नहीं चाह रहा है, वो कुंडली और ज्योतिषीय असंगति की आड़ में अपने वादे से मुकरने की कोशिश कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि कोई भी इस तरह बहाना बनाकर आरोपमुक्त नहीं हो सकता, ज्योतिषीय असंगति के कारण किसी को दुष्कर्म के मामले से बरी नहीं किया जा सकता।