लोकसभा में 2000 रूपये के नोट को लेकर सरकार ने दी ये जानकारी, आप भी जानिए

देश की बैंकिंग प्रणाली में 2021-22 में 2000 मूल्यवर्ग के 13604 नकली नोट पकड़े गए। साल 2019 में ऐसे नकली नोटों की संख्या 90 हजार को पार कर गई थी।
 
अगर आप भी दो हजार रुपये के नकली नोट से परेशान हैं तो आपके लिए राहत की खबर है। दरअसल, सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी है कि बैंकिंग सिस्टम में 2000 रुपये के नकली नोटों की संख्या पहले की तुलना में काफी कम हो गई है। सरकार के मुताबिक 2018 से 2020 के बीच ऐसे नकली नोटों की संख्या में इजाफा हुआ था।  हालांकि, अब इसमें गिरावट का रुख है। सरकार ने ये जवाब एक ऐसे सवाल पर दिए जिसमें 2000 के नकली नोटों की संख्या और उन्हें नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में पूछा गया। Read Also:-  काम की खबर : सड़क (Road) पर चलती एंबुलेंस (Ambulance) को रास्ता नहीं दिया तो इतने रूपये का होगा चालान कि आपने कभी सोचा भी नहीं होगा

 

सिस्टम में कहां पहुंचे नकली नोट?
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सदन में जानकारी दी कि वर्ष 2021-22 में देश की बैंकिंग प्रणाली में 2000 मूल्य के 13604 नकली नोट पकड़े गए। जो प्रचलन में मौजूद सभी 2000 मूल्यवर्ग के नोटों का केवल 0.00063 प्रतिशत है। दिए गए उत्तर के अनुसार, 2018 से 2020 के बीच ऐसे नकली नोटों की संख्या में वृद्धि हुई थी। मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान 54776 नकली नोट पकड़े गए। वहीं 2019 में 90556 के नोट पकड़े गए थे। वहीं, अब तक कुल 2.5 लाख नकली नोट पकड़े जा चुके हैं। दी गई जानकारी के अनुसार 90 फीसदी नकली नोटों में सुरक्षा के तमाम लक्षण थे लेकिन उनकी गुणवत्ता बेहद खराब थी। 

 

जाली नोट रोकने के उपाय
वित्त मंत्रालय के मुताबिक नकली नोटों के चलन को रोकने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है। एनआईए ऐसे सभी मामलों की जांच कर रही है जिनमें ऐसे नकली नोटों का इस्तेमाल किया गया जिनकी पहचान करना बेहद मुश्किल था। एनआईए ऐसे मामलों और जांच के निष्कर्षों को विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा कर रही है। एनआईए उन मामलों की जांच कर रही है जिनमें नकली नोटों का इस्तेमाल करके आतंकवादी कृत्य किए गए थे। इसके लिए एनआईए ने टेरर फंडिंग और फेक करेंसी सेल भी बनाया है।