घर में मिली 6000 साड़ियां और 9000 स्कूल बैग...कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी एमएलसी (MLC) के घर मिला सामान का जखीरा

 
कर्नाटक में इसी साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं के घरों पर छापेमारी की गई है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायक मदल विरुपाक्षप्पा के बेटे के घर पर छापा मारा गया था। 
 
कर्नाटक में एक और भारतीय जनता पार्टी के नेता और एमएलसी (MLC) आर शंकर के घर पर कमर्शियल टैक्स अधिकारियों ने छापा मारा है। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता आर शंकर के घर से भारी मात्रा में साड़ियां और अन्य सामग्री बरामद की है। आर शंकर ने कथित तौर पर इन सामानों को चुनाव में मतदाताओं को बांटने के लिए अपने घर में रखा था।Read Also:-मेरठ: 10 साल की मासूम बच्ची के साथ कबाड़ी ने की दुष्कर्म की कोशिश, दो संप्रदायों का मामला, सक्रिय हुई पुलिस, आरोपी हुआ गिरफ्तार

 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों ने मंगलवार देर रात हावेरी जिले में आर शंकर के रानीबेन्नूर स्थित घर पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान टीम ने 6000 से ज्यादा साड़ियां, करीब 9000 कॉलेज-स्कूल बैग और घरों में इस्तेमाल होने वाली प्लेट बरामद की है। 

 

रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी की अनुमानित कीमत 20-30 लाख रुपये बताई जा रही है। यह छापेमारी एमएलसी (MLC) के आवास पर करीब सात घंटे तक चली। टीम ने भारतीय जनता पार्टी के नेता के घर से बरामद सामान स्थानीय पुलिस को सौंप दिया है। अधिकारियों की टीम ने आर शंकर से उनके घर से बरामद सामग्री को लेकर जीएसटी बिल मांगा है। जिसके लिए आर शंकर ने तीन दिन का समय मांगा है।

 

हावेरी के उपायुक्त रघुनंदन मूर्ति ने कहा है कि अगर आर शंकर घर से बरामद सामन संबंधी बिल दिखाने में विफल रहते हैं तो वाणिज्यिक कर विभाग उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए अदालत से अनुमति मांगेगा। कर टीम के छापे पर राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि छापेमारी से पता चलता है कि उनकी सरकार की एजेंसियां स्वतंत्र और स्वतंत्र हैं। 

 

बता दें कि आर शंकर प्रज्ञावंता ने 2018 में रानीबेन्नूर विधानसभा सीट से जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था। शंकर को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन का समर्थन मिला था। एक साल बाद ही वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। शंकर उन 17 विधायकों में शामिल थे जिन्हें अयोग्य घोषित किया गया था। उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें एमएलसी (MLC) बना दिया गया।