इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर खरीदारों को लौटानी पड़ सकती है सब्सिडी की रकम,  SMEV ने सरकार से कहा- वाहन सब्सिडी ग्राहकों से भी वसूली जाए

 दरअसल, अभी हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा समेत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली 7 कंपनियों से 469 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है।
 
जिन ग्राहकों ने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदे हैं, उन्हें सब्सिडी की रकम वापस करनी पड़ सकती है, क्योंकि सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने ग्राहकों को मिलने वाली सब्सिडी वापस लेने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। कहा गया है कि वाहन सब्सिडी भी ग्राहकों से वसूली जाए।READ ALSO:-UP : 31 जुलाई से 6 अगस्त तक बिजली उपभोक्ता एवं जन प्रतिनिधि संपर्क अभियान चलाया जायेगा, उपभोक्ताओं की समस्याओं का होगा त्वरित समाधान

 

दरअसल, हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा समेत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली 7 कंपनियों से 469 करोड़ रुपये लौटाने को कहा है। ये कंपनियां फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स II (FAME-II) स्कीम के नियमों का उल्लंघन कर इंसेंटिव (Subsidy) ले रही थीं।

 

इन कंपनियों पर हुई कार्रवाई
  1. Hero Electric
  2. Okinawa Autotech
  3. Ampere E.V. 
  4. Revolt Motors
  5. Benling India
  6. Ammo Mobility
  7. Lohia Auto

 

कंपनियों की सरकार से मांग
हैवी इंडस्ट्रीज मिनिस्टर एमएन पांडे को लिखे पत्र में SMEV ने कहा कि सरकार द्वारा EV कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी रद्द कर दी गई है, इसलिए जिन ग्राहकों को कंपनियां पहले ही सब्सिडी दे चुकी हैं, उनसे इन कंपनियों को पैसा वापस करने को कहा जाना चाहिए। 

 

कुछ EV कंपनियों को ग्राहकों से ओवरचार्जिंग का पैसा वापस करने के लिए कहा गया था। यदि सब्सिडी पूर्वव्यापी रूप से लागू की जाती है, तो ग्राहकों को सब्सिडी वाली कंपनियों को पैसा वापस करने के लिए कहा जाना चाहिए।

 

क्या है पूरा मामला
  • शिकायतें और जांच: मंत्रालय को चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) और मानदंडों के उल्लंघन के संबंध में शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद मंत्रालय ने ARAI और ICAT जैसी वाहन परीक्षण एजेंसियों को जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी।  इन एजेंसियों ने 13 EV कंपनियों के घटकों की सोर्सिंग पर विस्तृत जांच की। एजेंसियों ने प्लांट ऑडिट और वाहनों का स्ट्रिप डाउन परीक्षण भी किया। ये सारी जांच कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में वीडियोग्राफी के साथ की गई। 
  • जांच में क्या पाया गया: रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा कि हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा ने बड़े पैमाने पर आयातित पार्ट्स का इस्तेमाल किया है, जो PMP दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। जिन पार्ट्स का निर्माण भारत में होना चाहिए था, उन्हें भी बाहर से आयात किया गया है।
  • सरकार द्वारा की गई कार्रवाई: सरकार ने इन कंपनियों से सब्सिडी की रकम ब्याज समेत लौटाने को कहा और दी जा रही सब्सिडी बंद कर दी। राशि का भुगतान न करने की स्थिति में, इन कंपनियों को 7-10 दिनों में FAME-2 योजना से अपंजीकृत कर दिया जाएगा और योजना में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार सब्सिडी हड़पने के मामले में FIR दर्ज कराने पर भी विचार कर रही है। 
  • कहां फंसा है पेंच: सब्सिडी बंद होने के बाद कुछ कंपनियां ग्राहकों को राहत देती रहीं। उन्हें उम्मीद थी कि जांच के बाद इसे बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 
  • 13 कंपनियां जांच के दायरे में, 6 कंपनियों को क्लीन चिट मंत्रालय की जांच के दायरे में हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा के अलावा 13 ईवी कंपनियां हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, 'हमारी जांच में 6 कंपनियां पाक-साफ पाई गई हैं। इन कंपनियों को सरकार ने क्लीन चिट दे दी है, लेकिन सात कंपनियों ने नियमों का उल्लंघन किया है। इसलिए हम 469 करोड़ रुपये मांग रहे हैं। यह रकम उन्हें सरकार को वापस लौटानी होगी। 
अधिकारी ने कहा- 7 में से 2 EV कंपनियों ने मंत्रालय को सूचित किया है कि वे सब्सिडी की रकम ब्याज सहित लौटा देंगे। अधिकारी ने यह भी बताया कि सरकार ने इनमें से किसी भी कंपनी को वाहन बनाने से नहीं रोका है, लेकिन अब उन्हें इस योजना के तहत कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी। 

 

FAME-2 योजना क्या है?
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (FAME) योजना शुरू की थी। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दी जाती है। FAME-1 योजना के तहत 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। फेम-2 के लिए 2019 में 10 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं। 

 

इसके तहत अब तक 3701 करोड़ की राशि का उपयोग किया जा चुका है। वहीं वित्तीय वर्ष-2024 (FY24) के लिए 5172 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह मामला सामने आने के बाद यह देखना होगा कि सरकार बची हुई रकम का इस्तेमाल EV प्रमोशन के लिए करती है या नहीं। 

 

FAME नियमों के तहत, मंत्रालय ने शुरुआत में 1.50 लाख रुपये तक की कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर कंपनियों को 15,000 रुपये प्रति kWh की सब्सिडी प्रदान की। 1 जून 2023 से इसे घटाकर 10,000 रुपये प्रति kWh कर दिया गया है। एक्स-फैक्ट्री मूल्य की 40% की अधिकतम सब्सिडी सीमा को भी घटाकर 15% कर दिया गया है।