UP Assembly Election: छलका शिवपाल यादव का दर्द, कहा-भतीजे ने पहले मान ली होती बात तो आज न आती ये नौबत

प्रसपा (PSP) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) ने कहा कि यदि अखिलेश यादव ने उनके बताए नेताओं को पार्टी में पहले शामिल किया होता तो आज ये स्थिति न पैदा होती।

 
प्रसपा (PSP) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Yadav) का भतीजे अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) के लिए दर्द एक बार फिर छलका है। शिवपाल यादव ने कहा कि यदि अखिलेश यादव ने उनके बताए नेताओं को पार्टी में पहले शामिल किया होता तो आज ये स्थिति न पैदा होती। शिवपाल यादव का ये बयान तब आया है जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi party) में कभी अपने वैचारिक धुर विरोधी रहे मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी को कुछ दिन पहले ही पार्टी में शामिल कराया। Read Also : अयोध्या में बोले ओवैसी: इस बार यूपी का मुसलमान चुनाव जीतेगा, पिछड़े और दलित हमारे भाई हैं, हम उन्हें टिकट देंगे

 

पूर्व सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव की वजह से साल 2016 में अंसारी बंधुओं की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय को लेकर खबरें आईं थीं, लेकिन उस समय अखिलेश यादव की नाराजगी की वजह से विलय नहीं हो पाया था। अखिलेश यादव उस वक्त अपनी साफ सुथरी और विकास परक छवि को लेकर जनता के बीच जाना चाहते थे, लेकिन लगभग 5 साल बाद पिछले महीने की 28 तारीख को अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह को सपा में शामिल कर सबको चौंका दिया। Read Also : बदन सिंह की फेसबुक पोस्ट: PM-CM से की ये अपील, लिखा- मैं आत्मसमर्पण करने को तैयार हूं... अगर

 

किसान आंदोलन का किया समर्थन

शिवपाल यादव ने किसान आंदोलन को समर्थन दिया। उन्होंने कहा की किसानों के विरोध का लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की है। विपक्ष पर लग रहे आरोपों पर शिवपाल यादव मायूस नजर आए। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहे किसान आंदोलन में किसी राजनीतिक दल को एंट्री नहीं मिली है। विपक्ष बाहर से ही किसानों को समर्थन कर रहा है। इसलिए विपक्ष को घेरना गलत है। Read ALso : BJP झूठे मुद्दों पर सम्मेलन कर रही है, यह दुनिया की सबसे बड़ी झूठी पार्टी : अखिलेश यादव

 

शिवपाल के लिए सिर्फ एक सीट छोड़ेगी सपा

हालांकि टिकट वितरण के सवाल को प्रसपा अध्यक्ष एक बार फिर टाल गए, लेकिन समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उनका लहजा वही रहा। इटावा की सभी विधानसभा सीटों पर शिवपाल अपने प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं, लेकिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने अपने तमाम इंटरव्यू में ये कहा है कि उन्होंने शिवपाल सिंह के लिए अभी सिर्फ जसवंतनगर विधानसभा सीट छोड़ी है। बाकी सीटों पर राजनीतिक परिस्थितियों के आधार पर प्रसपा उम्मीदवारों को तरजीह दी जाएगी। Read more : 'अब पार्क और स्मारक नहीं, सिर्फ UP के विकास पर फोकस करूंगी' : बसपा सुप्रीमो मायावती

 

लिहाजा ये देखना बहुत दिलचस्प होगा की जिन सीटों पर सपा और प्रसपा दोनों दलों के प्रत्याशी प्रचार में जोर शोर से जुटे हैं, वहां गठबंधन की स्थिति को कैसे मैनेज किया जाता है क्योंकि इटावा और आस पास के जिलों की विधानसभा सीटों, जिन पर शिवपाल यादव का वर्चस्व माना जाता है, वहां अभी परिवार की दोनों पार्टियों के प्रत्याशी अपने लिए प्रचार कर रहे हैं।