मेरठ में 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी SP! 2 सीट पर RLD का प्रत्याशी तय, 1 सीट पर अभी भी संशय

रालोद के हिस्से में मेरठ की जो दो सीटें आईं हैं उनमें एक देहात की सिवालखास सीट और एक शहर की मेरठ कैंट सीट है।

 
 

रालोद-सपा के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो चुका है। रालोद के हिस्से में प्रदेश की 36 विधानसभा सीटें आई हैं, जिसमें से 30 पर रालोद के चुनाव चिह्न पर ही प्रत्याशी उतरेंगे, जबकि 6 पर सपा के चुनाव चिह्न पर रालोद का प्रत्याशी उतरेगा।

1 सीट पर संशय बरकरार

हालांकि अभी रालोद को मिली सीटों की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन खबर है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में 2 विधानसभा सीटें रालोद के हिस्से में आई हैं, जबकि 4 सीटों पर सपा का प्रत्याशी उतरेगा। 1 सीट पर अभी संशय बना हुआ है। यह सीट रालोद या किसी अन्य गठबंधन के हिस्से में जा सकती है। Read Also: मेरठ में 7 दिसंबर को होगी SP-RLD की पहली सयुंक्त रैली, विधानसभा चुनाव में जीत के लिए एक साथ जनता के बीच जाएंगे अखिलेश-जयंत

मेरठ कैंट और सिवालखास सीट रालोद के हिस्से में

खबर है कि रालोद के हिस्से में मेरठ की जो दो सीटें आईं हैं उनमें एक देहात की सिवालखास सीट और एक शहर की मेरठ कैंट सीट है। इन दोनों सीटों पर रालोद का प्रत्याशी उतरना पक्का हो चुका है, लेकिन रालोद मेरठ दक्षिण सीट पर भी मजबूती से दावा कर रही है। ऐसे में एक सीट पर अदला-बदली होने की संभावना भी है।
 

2017 में अकेले चुनाव लड़ी थी रालोद

दरअसल 2017 में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जबकि रालोद अकेले ही मैदान में उतरी थी। 2017 के चुनाव में मेरठ में समाजवादी पार्टी ने 5 सीटों मेरठ शहर, किठौर, हस्तिनापुर, सरधना और सिवालखास सीट पर दावा ठोका था, लेकिन सिर्फ मेरठ शहर की सीट ही जीत पाई थी, बाकी सीटों पर सपा की स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी।

सिवालखास में रालोद मजबूत

रालोद की बात करें तो 2017 में सिवालखास में रालोद मजबूत पार्टी बनकर उभरी थी। रालोद की तरफ से यशवीर सिंह मैदान में थे, उन्हें 44 हजार 710 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे। सपा के प्रत्याशी रहे गुलाम मोहम्मद 61 हजार 421 वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। हालांकि किसान आंदोलन के चलते इस बार माहौल रालोद के पक्ष में है, ऐसे में रालोद यहां मजबूत स्थिति में है।

मेरठ कैंट और दक्षिण में ऐसा था RLD का प्रदर्शन

वहीं मेरठ कैंट और मेरठ दक्षिण की बात करें तो सपा ने 2017 में भी ये दोनों सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ दी थी। मेरठ कैंट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे रमेश ढींगरा को 39,650 वोट मिले थे, जबकि रालोद के संजीव धामा को महज 3851 वोट मिले थे। वहीं मेरठ दक्षिण से कांग्रेस के आजाद सैफी को 69,117 जबकि रालोद के पप्पू गुर्जर को 5462 वोट मिले थे।

मेरठ दक्षिण सीट चाह रही रालोद

पिछले चुनाव में इन दोनों सीटों पर खराब स्थिति में रहने के बाद भी रालोद की कैंट सीट तो पक्की है, लेकिन कैंट के साथ ही वह दक्षिण सीट भी चाह रही है। ऐसे में इन दोनों सीटों पर अदला बदली हो सकती है। हालांकि अब रमेश ढींगरा ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है तो इस बार कैंट सीट पर कांग्रेस कमजोर नजर आ रही है, ऐसे में रालोद को मेरठ कैंट सीट मिलनी तय है।

हस्तिनापुर सपा के खाते में

वहीं 2017 के चुनावों में हस्तिनापुर में सपा और रालोद सामने थी। सपा प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक प्रभुदयाल वाल्मीकि को 48,979 वोट मिले थे, जबकि रालोद की कुसुम प्रधान को 6538 मत पड़े थे। इस सीट पर 2012 में इस सपा का कब्जा था, 2017 में भी सपा प्रत्याशी यहां मजबूत स्थिति में थे। ऐसे में यह सीट सपा के खाते में जा रही है।

किठौर और शहर सीट पर भी सपा मजबूत

किठौर और शहर सीट भी सपा के खाते में ही है। दरअसल शहर सीट पर पहले ही सपा का कब्जा है, ऐसे में रालोद का दावा नहीं बन रहा। वहीं किठौर सीट पर भी सपा रालोद से मजबूत स्थिति में है। किठौर में 2012 में सपा प्रत्याशी शाहिद मंजूर को 79 हजार 800 वोट  मिले थे और वे दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि रालोद के मतलूब गौड़ को सिर्फ 6591 वोट ही मिले थे।

सरधना पर भी रालोद की नजर, लेकिन सपा का दावा मजबूत

सरधना में रालोद प्रत्याशी वकील चौधरी को 3920 वोट ही मिले थे, जबकि अतुल प्रधान 76,296 वोट के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे। खबर है कि रालोद इस सीट पर भी दावेदारी कर रही है। दरअसल किसान आंदोलन से रालोद मजबूत स्थिति में आई है। सरधना के किसान बहुल होने के चलते रालोद यहां अपना प्रत्याशी उतारना चाहती है, लेकिन सपा प्रत्याशी अतुल प्रधान अखिलेश यादव के बहुत खास माने जाते हैं। ऐसे में यहां सपा का दावा मजबूत है।


वेस्ट यूपी की अन्य सीटों की स्थिति

सूत्रों के मुताबिक बागपत, शामली और मुजफ्फरनगर में अधिकतर सीट रालोद के हिस्से में आई है। दरअसल जाट बेल्ट होने के साथ ही किसान आंदोलन से मिली संजीवनी के बाद इन सीटों पर रालोद मजबूत स्थिति में है।

  • सूत्रों के मुताबिक बागपत की सभी तीन सीटों बागपत, बड़ौत और छपरौली विधानसभा पर रालोद का प्रत्याशी तय है।
  • मुजफ्फरनगर में छह सीटों में से चरथावल को छोड़कर बाकी पांच सीटों पर रालोद की दावेदारी है। चरथावल सीट पर टकराव है। दरअसल जयंत चौधरी खुद इस सीट से विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की सोच रहे हैं, जबकि सपा इस सीट से पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक के बेटे पूर्व विधायक पंकज मलिक सपा प्रत्याशी बनाना चाह रही है। मलिक हाल ही में कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुए हैं।
  • शामली में 3 सीटों में से थानाभवन और शामली पर रालोद का प्रत्याशी तय है।
  • बिजनौर में नहटौर और बिजनौर पर रालोद का दावा मजबूत है।
  • सहारनपुर में देवबंद समेत दो सीटों पर रालोद उतार सकती है अपना प्रत्याशी
  • हापुड़ में एक सीट हापुड़, गाजियाबाद में मुरादनगर, मोदीनगर और लोनी सीट पर रालोद का प्रत्याशी उतरना पक्का
  • वहीं बुलंदशहर में तीन से चार सीटें, अलीगढ़ में दो, मथुरा में चार, हाथरस में सादाबाद, अमरोहा में नौगांवा सादात सीट पर रालोद की मजबूत दावेदारी है।
  • लखीमपुर खीरी में एक और आगरा में दो सीटों पर दावेदारी की गई है।