कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ने का किया एलान, अमित शाह के बाद अब NSA चीफ अजीत डोभाल से की मुलाकात

कैप्टन ने कहा कि “अभी तक मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कांग्रेस में नहीं रहूंगा। मैं इस तरह का व्यवहार नहीं बर्दाश्त कर पाऊंगा।” 50 साल बाद मेरी विश्वसनीयता पर संदेह किया जा रहा है।

 
पंजाब मे चल रहा राजनीतिक तूफान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। बुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amrinder Singh) से मुलाकात करने के बाद अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने बड़ा बयान दिया है। कैप्टन ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि अब मैं कांग्रेस पार्टी में नहीं रहूंगा। उधर गुरुवार को कैप्टन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) से मुलाकात की। 

 

मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कांग्रेस में नहीं रहूंगा

एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जिस तरह से विधायक दल की बैठक बुलाकर ऐन मौके पर मुझे जानकारी दी गई, मैंने तभी साफ कर दिया था कि मैं पद छोड़ रहा हूं। अमरिंदर सिंह ने कहा कि अगर किसी को मेरे ऊपर विश्वास नहीं है, तो मेरे रहने का क्या फायदा है। कैप्टन ने कहा कि “अभी तक मैं कांग्रेस में हूं लेकिन कांग्रेस में नहीं रहूंगा। मैं इस तरह का व्यवहार नहीं बर्दाश्त कर पाऊंगा।” कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि 50 साल बाद मेरी विश्वसनीयता पर संदेह किया जा रहा है। यह असहनीय है। मैं इस तरह का अपमान नहीं सह सकूंगा, जिस तरह से मेरे साथ बर्ताव किया गया है वह ठीक नहीं है।

 

अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह भले ही पंजाब के मुख्यमंत्री नहीं हैं, लेकिन पंजाब अभी भी उनका है। इसलिए ही गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात की है। नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह टीम प्लेयर नहीं हैं, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए टीम प्लेयर की जरूरत है। अमरिंदर सिंह ने इस बात को स्वीकारा कि पंजाब में कांग्रेस की लोकप्रियता घट रही है और आम आदमी पार्टी का ग्राफ ऊपर जा रहा है। Read Also : भाजपा में शामिल होंगे पंजाब के पूर्व CM! अमित शाह से मिलने पहुंचे कैप्टन अमरिंदर सिंह, कृषि मंत्री बनाए जाने की चर्चा

 

अमरिंदर सिंह ने हाल ही में कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग द्वारा महीनों तक अपमान का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि शाह से कृषि कानूनों के बारे में बात की, जिसके कारण बड़े पैमाने पर किसानों का विरोध हुआ। हालांकि, माना यह भी जा रहा है कि वह बीजेपी (BJP) में शामिल हो सकते हैं।

 

अपनी अलग पार्टी बनाएंगे कैप्टन!

इस बीच, कैप्टन के करीबी सूत्रों ने जानकारी दी है कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन सिंह कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले हैं। वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे लेकिन भगवा पार्टी के साथ वह अपना मेलजोल बढ़ा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के 25 से 30 विधायक उनके संपर्क में है। ये विधायक यदि कैप्टन के साथ आते हैं तो चन्नी सरकार अस्थिर हो सकती है। इस बात का डर कांग्रेस को सताने लगा है। कैप्टन आज शाम दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए रवाना होंगे।

 

डोभाल से मुलाकात को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देखा जा रहा

उधर अजीत डोभाल से कैप्टन की इस मुलाकात को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़कर देखा जा रहा है। कैप्टन अमरिंदर कह चुके हैं कि नए CM चरणजीत चन्नी का बतौर मंत्री काम अच्छा रहा, लेकिन उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा का अनुभव नहीं है। दरअसल पंजाब के लिहाज से राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है। पंजाब पाकिस्तान की सीमा से सटा राज्य है। पिछले कुछ समय में यहां टिफिन बम और ड्रग्स पकड़े जा चुके हैं। पाकिस्तान से ही ड्रोन के जरिए यह सब भेजा गया था। खास बात यह है कि इस मामले में पूरी बरामदगी नहीं हुई है। इसके बावजूद CM बदलते ही इस पूरे ऑपरेशन को लीड कर रहे DGP दिनकर गुप्ता को भी हटा दिया गया। उसके बाद इस मामले में कोई खास प्रगति नजर नहीं आई।

 

राष्ट्रपति राज की तैयारी तो नहीं?

राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर गृह मंत्री और NSA से एक CM की मीटिंग तो समझ आती है, लेकिन अमरिंदर अब मुख्यमंत्री नहीं हैं। ऐसे में यह भी चर्चा है कि वह पंजाब के मौजूदा हालात से गृहमंत्री शाह और डोभाल को अवगत कराने गए हैं। पंजाब के भीतर सुरक्षा कमजोर हुई तो सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ेगा। सांसद मनीष तिवारी तक कह चुके कि पंजाब में अस्थिरता से पाक काले मंसूबों को अंजाम दे सकते हैं। चर्चा उठ रही है कि क्या कैप्टन पंजाब में राष्ट्रपति राज की सिफारिश कर रहे हैं? यह भी चर्चा है।