उत्तर प्रदेश में बनेगा देश का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज, एक साथ चलेंगी ट्रेनें और कारें, जानें क्या होगी ब्रिज की खासियत

भारतीय रेलवे ने गंगा नदी पर भारत का सबसे बड़ा डबल डेकर पुल बनाने की घोषणा की है, जिसके नीचे ट्रेनों के लिए चार लेन और ऊपर छह लेन का हाईवे होगा। इस परियोजना को हाल ही में कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है।
 
भारतीय रेलवे ने वाराणसी में गंगा नदी पर एक विशाल नया ब्रिज बनाने की घोषणा की है, जो रेलवे के इतिहास का सबसे बड़ा ब्रिज होगा। इस पुल पर चार रेलवे लाइन और छह लेन का हाईवे बनाया जाएगा। यह नया पुल 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज की जगह लेगा, जिसका इस्तेमाल फिलहाल रेलवे और सड़कों के लिए किया जा रहा है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को हाल ही में कैबिनेट से मंजूरी मिली है और इसके निर्माण पर 2,642 करोड़ रुपये खर्च होंगे।READ ALSO:-बिजनौर : सहकारी गन्ना समिति चुनाव में जमकर मारपीट, चले लाठी-डंडे, 7 लोग घायल, इलाका छावनी में तब्दील

 

इस ब्रिज के क्या हैं फायदे
यह पुल वाराणसी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर के बीच यातायात को सुचारू बनाने में मदद करेगा। इसके अलावा इससे माल ढुलाई की लागत और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। सरकारी अनुमान के मुताबिक इस ब्रिज से सालाना करीब 638 करोड़ रुपये की बचत होगी और आसपास के इलाकों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

 

 

अपने व्यस्त कार्यक्रम के कारण महत्वपूर्ण है मार्ग
कोयला, सीमेंट और अनाज जैसे सामानों के परिवहन के कारण यह मार्ग काफी व्यस्त रहता है, जिससे रेलवे के लिए इसका महत्व बढ़ जाता है। इस परियोजना से वाराणसी और चंदौली जिलों के बीच संपर्क बेहतर होगा। इसके अलावा यह मार्ग तीर्थयात्रियों के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस परियोजना के पूरा होने पर रेलवे नेटवर्क का करीब 30 किलोमीटर तक विस्तार होगा, जिससे माल और यात्री परिवहन दोनों को फायदा होगा।