मेरठ : मर्चेंट नेवी की नौकरी छोड़, सेना में भर्ती के नाम पर ठगी, 40 से ज्यादा बेरोजगारों को दिए फर्जी ज्वाइनिंग लेटर, STF ने दबोचा
उत्तर प्रदेश के मेरठ एसटीएफ और आर्मी इंटेलिजेंस ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ऐंठने वाले बड़े जालसाज अरविंद राणा को गिरफ्तार किया है। बदायूं का रहने वाला अरविंद राणा खुद मर्चेंट नेवी में सफाई कर्मचारी की नौकरी छोड़कर लौटा है। इसके बाद उसने बेरोजगार लोगों को सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी और फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया।
Updated: Sep 20, 2024, 15:16 IST

फर्जी भर्ती के जरिए 40 अभ्यर्थियों को भारतीय सेना में भर्ती कराने वाले अरविंद राणा को एसटीएफ ने मिलिट्री अस्पताल के सामने से गिरफ्तार कर सदर बाजार पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी खुद को भारतीय सेना का हवलदार बताकर मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में नौकरी दिलाने के नाम पर प्रत्येक अभ्यर्थी से पांच लाख रुपये लेता था। इसके बाद उन्हें फर्जी भर्ती पत्र उपलब्ध कराता था। READ ALSO:-चलती बाइक पर गर्लफ्रेंड संग रोमांस और स्टंट, वीडियो वायरल होने पर ट्रैफिक पुलिस ने काटा इतने रुपए का चालान
पुलिस लाइंस में पत्रकारों से वार्ता करते हुए एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि अरविंद राणा पुत्र अनिल राणा निवासी बघौल थाना वजीरगंज बदायूं गुरुवार को कुछ अभ्यर्थियों से मिलने एमएच अस्पताल आया था। यहां से उसे गिरफ्तार कर सदर बाजार थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।
एसटीएफ की पूछताछ में अरविंद राणा ने बताया कि वह हाईस्कूल पास है। वर्ष 2018 में उसने मुंबई में मर्चेंट नेवी में स्वीपर की नौकरी की थी, जहां जहाज पलटने के डर से वह नौकरी छोड़कर घर आ गया था।
नौकरी छोड़ने के बाद उसकी मुलाकात बिजनौर निवासी सौरभ से हुई, जो मर्चेंट नेवी में काम करता है। उसने उसे हापुड़ निवासी योगेश गौतम से मिलने को कहा और कहा कि वह उसे अच्छे पद पर नौकरी लगवा देगा। योगेश ने उसकी मुलाकात बागपत निवासी अजय उर्फ गुरुजी, बिट्टू उर्फ पहलवान और विष्णु उर्फ बलराम से कराई।
अजय ने अरविंद को बताया कि वह भर्ती के लिए आयु सीमा पार कर चुका है। अजय के कहने पर अरविंद ने सेना में भर्ती कराने के नाम पर चार से पांच लाख रुपये ऐंठने शुरू कर दिए। अभ्यर्थियों को फर्जी मेडिकल और भर्ती पत्र दिए।
अभ्यर्थियों को विश्वास में लेकर उसने अपना फर्जी आर्मी कार्ड भी बनवा लिया, जिसे अभ्यर्थियों को दिखाया। उसने फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड भी बनवा लिया, ताकि असली पहचान छिपी रहे। ये बरामद किए गए:
भारतीय सेना का फर्जी पहचान पत्र, अलग-अलग नाम और पते की फोटो वाले दो आधार कार्ड, दो पैन कार्ड, एक मतदाता पहचान पत्र, भारतीय सेना द्वारा स्वीकृत फर्जी पत्र की फोटोकॉपी, भारतीय सेना के फर्जी भर्ती पत्र की फोटोकॉपी, तीन भारतीय सेना आश्रित पहचान पत्र, एक भारतीय सेना कैंटीन कार्ड और दो मोबाइल फोन।