मेरठ : कॉम्प्लेक्स बनेंगे 17 सिंगल स्क्रीन सिनेमा, सरकार की नई नीति से सिनेमा हॉल मालिकों की मिली राहत 

प्रदेश सरकार की नई नीति से मेरठ के सिनेमा हॉल मालिक भी बेहद खुश हैं। आपको बता दें कि मेरठ में 17 सिनेमाघर बंद पड़े हुए हैं।
 
प्रदेश सरकार की नई नीति से मेरठ के सिनेमा हॉल मालिक भी बेहद खुश हैं।  आपको बता दें कि मेरठ में 17 सिनेमाघर बंद हैं। ये वो सिनेमा हॉल है जिसे कभी मेरठ का भव्य सिनेमा हॉल कहा जाता था। सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर अधिकतर शहर के पुराने घने इलाकों में स्थित हैं। फिलहाल शहर में अभी भी दो सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर संचालित हो रहे हैं। वहीं शहर के तीन सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों ने खुद को कॉम्प्लेक्स में तब्दील कर लिया है। इनमें निगार को डबल स्क्रीन से संचालित किया जाता है। नंदन अगले कुछ महीनों में चालू होने जा रहा है। अप्सरा को एक सिनेमा कॉम्प्लेक्स में बदल दिया गया है।READ ALSO:-UP : ‘ये प्रदर्शनी मत लगाओ भाई’, मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के फोटोशूट पर रोते हुए बोलीं शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की मां

 

बंद पड़े सिनेमा हॉल को कॉम्प्लेक्स में बदल दिया जाएगा. उत्तर प्रदेश के शहरों के मुख्य बाजारों में बने बंद पड़े सिनेमाघरों को अब बहुमंजिला कॉम्प्लेक्स बनाने की इजाजत दे दी गई है। अभी तक इन्हें तोड़कर मार्केट बनाने की इजाजत नहीं दी गई थी। जिला मेरठ सिनेमा एग्जिबिटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय गुप्ता का कहना है कि सरकार को सिनेमा संचालकों से बात करनी चाहिए और सिंगल स्क्रीन सिनेमा के दिन वापस लाने के लिए नीति में बदलाव करना चाहिए। 

 

अजय गुप्ता के अलावा शहर के बंद पड़े सिनेमाघरों के संचालकों का भी मानना है कि सिंगल स्क्रीन सिनेमा को बचाने के लिए सरकार को बहुत कुछ करने की जरूरत है। सिनेमा संचालकों का कहना है कि सिंगल स्क्रीन सिनेमा को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को अपनी नीति में बड़े बदलाव करने होंगे और जीएसटी में सब्सिडी भी देनी होगी। तभी सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर कुछ अच्छा कर पाएंगे।
 
आपको बता दें कि मेरठ में सिंगल स्क्रीन का पतन करीब तीन दशक पहले शुरू हुआ था। बदलते वक्त और तकनीक के साथ पहिया ऐसा घूमा कि दर्शकों ने धीरे-धीरे सिनेमाघरों से मुंह मोड़ लिया। मल्टीप्लेक्स के जादू ने सिनेमाघरों का सम्मोहन ख़त्म कर दिया है। परिणाम यह हुआ कि थिएटर खंडहरों में तब्दील हो गये। शहर की घनी आबादी वाले इलाके में स्थित अप्सरा सिनेमा को हाल ही में तोड़कर जब कॉम्प्लेक्स में तब्दील कर दिया गया तो सिनेमा प्रेमियों का दुखी होना स्वाभाविक था।  लोगों का कहना है कि अप्सरा जैसे सिनेमा घर के ढहने का साफ मतलब है कि मेरठ में सिंगल स्क्रीन सिनेमा का अस्तित्व अब खत्म होने की कगार पर है।