Bijnor : म्यूचुअल फंड ठगी, पीड़ितों ने धामपुर सांसद से लगाई न्याय की गुहार
म्यूचुअल फंड में ठगी के शिकार हजारों निवेशक पिछले एक महीने से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनियमित जमा योजना पाबंदी अधिनियम, 2019 (Buds Act 2019) के तहत उन्हें मिलने वाले मुआवजे की मांग की है।
Oct 3, 2024, 21:51 IST
धामपुर: म्यूचुअल फंड में ठगी के शिकार हजारों निवेशक पिछले एक महीने से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से अनियमित जमा योजना पाबंदी अधिनियम, 2019 (Buds Act 2019) के तहत उन्हें मिलने वाले मुआवजे की मांग की है।Read also:-मेरठ : मंदिर के सेवादार ने ऑनलाइन मंगाया था पनीर रोल, पार्सल में मिला एगरोल, दूसरे संप्रदाय के डिलीवरी बॉय पर धर्मभ्रष्ट करने का आरोप
पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस कानून का पालन करने में विफल रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी और अदालतें भी उनके आवेदनों पर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं। इसी मुद्दे को लेकर म्यूचुअल फंड के ठगी पीड़ितों ने ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के नेतत्व में धामपुर सांसद चंद्र शेखर आजाद के आवास पर ज्ञापन दिया। आजाद समाज पार्टी के विवेक सेन को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने ठगी पीड़ितों की आवाज संसद में उठाने की मांग की।
क्या है Buds Act 2019?
बुड्स एक्ट 2019 एक ऐसा कानून है जो अनियमित जमा योजनाओं से पीड़ित लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए बनाया गया था। इस कानून के तहत, सरकार को ठगी पीड़ितों को उनकी जमा राशि का दो से तीन गुना भुगतान करने का प्रावधान है।
बुड्स एक्ट 2019 एक ऐसा कानून है जो अनियमित जमा योजनाओं से पीड़ित लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए बनाया गया था। इस कानून के तहत, सरकार को ठगी पीड़ितों को उनकी जमा राशि का दो से तीन गुना भुगतान करने का प्रावधान है।
पीड़ितों की मांगें:
* Buds Act 2019 का सख्ती से पालन किया जाए।
* ठगी पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।
* सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
* फर्जी रिफंड पोर्टल को बंद किया जाए।
* Buds Act 2019 का सख्ती से पालन किया जाए।
* ठगी पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए।
* सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
* फर्जी रिफंड पोर्टल को बंद किया जाए।
सांसद से अपील
पीड़ितों ने सांसद से अपील की है कि वे संसद में इस मुद्दे को उठाएं।
पीड़ितों ने सांसद से अपील की है कि वे संसद में इस मुद्दे को उठाएं।