UP : मंदिर के दीये से लगी आग से घर बना लाक्षागृह, जिंदा जला व्यापारी का इकलौता बेटा, पिता को बचाकर फिर से गया था अंदर
आगरा में कालीन व्यापारी के घर में आधी रात को आग लग गई। आग में व्यापारी का बेटा जिंदा जल गया। बताया जा रहा है कि आग मंदिर में रखे दीपक से लगी थी। देर रात लगी आग को कई घंटों की मशक्कत के बाद बुझाया जा सका।
Jun 21, 2024, 22:45 IST
उत्तर प्रदेश के आगरा में कालीन कारोबारी केजी वशिष्ठ का इकलौता बेटा भारत जिंदा जल गया। गुरुवार आधी रात को उनके 3 मंजिला मकान में आग लग गई और धुआं भर गया, तब परिजनों को इसकी जानकारी हुईऔर आग की लपटों से बचते हुए भारत अपने पिता को बाहर ले आया। उसने पड़ोसियों से कहा कि पापा का ख्याल रखना। मैं अभी आता हूं, यह कहते हुए अचानक पता नहीं क्या हुआ कि बेटा फिर आग की लपटों से घिरे घर में घुस गया और फिर लाश बनकर बाहर आया। आग में जलने और दम घुटने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई।READ ALSO:-UP : पेपर लीक के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का सख्त रुख, दूसरे जिले में होगी परीक्षा, Barcode-Unique ID से होगी पहचान...
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सदर के शहीद नगर स्थित कावेरी विहार में गुरुवार रात भीषण आग लगने की घटना हुई। मंदिर में पूजा के बाद रखे गए दीये से घर में आग लग गई। उसके बाद सिलेंडर फटने से पूरा घर आग की चपेट में आ गया। मृतक की पहचान कालीन कारोबारी केजी वशिष्ठ के 35 वर्षीय बेटे भरत वशिष्ठ के रूप में हुई। एसीपी पीयूष कांत ने हादसे की पुष्टि कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
एक बार पिता के साथ बाहर निकल आया था भारत
आगरा सदर के एसीपी पीयूष ने बताया कि कालीन कारोबारी केजी वशिष्ठ और उनके 35 वर्षीय बेटे भरत वशिष्ठ घर पर अकेले थे। पूजा के बाद मंदिर में दीया रखा गया था, जिसने पहले मंदिर और फिर पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया। मंदिर में उठे धुएं से आग का पता चला। वे कुछ कर पाते, इससे पहले ही आग पूरे घर में फैल गई, जिसे देखकर भरत और उनके पिता घबरा गए।
भारत का कुछ जरूरी सामान घर के अंदर ही रह गया था
एसीपी पीयूष कांत ने बताया कि एक बार सुरक्षित बाहर निकलने के बाद उन्हें नहीं पता कि क्या हुआ? अचानक भारत फिर से घर के अंदर चला गया। उसने अपने पिता से कहा कि कुछ जरूरी सामान अंदर रह गया है। उसके पिता ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद उसका शव बाहर आया, क्योंकि आग की गर्मी से रसोई में रखा सिलेंडर ब्लास्ट हो गया था और आग धधकने लगी थी। दमकलकर्मियों ने उसे अधजली और बेहोशी की हालत में बाहर निकाला। भारत को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर आग का मामला दर्ज कर लिया है।
एसीपी पीयूष कांत ने बताया कि एक बार सुरक्षित बाहर निकलने के बाद उन्हें नहीं पता कि क्या हुआ? अचानक भारत फिर से घर के अंदर चला गया। उसने अपने पिता से कहा कि कुछ जरूरी सामान अंदर रह गया है। उसके पिता ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद उसका शव बाहर आया, क्योंकि आग की गर्मी से रसोई में रखा सिलेंडर ब्लास्ट हो गया था और आग धधकने लगी थी। दमकलकर्मियों ने उसे अधजली और बेहोशी की हालत में बाहर निकाला। भारत को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। पुलिस ने उसके शव को कब्जे में लेकर आग का मामला दर्ज कर लिया है।