UP : पेपर लीक के बाद उत्तर प्रदेश सरकार का सख्त रुख, दूसरे जिले में होगी परीक्षा, Barcode-Unique ID से होगी पहचान...
उत्तर प्रदेश समेत देशभर में परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों के बाद उत्तर प्रदेश सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है। भर्ती परीक्षा के पेपर लीक होने से रोकने और धांधली खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति जारी की गई है। पिछले कुछ दिनों में UP पुलिस भर्ती, RO-ARO पेपर लीक के अलावा प्रदेश में TGT का पेपर भी लीक हो चुका है।
Jun 21, 2024, 21:22 IST
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उत्तर प्रदेश में सभी तरह की परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक रोकने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। यह नीति गुरुवार को जारी की गई है। सीएम योगी के निर्देश पर बनी इस नीति में तय किया गया है कि एक भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी चार अलग-अलग एजेंसियों को दी जाएगी।READ ALSO:-Paytm वॉलेट यूज करने वालों के लिए बुरी खबर! 20 जुलाई से बंद हो जाएंगे हजारों Paytm वॉलेट, तुरंत करें ये काम
उत्तर प्रदेश समेत देशभर में परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों के बाद यूपी सरकार बेहद सख्त रुख अपना रही है। भर्ती परीक्षा के पेपर लीक रोकने और धांधली खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नई नीति जारी की गई है। पिछले कुछ दिनों में यूपी पुलिस भर्ती, आरओ-एआरओ पेपर लीक के अलावा प्रदेश में टीजीटी का पेपर लीक हो चुका है। अब नीट पीजी में कथित अनियमितताओं के बाद यूजीसी नेट परीक्षा भी पेपर लीक के बाद रद्द कर दी गई है, ऐसे में सरकार पर उठ रहे सवालों के बीच यह सरकार द्वारा लिया गया बड़ा फैसला है।
दो शिफ्ट में होगी परीक्षा
नई गाइडलाइन में कहा गया है कि अब महिलाओं और दिव्यांगों को छोड़कर सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए अपने गृह जिले से बाहर जाना होगा। चार लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर परीक्षा दो शिफ्ट यानी स्ट्रीम में कराई जाएगी। इसके अलावा रिजल्ट में छेड़छाड़ रोकने के लिए परीक्षा कराने वाले आयोग और बोर्ड में ओएमआर (OMR) शीट की स्कैनिंग कराई जाएगी। साथ ही परीक्षा केंद्रों के लिए मानक तय किए गए हैं, जिसमें गैर सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। प्रश्नपत्र पर कोडिंग होगी, इनमें यूनिक बारकोड, क्यूआर कोड, यूनिक सीरियल कोड होगा। पेपर ले जाने वाले बॉक्स में भी टैंपर प्रूफ मल्टी लेयर पैकेजिंग होगी। परीक्षाओं के दौरान स्कैन किए गए हस्ताक्षर फोटो का परीक्षा केंद्र पर मिलान किया जाएगा। अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र पर ही आधार कार्ड और बायोमेट्रिक से मिलान किया जाएगा।
नई गाइडलाइन में कहा गया है कि अब महिलाओं और दिव्यांगों को छोड़कर सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा देने के लिए अपने गृह जिले से बाहर जाना होगा। चार लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर परीक्षा दो शिफ्ट यानी स्ट्रीम में कराई जाएगी। इसके अलावा रिजल्ट में छेड़छाड़ रोकने के लिए परीक्षा कराने वाले आयोग और बोर्ड में ओएमआर (OMR) शीट की स्कैनिंग कराई जाएगी। साथ ही परीक्षा केंद्रों के लिए मानक तय किए गए हैं, जिसमें गैर सहायता प्राप्त स्कूल और कॉलेजों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। प्रश्नपत्र पर कोडिंग होगी, इनमें यूनिक बारकोड, क्यूआर कोड, यूनिक सीरियल कोड होगा। पेपर ले जाने वाले बॉक्स में भी टैंपर प्रूफ मल्टी लेयर पैकेजिंग होगी। परीक्षाओं के दौरान स्कैन किए गए हस्ताक्षर फोटो का परीक्षा केंद्र पर मिलान किया जाएगा। अभ्यर्थियों का परीक्षा केंद्र पर ही आधार कार्ड और बायोमेट्रिक से मिलान किया जाएगा।
पांच घंटे पहले सेट का चयन किया जाएगा
इस बारे में जानकारी देते हुए कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रश्नपत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस में मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। प्रिंटिंग प्रेस चयन में पूरी गोपनीयता बरती जाएगी। प्रेस में आने-जाने वाले लोगों की चेकिंग की जाएगी। सभी के पास आईडी कार्ड होना अनिवार्य होगा। प्रेस के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और इसकी रिकॉर्डिंग 1 साल तक सुरक्षित रखी जाएगी। हर परीक्षा के लिए दो से ज्यादा सेट में प्रश्नपत्र छापे जाएंगे। कौन सा सेट भेजा जाएगा, यह परीक्षा से कुछ समय पहले तय किया जाएगा। परीक्षा केंद्र रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर होगा। सरकार के कार्मिक विभाग में यह नीति तैयार की गई है।
इस बारे में जानकारी देते हुए कार्मिक विभाग के अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रश्नपत्र छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस में मोबाइल फोन ले जाना प्रतिबंधित रहेगा। प्रिंटिंग प्रेस चयन में पूरी गोपनीयता बरती जाएगी। प्रेस में आने-जाने वाले लोगों की चेकिंग की जाएगी। सभी के पास आईडी कार्ड होना अनिवार्य होगा। प्रेस के चारों तरफ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे और इसकी रिकॉर्डिंग 1 साल तक सुरक्षित रखी जाएगी। हर परीक्षा के लिए दो से ज्यादा सेट में प्रश्नपत्र छापे जाएंगे। कौन सा सेट भेजा जाएगा, यह परीक्षा से कुछ समय पहले तय किया जाएगा। परीक्षा केंद्र रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और कोषागार से 10 किलोमीटर के अंदर होगा। सरकार के कार्मिक विभाग में यह नीति तैयार की गई है।