बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में डॉक्टर की फीस अब 3.5 लाख से 4.25 लाख तक, MBA और MCA की फीस में भी बढ़ोतरी
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र पढ़ने आते हैं। खास तौर पर एमबीबीएस (BHU MBBS) समेत कई कोर्स की पढ़ाई करने के लिए छात्र बड़ी संख्या में आते हैं। यूनिवर्सिटी इन छात्रों को अन्य सभी छात्रों की तरह सुविधाएं मुहैया कराती है। हालांकि, सभी कोर्स की फीस में कुछ अंतर होता है। इसी तरह इस बार विदेशी छात्रों की एमबीबीएस फीस में भी बढ़ोतरी की गई है।
Nov 17, 2024, 14:40 IST
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बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र पढ़ने आते हैं। एमबीबीएस (BHU MBBS) समेत कई कोर्स की पढ़ाई करने के लिए छात्र बड़ी संख्या में आते हैं। विश्वविद्यालय इन छात्रों को अन्य सभी छात्रों की तरह सुविधाएं प्रदान करता है. हालांकि सभी कोर्स की फीस में कुछ अंतर होता है. इसी तरह इस बार विदेशी छात्रों की एमबीबीएस फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। यूजी, पीजी और पीएचडी से लेकर सर्टिफिकेट कोर्स तक की फीस में काफी बढ़ोतरी की गई है. विदेशी स्कॉलर्स की पीएचडी फीस में 110 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है।READ ALSO:-ठंड में नहीं कांपेंगे उत्तर प्रदेश के बेसहारा गरीब, शीतलहर के लिए योगी सरकार ने बनाई 20 करोड़ रुपये की विशेष योजना
पढ़ाए जाते हैं कई कोर्स
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी के साथ ही सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है। इन सभी कक्षाओं में एडमिशन के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र आते हैं।.इस बार इन छात्रों की फीस में बढ़ोतरी की गई है। पीएचडी की फीस में जहां 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की फीस में 75 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्रों को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी के साथ ही सर्टिफिकेट कोर्स की पढ़ाई कराई जाती है। इन सभी कक्षाओं में एडमिशन के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी छात्र आते हैं।.इस बार इन छात्रों की फीस में बढ़ोतरी की गई है। पीएचडी की फीस में जहां 110 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स की फीस में 75 फीसदी तक की बढ़ोतरी की गई है। एकेडमिक काउंसिल की बैठक में यह फैसला लिया गया है।
मेडिकल की पढ़ाई में भी हुई महंगी
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई की फीस में बढ़ोतरी की गई है. एमसीएच, एमडी, एमएस और डीएम कोर्स करने वालों की फीस 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4.25 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, सार्क देशों के छात्रों की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसी तरह, बीडीएस में ग्रेजुएशन कोर्स की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दी गई है। एमबीबीएस और बीएएमएस की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दी गई है। इसमें सार्क देशों के छात्रों की फीस 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई की फीस में बढ़ोतरी की गई है. एमसीएच, एमडी, एमएस और डीएम कोर्स करने वालों की फीस 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 4.25 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, सार्क देशों के छात्रों की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसी तरह, बीडीएस में ग्रेजुएशन कोर्स की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दी गई है। एमबीबीएस और बीएएमएस की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये कर दी गई है। इसमें सार्क देशों के छात्रों की फीस 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है।
मैनेजमेंट की फीस में भी हुई बढ़ोतरी
मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वालों की फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। इसमें एमसीए, एमबीए और एमआईबीए कोर्स की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसके लिए सार्क देशों के छात्रों की फीस 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, पोस्टग्रेजुएट कोर्स की फीस 45,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है। इसी तरह प्रोफेशनल कोर्स की फीस 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार और एमडब्ल्यूओके की फीस 45 हजार से बढ़ाकर 65 हजार कर दी गई है।
मैनेजमेंट की पढ़ाई करने वालों की फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। इसमें एमसीए, एमबीए और एमआईबीए कोर्स की फीस 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसके लिए सार्क देशों के छात्रों की फीस 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.10 लाख रुपये कर दी गई है। वहीं, पोस्टग्रेजुएट कोर्स की फीस 45,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये कर दी गई है। इसी तरह प्रोफेशनल कोर्स की फीस 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार और एमडब्ल्यूओके की फीस 45 हजार से बढ़ाकर 65 हजार कर दी गई है।
अकादमिक काउंसिल की बैठक में मिली अनुमति
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव अकादमिक काउंसिल की बैठक के एजेंडे में रखा गया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। विदेशी छात्रों की फीस बढ़ोतरी में सार्क देशों के छात्रों को राहत दी गई है। गैर सार्क देशों के छात्रों की तुलना में फीस बढ़ोतरी में 7 से 25 फीसदी की कमी की गई है। बता दें कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आठ सदस्य देश हैं। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका शामिल हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार फीस बढ़ोतरी का प्रस्ताव अकादमिक काउंसिल की बैठक के एजेंडे में रखा गया था। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। विदेशी छात्रों की फीस बढ़ोतरी में सार्क देशों के छात्रों को राहत दी गई है। गैर सार्क देशों के छात्रों की तुलना में फीस बढ़ोतरी में 7 से 25 फीसदी की कमी की गई है। बता दें कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के आठ सदस्य देश हैं। इसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका शामिल हैं।