UP में बेमौसम बारिश और आंधी का कहर जारी: 3 दिन से तबाही, 22 लोगों की मौत, आज 47 जिलों में ओलावृष्टि का अलर्ट, जाने मेरठ समेत इन शहरों में कितना हुआ नुकसान?

उत्तर प्रदेश में बीते तीन दिनों से लगातार बारिश और आंधी-तूफान का कहर जारी है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले पांच दिनों तक राहत की उम्मीद नहीं है। शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं, बिजली गिरने और ओलावृष्टि के कारण भारी तबाही मची।
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MRT
लखनऊ/मेरठ (12 अप्रैल, 2025): उत्तर प्रदेश पिछले तीन दिनों से बेमौसम बारिश, तेज आंधी और ओलावृष्टि की चपेट में है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस आपदा ने अब तक प्रदेश भर में कम से कम 22 लोगों की जान ले ली है। मौसम विभाग ने आज (शनिवार) भी प्रदेश के 47 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश, तेज हवाएं (30-40 किमी/घंटा) चलने और ओले गिरने की चेतावनी जारी की है। फिलहाल इस खराब मौसम से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है, और अगले 5 दिनों तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का सिलसिला जारी रहने का अनुमान है।

 

पश्चिमी यूपी में सर्वाधिक असर: शुक्रवार शाम से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। नोएडा, मथुरा, आगरा, हाथरस और अलीगढ़ समेत कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। मथुरा में करीब एक घंटे तक हुई तेज बारिश और आंधी के कारण शहर में कई जगह पेड़, बिजली के पोल और होर्डिंग्स उखड़ गए। फिरोजाबाद के थाना रजावली क्षेत्र में बछगांव चौराहे के पास एक दर्दनाक हादसे में, बाइक से जा रहे युवक पर पेड़ गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

 सीसीएसयू रोड पर गिरे यूनिपोल को उठाती जेसीबी मशीन

बुनियादी ढांचे और कार्यक्रमों पर प्रभाव:
  • बुलंदशहर: देर रात तेज हवा और बारिश के कारण 'बुलंदशहर महोत्सव' में लगा स्टेज लाइट और स्टैंडी गिर गया, जिससे कार्यक्रम 20 मिनट बाधित रहा। वहीं, पंजाबी गायक काका के कार्यक्रम के दौरान एक बिजली का पोल दर्शक दीर्घा के पास गिर गया, हालांकि गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ।
  • फर्रुखाबाद: यहां कई जगहों पर ओले गिरे और तेज आंधी से कादरी गेट पर लगा स्वागत द्वार ढह गया। बड़ी संख्या में पेड़ और बिजली के पोल उखड़ने से जिले के करीब 200 गांवों की बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
  • मेरठ: यहां भी आंधी के कारण एक होर्डिंग गिर गया, जिसे बाद में क्रेन की मदद से हटाया गया।
  • अन्य जिले: गाजियाबाद में धूल भरी आंधी चली, जबकि सहारनपुर और संभल में भी 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं दर्ज की गईं।

 

किसानों पर मौसम की मार: इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। गुरुवार को बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों में हुई ओलावृष्टि से हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई। एटा में शुक्रवार रात की आंधी-बारिश से गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञों का अनुमान है कि रबी की फसलों को औसतन 15 से 20 फीसदी तक का नुकसान हो सकता है। इस समय गेहूं, आम और लीची की फसलें पकने की स्थिति में हैं और तेज हवाएं व ओले इनके लिए बेहद हानिकारक साबित हो रहे हैं। किसानों को अपनी महीनों की मेहनत और लागत डूबने का डर सता रहा है।

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यातायात और तापमान पर असर: खराब मौसम का असर हवाई यातायात पर भी पड़ा है। दिल्ली आने वाली 10 उड़ानों को खराब मौसम के कारण वाराणसी और लखनऊ हवाई अड्डों पर डायवर्ट करना पड़ा। प्रदेश भर में औसतन 2.8 मिमी बारिश (सर्वाधिक बाराबंकी में 18.9 मिमी) दर्ज की गई है, जिससे औसत तापमान में 4-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। हालांकि, मौसम विभाग का कहना है कि बारिश के बावजूद गर्मी से बहुत ज्यादा राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

 

अगले 5 दिनों का पूर्वानुमान: मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं का दौर जारी रह सकता है। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने और पेड़ों व जर्जर संरचनाओं से दूर रहने की अपील की है।
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