मेरठ : ट्रिपल मर्डर केस में 16 साल बाद इंसाफ, 10 हत्यारों को उम्रकैद की सजा...शीबा को भी सजा, मेरठ में 16 साल पहले गोली मारी, आंखें फोड़ी; तलवार से काटा था
मेरठ के गुदड़ी बाजार के चर्चित तिहरे हत्याकांड में कोर्ट ने 10 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह फैसला 16 साल बाद आया है। इस घटना में 3 छात्रों की बेरहमी से हत्या कर उनके शवों को हिंडन नदी में फेंक दिया गया था।
Updated: Aug 5, 2024, 19:54 IST
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मेरठ के चर्चित गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में 16 साल बाद कोर्ट ने 10 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले एक अगस्त को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 10 आरोपियों को दोषी करार दिया था। उम्रकैद की सजा पाने वालों में एक युवती भी शामिल है। भ्रष्टाचार निवारण विशेष न्यायाधीश पवन कुमार शुक्ला ने यह फैसला सुनाया। जिस दिन आरोपियों को दोषी करार दिया गया, उस दिन मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरी कोर्ट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। इस घटना में मेरठ कॉलेज के तीन छात्रों को एक लड़की से छेड़खानी के मामले में पूरी रात प्रताड़ित करने के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद शवों को हिंडन नदी में फेंक दिया गया था।READ ALSO:-मेरठ: रोहित हत्याकांड के बाद बवाल, प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक, 100 पुलिसकर्मी और PAC तैनात, स्कूल-कॉलेज बंद
साल 2008 में गुदड़ी बाजार में तीन युवकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारों ने युवकों को अपने घर बुलाकर पहले लाठी-डंडों से पीटा, गोली मारी, इसके बाद हत्यारों ने तलवार से उनका गला रेत दिया था। पीटने और हत्या करने से पहले तीनों युवकों को पूरी रात प्रताड़ित किया गया था। हत्यारे पूरी रात युवकों की हत्या करते रहे और सुबह हो गई। फिर शवों को सीढ़ियों के पास फेंक दिया। मोहल्ले में हंगामा होने पर शवों को कार में लादकर भाग गए, लेकिन रास्ते में कार का ईंधन खत्म हो गया, तो वे कार को नहर के पास छोड़कर भाग गए। इस मामले में 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें से सात अभी भी जेल में हैं, एक की मौत हो चुकी है और छह आरोपी जमानत पर हैं।
कोर्ट में बहस पूरी होने के बाद सुनाई गई सजा
गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में वादी और सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि यह हत्या जघन्य हत्या की श्रेणी में आती है, इसलिए दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपियों का पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। तीनों शवों को टुकड़ों में नहीं काटा गया, यह सिर्फ मीडिया ट्रायल है। ऐसे में यह विरल श्रेणी में नहीं आता।
गुदड़ी बाजार तिहरे हत्याकांड में वादी और सरकारी वकील ने कोर्ट से कहा कि यह हत्या जघन्य हत्या की श्रेणी में आती है, इसलिए दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि आरोपियों का पहले कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। तीनों शवों को टुकड़ों में नहीं काटा गया, यह सिर्फ मीडिया ट्रायल है। ऐसे में यह विरल श्रेणी में नहीं आता।
Meerut: In Gudri Bazar triple murder case, the court found all accused guilty after a 16-year trial. The murders were related to a love affair involving a relative of a former MP. Two accused are deceased, and one was a juvenile. The final verdict will be delivered on August 5,… pic.twitter.com/IHvsykPP6H
— IANS (@ians_india) August 1, 2024
वादी वकील ने दलील दी कि तीनों युवकों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया गया, उनके गले चाकुओं से काटे गए, उन्हें गोली मारी गई, पाइप से पीटा गया। ऐसे लोग समाज के लिए खतरा हैं। इसलिए ऐसे दोषियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश मंच से उठ गए। लंच के बाद वह मंच पर वापस आए और दोपहर 3:45 बजे फैसला सुनाया।
23 मई 2008 की दोपहर बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी नदी के किनारे तीन युवकों के शव पड़े मिले थे। इनकी पहचान सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, मेरठ, पुनीत गिरी (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्ज्वल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई थी। पुलिस जांच में पता चला कि 22 मई की रात को तीनों की हत्या कोतवाली के गुदरी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी।