मेरठ: सौरभ हत्याकांड में पुलिस का तकनीकी शिकंजा, ई-साक्ष्य एप पर अपलोड हुए खून से लेकर हिमाचल के मौजमस्ती तक के सबूत

 पुलिस ने फोरेसिंक टीम के साथ सौरभ के मकान से खून के नमूने लिए, ई-साक्ष्य एप पर अपलोड किए गए सभी महत्वपूर्ण सबूत
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देश को झकझोर कर रख देने वाले सौरभ हत्याकांड में पुलिस कानूनी कार्रवाई को और मजबूत करने में जुटी है। इस मामले में क्रूरता की दास्तां लिखने वाले साहिल और मुस्कान भी अब कानूनी शिकंजे से बच नहीं पाएंगे। पुलिस ने उक्त मुकदमे से जुड़े तमाम सबूतों को ई-साक्ष्य एप पर अपलोड कर दिया है। इसी कड़ी में मंगलवार को फॉरेंसिक टीम ने सौरभ के किराए के मकान में पहुंचकर बेंजामिन टेस्ट के माध्यम से बाथरूम और बेडरूम से खून के नमूने लिए हैं।READ ALSO:-मेरठ में सौरभ हत्याकांड पर गुस्सा फूटा, जनता ने कैंडल मार्च निकालकर की न्याय की मांग

 

इससे पहले भी पुलिस दोनों आरोपियों के कबूलनामे का वीडियो इस एप पर अपलोड कर चुकी है। अब भले ही पीड़ित और आरोपी पक्ष आपस में समझौता कर लें, लेकिन तकनीकी साक्ष्य की मजबूत पकड़ के चलते दोनों आरोपियों को सजा मिलना तय माना जा रहा है।
यह सौरभ के घर के पिछले हिस्से में लगे CCTV की फुटेज है।
एसएसपी विपिन ताडा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) कानून लागू होने के बाद पुलिस को मुकदमे से जुड़े सभी साक्ष्यों को ई-साक्ष्य एप पर अपलोड करना अनिवार्य है। सौरभ हत्याकांड से जुड़े सभी महत्वपूर्ण सबूत भी पुलिस इसी एप पर अपलोड कर रही है।

 

फॉरेंसिक टीम ने खोला सौरभ का मकान:
मंगलवार को पुलिस फॉरेंसिक टीम को साथ लेकर सौरभ के उस मकान पर पहुंची, जहां साहिल और मुस्कान ने मिलकर उसकी हत्या की थी। हत्या के बाद आरोपियों ने केमिकल्स का इस्तेमाल करके पूरे घर को साफ करने की कोशिश की थी। इसके बावजूद फॉरेंसिक टीम ने बेंजामिन टेस्ट तकनीक का उपयोग करके बाथरूम और बेडरूम की दीवारों पर मौजूद खून के सूक्ष्म नमूनों को भी ढूंढ निकाला और उन्हें एकत्र किया।

 

ई-साक्ष्य एप पर अपलोड किए गए अन्य महत्वपूर्ण सबूत:
पुलिस ने सौरभ के शव को ड्रम से काटकर निकालने की लगभग 30 मिनट की वीडियो रिकॉर्डिंग भी ई-साक्ष्य एप पर अपलोड कर दी है। इसके अतिरिक्त, साहिल और मुस्कान के शुरुआती बयानों को भी इस डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दर्ज किया गया है। इतना ही नहीं, हत्या करने के बाद साहिल और मुस्कान के हिमाचल प्रदेश में घूमने जाने का वीडियो भी पुलिस ने सबूत के तौर पर अपलोड कर दिया है।

 मुस्कान खुद पुलिस के पास पहुंची थी। सौरभ की हत्या करने की बात कबूली थी।

पुलिस ने इस बात की भी तफ्तीश की है कि मुस्कान ने हत्या में इस्तेमाल किए गए ड्रम, चाकू और बेहोशी की दवाएं कहां से खरीदी थीं। इससे संबंधित उसके बयानों का वीडियो और उस कैप चालक का बयान भी रिकॉर्ड करके एप पर अपलोड किया गया है, जो मुस्कान और साहिल को हिमाचल प्रदेश घुमाने के लिए ले गया था। एसएसपी ने विश्वास जताया है कि सौरभ हत्याकांड में पुलिस के पास आरोपियों को सजा दिलाने के लिए तकनीकी साक्ष्य पर्याप्त और मजबूत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि आरोपी और पीड़ित पक्ष आपस में समझौता भी कर लेते हैं, तब भी इन तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को सजा मिलने से कोई नहीं रोक पाएगा।

 

थाने से अपलोड होते हैं साक्ष्य, अदालत में खुलते हैं सीधे:
ई-साक्ष्य एप की कार्यप्रणाली के बारे में बताते हुए एसएसपी ने कहा कि इस एप पर एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचक अपना अकाउंट खोलते हैं। मुकदमे से जुड़े सभी साक्ष्यों को वीडियो या फोटो के रूप में एप पर अपलोड किया जाता है। इसके बाद विवेचक को एक यूनिक नंबर मिलता है, जिसके माध्यम से ही दोबारा उन साक्ष्यों को देखा या अन्य साक्ष्य अपलोड किए जा सकते हैं।

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अदालत में भी यह ई-साक्ष्य एप उपलब्ध है। मुकदमे की सुनवाई के दौरान जज एफआईआर नंबर डालकर एप खोल सकते हैं और यह देख सकते हैं कि आरोपी ने उस समय क्या बयान दिया था, पुलिस ने कौन-कौन से सबूत जुटाए थे और गवाहों के बयान क्या थे, खासकर उन लोगों के जो अब अपने बयान बदल चुके हैं। तकनीकी साक्ष्यों की इस मजबूत बुनियाद पर अदालत आरोपियों को सजा सुना सकती है।

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सौरभ को श्रद्धांजलि के लिए निकला कैंडल मार्च:
इसी बीच, मेरठ व्यापार मंडप के महानगर अध्यक्ष शैंकी वर्मा और जीतू नागपाल के नेतृत्व में ब्रह्मपुरी में सौरभ को श्रद्धांजलि देने के लिए एक कैंडल मार्च भी निकाला गया। इस मार्च में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और सौरभ की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही, उन्होंने इस जघन्य हत्याकांड के दोनों आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग भी की। इस अवसर पर अजय, कामिल, पुनीत, मनोज और संजीव कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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