UP सरकार का बड़ा फैसला: धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस बिक्री और अवैध बूचड़खाने बंद
राम नवमी पर विशेष प्रतिबंध, उल्लंघन करने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, जिला स्तर पर बनेंगी समितियां
Mar 30, 2025, 00:05 IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य में अवैध बूचड़खानों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस की बिक्री को लेकर एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। सरकार ने धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही, राज्य भर में चल रहे सभी अवैध बूचड़खानों को तत्काल बंद करने के भी कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।READ ALSO:-बिजनौर: गंगा किनारे शराब पार्टी कर रहे युवकों को वन विभाग ने खदेड़ा, कार्रवाई की दी चेतावनी
योगी सरकार ने इस फैसले को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए वर्ष 2014 और 2017 में जारी किए गए सरकारी आदेशों का हवाला दिया है। इन आदेशों में पहले से ही अवैध पशु वध और धार्मिक स्थलों के पास मांस की बिक्री को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया था। अब सरकार ने इन नियमों का सख्ती से पालन कराने का निर्णय लिया है।
इस फैसले को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए राज्य सरकार ने जिला स्तर पर विशेष समितियों का गठन करने का निर्णय लिया है। इन समितियों की अध्यक्षता संबंधित जिलों के जिलाधिकारी (डीएम) करेंगे। समितियों में पुलिस विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन विभाग, परिवहन विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा प्रशासन जैसे विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों को शामिल किया जाएगा। यह समितियां अपने-अपने जिलों में इस नए आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करेंगी और अवैध गतिविधियों पर नजर रखेंगी।
सरकार ने आगामी राम नवमी के त्योहार को ध्यान में रखते हुए विशेष निर्देश जारी किए हैं। 6 अप्रैल 2025 को पूरे प्रदेश में राम नवमी के दिन पशु वध और मांस की बिक्री पूरी तरह से बंद रहेगी। इस दिन किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
योगी सरकार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं 2011 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत इस आदेश का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए। सरकार का यह कदम धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। इस फैसले से राज्य में अवैध मांस व्यापार पर लगाम लगने की उम्मीद है।
