मेरठ : भाईदूज के पहले दिन चार बहनों के इकलौते भाई और एक अन्य युवक की दर्दनाक मौत, गंधक और पोटाश कूटते समय हुआ विस्फोट
मेरठ के इंचौली में सल्फर और पोटाश से हुए विस्फोट में एक बच्चे की मौत हो गई। इमामदस्ता में गंधक पोटाश कूटते समय हादसा हो गया। चार बहनों का इकलौता भाई था। वहीं, परतापुर थाना क्षेत्र में एक युवक पाइप में गंधक और पोटाश छोड़ रहा था। इसी दौरान वो भी दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया।
Updated: Nov 14, 2023, 22:15 IST
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मेरठ में दिवाली पर सल्फर और देशी पटाखों ने दो लोगों की जान ले ली। भाईदूज से पहले चार बहनों के इकलौते भाई की मौत हो गई। दिवाली के दिन घर के मुखिया की लोहे की नाल से बारूद चलाते हुए मौत हो गई। दिवाली पर दो घरों में मातम छा गया। पाइप फटने से दो घरों की खुशियां मातम में बदल गईं। परतापुर के शताब्दीनगर में रहने वाले 40 वर्षीय रामकुमार की सीने में नाल घुसने से मौत हो गई। अपनी बहन के यहां रहकर पढ़ाई कर रहे इंचौली निवासी वरदान की भी गंधक और पोटाश कुचलते समय मौत हो गई।READ ALSO:-समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के फिर से बिगड़े बोल, जानें क्या कहा अब, हिंदू महासभा ने दर्ज कराई शिकायत
भाईदूज के पहले दिन चार बहनों के इकलौते भाई की दुखद मौत हो गई। फलावदा थाना क्षेत्र के गांव सकौती निवासी युद्धवीर सिंह उर्फ गुड्डु पीएसी में हैं। उनकी बेटी वर्णिका की शादी इंचौली थाना क्षेत्र के गांव अलुमकर निवासी प्रवेश से हुई थी। युद्धवीर सिंह का 11 वर्षीय बेटा वरदान अपनी बहन के घर पर रहकर कक्षा पांच में पढ़ रहा था।
वरदान पाइप से धमाका लेकर आया था। उन्होंने गंधक और पोटाश को पीसकर बारूद बनाना शुरू कर दिया। उसने गंधक और पोटाश को एक साथ मिलाकर इमामदस्ते में डाल दिया। जैसे ही उसने मूसली को पीसने के लिए उस पर हाथ मारा तो वह फट गई। विस्फोट में उंगलियां और चेहरा बुरी तरह झुलस गया। परिजनों ने उसे मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। इंचौली थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया।
दूसरी घटना परतापुर के शताब्दीनगर ई पॉकेट वन में हुई। शिशुपाल का बेटा रामकुमार (40) पाइप से पोटाश मिलाकर गंधक छोड़ रहा था। सल्फर पोटाश की मात्रा अधिक होने के कारण नाल फटकर रामकुमार के सीने में घुस गई। रामकुमार की मौके पर ही मौत हो गई। परतापुर थाना प्रभारी ने बताया कि परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया।
लोहे के पाइप (Pipe Releasing Sulphur-Potash) में हुए खतरनाक विस्फोट से दिवाली पर दो परिवारों की खुशियां मातम में बदल गईं। इस बार गांवों में पाइप ब्लास्ट की खूब बिक्री हुई। यहां तक कि बच्चों के हाथों में भी विस्फोटक थे। कई जगहों पर धमाकों से लोग घायल हो गए।
कई बार होता क्या है कि पाइप में सल्फर और पोटाश की मात्रा अधिक होने के कारण पाइप झटका नहीं झेल पाता और फट जाता है। परतापुर के शताब्दी नगर में भी कुछ ऐसा ही हुआ। पाइप विस्फोट का दबाव नहीं झेल सका और फट गया। पाइप के टुकड़े सीने में घुसने से रामकुमार की मौत हो गई।
इंचौली के अलुमकर गांव में अपनी बहन के घर रहकर पढ़ाई करने वाला वरदान चार बहनों का इकलौता भाई था। बहन उससे बहुत प्यार करती थी, इसीलिए वह उसे अपने पास रखकर पढ़ा रही थी। वरदान भी जिद करके पाइप ब्लास्ट ले आया। इसके लिए उसने गंधक और पोटाश को पीसना शुरू कर दिया। वह नहीं जानता था कि गंधक और पोटाश को एक साथ नहीं पीसा जाता। उसने दोनों को एक साथ इमामदस्ते में रख दिया और मूसली की चोट से विस्फोट हो गया। वरदान की दर्दनाक मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
पाइप विस्फोट बहुत खतरनाक होता है। ऐसे में परिजनों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को इसका इस्तेमाल न करने के लिए जागरूक करें। गंधक-पोटाश अत्यंत खतरनाक है, बच्चों को इससे हमेशा दूर रखना चाहिए।
