मेरठ : बनेंगे नए फ्लाईओवर-नए बाईपास, पूरी तरह बदलने वाली है मेरठ शहर की तस्वीर; सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ेगी

 उत्तर प्रदेश के मेरठ में नवरात्रि के पावन अवसर पर यातायात क्रांति की दिशा में एक ऐसा कदम उठाने पर निर्णायक सहमति बन गई है जिसे दशकों तक याद रखा जाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहा तो मोदीनगर के ट्रैफिक जाम की तरह मेरठ शहर के अंदर लगने वाला ट्रैफिक जाम भी इतिहास बन जाएगा। शहर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। इसके लिए सभी प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है।
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यातायात क्रांति की दिशा में ऐसा कदम उठाने पर निर्णायक सहमति बनी है, जिसे दशकों तक याद रखा जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो मोदीनगर के जाम की तरह मेरठ शहर के अंदर लगने वाला जाम भी इतिहास बन जाएगा। शहर की तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी। इसके लिए तमाम प्रस्तावों को मंजूरी मिल गई है। READ ALSO:-मेरठ : ‘पहचान देखकर ही लगवाएं मेहंदी, 'बहन-बेटी बचाएं'…निर्मोही अखाड़े के महामंडलेश्वर ने लगाए पोस्टर....

 

इन प्रस्तावों के धरातल पर उतरने का सपना भरोसे के साथ देखा जा सकता है, क्योंकि 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था पहले ही हो चुकी है और प्रस्ताव बाद में बनाया जा रहा है। पहले ऐसा होता था कि प्रस्ताव शासन को भेज दिया जाता था, लेकिन वहां से धनराशि नहीं मिलती थी। या फिर किसी काम के लिए धनराशि मिल भी जाती थी तो विभागाध्यक्ष गंभीरता नहीं दिखाते थे। 

 

मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय का दावा है कि एक महीने में इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर ली जाएगी। इसके बाद टेंडर जारी कर काम शुरू करा दिया जाएगा। पूरे शहर को छह जोन में बांटा गया है, इसलिए काम व्यवस्थित तरीके से होगा। हैकाथॉन में मेडा सचिव आनंद कुमार सिंह, प्रभारी मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने प्रमुख भूमिका निभाई।

 

ये होंगे नए बाईपास
दिल्ली रोड से मोहिउद्दीनपुर, महरौली होते हुए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से बागपत रोड, शामली-करनाल रोड तक। इसके लिए डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से जमीन ली जाएगी।

 

जमीन फ्रेट कॉरिडोर की होगी और सड़क निर्माण का खर्च मेडा उठाएगा। इसका लाभ सामान्य यातायात के साथ ही फ्रेट कॉरिडोर के स्टेशनों को सीधे मिलेगा। गौरतलब है कि कॉरिडोर के दोनों ओर अतिरिक्त जमीन अधिग्रहित की गई। इस पर खर्च होने वाली राशि का अभी आकलन नहीं किया गया है।

 

नहर के किनारे भूड़बराल से घाट गांव तक सड़क का चौड़ीकरण। इससे देहरादून बाईपास से वाहन मेरठ साउथ स्टेशन जाने के लिए बाईपास के रूप में इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। इस पर 12.61 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

 

ये होंगी एलिवेटेड सड़कें और फ्लाईओवर
बच्चा पार्क से जली कोठी चौराहा तक थापर नगर के समानांतर नाले के ऊपर एलिवेटेड सड़क।

 

  • हापुड़ अड्डा चौराहा और कमिश्नर आवास चौराहा पर ओवरब्रिज का निर्माण।
  • बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा किया जाएगा, डिवाइडर बनाया जाएगा

 

जाम की समस्या से जूझ रहे बिजली बंबा बाईपास को चौड़ा किया जाएगा। चौड़ीकरण के बाद बीच में डिवाइडर बनाया जाएगा। चौड़ीकरण के लिए अतिरिक्त जमीन नहीं खरीदी जाएगी और न ही नहर को भरा जाएगा। नहर की पूरी चौड़ाई तक सड़क बनाई जाएगी। इससे एक तरफ से आने और दूसरी तरफ से जाने वाले वाहनों के लिए लेन बनाई जाएगी। इस पर 80 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

 

ये होंगे मुख्य कार्य
  • सभी प्रमुख सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। डिवाइडर और फुटपाथ बनाए जाएंगे। रेलिंग लगाई जाएगी।
  • ई-रिक्शा लेन अलग होगी।
  • सभी चौराहों की चौड़ाई बढ़ाकर बाएं से निकलने का रास्ता बनाया जाएगा।

 

ओडियन नाला और आबूनाला समेत सभी नालों की पुलियों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। काली नदी की पुलिया की चौड़ाई फोर लेन की जाएगी। यहां मल्टीलेवल अंडरग्राउंड/पार्किंग बनाई जाएगी। बच्चा पार्क, टाउन हॉल, जिमखाना, कचहरी। यहां फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। तेजगढ़ी चौराहे से कृष्णा प्लाजा तक, बेगमपुल स्थित साईं मंदिर से लालकुर्ती, शास्त्री पार्क और हापुड़ अड्डा तक।
जनप्रतिनिधियों ने ये रखे प्रस्ताव
सभी सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की जरूरत है। सड़क किनारे लगे बिजली के खंभे और ट्रांसफार्मर हटाकर दूसरी जगह लगाए जा सकते हैं। चौराहों पर बाईं ओर निकलने की जगह नहीं है, इसलिए बाईं ओर कैरिजवे बनाएं। दुकानों के सामने से अतिक्रमण हटाते रहें, नहीं तो सड़कों का कोई फायदा नहीं होगा। शहर के बाहर मंडी या ट्रांसपोर्ट नगर बनाना कोई ठोस समाधान नहीं है, क्योंकि शहर का विस्तार हो रहा है, इसे व्यवस्थित रूप दिए जाने की जरूरत है। पांच-छह विभागों की कमेटी बनाकर तय किया जाए कि कहां क्या किया जाए, इसमें व्यापारिक संगठनों को भी शामिल किया जाए। -अरुण गोविल, सांसद, मेरठ।

 

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस भी परियोजना का शिलान्यास हो, उसके उद्घाटन का समय भी आना चाहिए। बेहतर गुणवत्ता वाली कार्य करने वाली कंपनी का चयन करें। अतिक्रमण हटाने के लिए सभी पर समान कार्रवाई करें। एलिवेटेड रोड और फ्लाईओवर की जरूरत है। मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाए। मेडा द्वारा सुझाए गए प्रस्ताव ठीक हैं, सिर्फ बातें न करें, काम शुरू हो। -डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, राज्यसभा सदस्य एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा।

 

शहर में एक भी एलिवेटेड रोड नहीं है। एनएचएआई ने परतापुर से मोदीपुरम तक सर्विस रोड नहीं बनाई, इस पर ध्यान दिया जाए। रिंग रोड के बचे हिस्से को पूरा कराया जाए। थ्री व्हीलर के लिए पार्किंग बनाई जाए। मल्टीलेवल पार्किंग जल्द बनाई जाए। डेयरी, ट्रांसपोर्ट नगर और सभी मंडी को शहर से बाहर शिफ्ट किया जाए। -अमित अग्रवाल, विधायक कैंट।

 

शहर में जरूरत के हिसाब से कई एलिवेटेड रोड बनाई जाएं। ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा के लिए स्टैंड बनाए जाएं। अधूरे रिंग रोड को पूरा कराकर बागपत रोड से जोड़ा जाए। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर होते हुए दिल्ली रोड से सलावा में मेजर ध्यानचंद नागर स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी तक रोड बनाई जाए। -धर्मेंद्र भारद्वाज, विधान परिषद सदस्य।

 

आबूराले में एलिवेटेड रोड जरूरी है। रोहटा रोड से खरौली गांव होते हुए भोला रोड तक रोड बनाई जाए, इससे बाईपास पर जाम कम लगेगा। भोला रोड से देहरादून बाईपास जाने वाले वाहनों के लिए फ्लाईओवर बनाया जाए। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का लाभ लेने के लिए बाईपास से महरौली तक एलिवेटेड रोड बनाई जा सकती है। मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाए, नहीं तो धरना देंगे। -राजकुमार सांगवान, सांसद बागपत।

 KINATIC

अतिक्रमण हटाने के लिए सख्ती की जरूरत है। पशु कॉलोनी विकसित करना और डेयरी हटाना जरूरी है। किसी भी सड़क के निर्माण से पहले संबंधित विभागों से समन्वय कर यह तय किया जाए कि अगले 10 साल में क्या-क्या कराया जाना है। ऐसा न हो कि सड़क बनने के बाद कोई दूसरा विभाग आकर उसे खोद दे। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ ही सड़क बने तो बड़ी सुविधा होगी। -डॉ. सोमेंद्र तोमर, ऊर्जा राज्यमंत्री

 

नया मेरठ बनाने के लिए काफी मेहनत और सहयोग की जरूरत है। इसके लिए कई प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है। दो साल पहले तक स्थिति ऐसी नहीं थी कि मेडा अपनी आय से शहर के विकास के लिए किसी बड़े प्रोजेक्ट पर पैसा खर्च कर सके, लेकिन अब सुनियोजित योजना से वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। फिलहाल इस 300 करोड़ से यातायात पर विचार किया जा रहा है। अन्य मदों से कई और बड़े काम होने हैं। -सेल्वा कुमारी जे., कमिश्नर

 SONU

इन्होंने दिए प्रमुख सुझाव
रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन की ओर से कमल ठाकुर ने प्रेजेंटेशन दिया। अतुल गुप्ता, अशोक गर्ग ने भी अपने विचार रखे। आर्किटेक्ट एसोसिएशन की ओर से ईशान ने प्रेजेंटेशन दिया। जागेश कुमार, अंकित अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे। व्यापारियों की ओर से विपुल सिंघल मौजूद रहे।

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