मेरठ : शहर के अंदर दौड़ी मेट्रो ट्रेन, साउथ स्टेशन से फुटबॉल चौक तक हुआ ट्रायल रन रन, ट्रेन देख खुशी से झूमें लोग
मेरठ मेट्रो आज यानी रविवार को शहर के अंदर पहली बार दौड़ी है। मेट्रो का ट्रायल रन सुबह 10 बजे मेरठ साउथ स्टेशन से शुरू हुआ। यह आज फुटबॉल चौक तक जाएगी। शहर के अंदर मेट्रो का यह ट्रायल है। इसमें परतापुर, दिल्ली रोड, शारदा रोड, ब्रह्मपुरी होते हुए मेरठ सेंट्रल (फुटबॉल चौक) के बीच ट्रायल रन शुरू हुआ।
Jan 12, 2025, 20:41 IST
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रविवार को जैसे ही जब मेरठ मेट्रो ट्रेन ने मेरठ में प्रवेश किया तो हर तरफ एक ही आवाज गूंज रही थी कि आ गई मेट्रो.. आ गई मेट्रो..मेरठ मेट्रो ट्रेन आ गई। मेरठ के मेरठ साउथ स्टेशन (Bhudbaral) और मेरठ सेंट्रल (Football Chowk) के बीच ट्रायल रन शुरू हो गया। READ ALSO:-UP : बाइक और स्कूटर चलाने वाले हो जाएं अलर्ट! 26 जनवरी से UP में बदल जाएंगे पेट्रोल खरीदने के नियम, नियम तोड़ा तो लगेगा जुर्माना
मेरठ में इस ट्रेन के प्रवेश को बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। ट्रायल पूरा होने के बाद मेरठ से मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। ट्रायल रन के दौरान NCRTC के निदेशक और इंजीनियर मौजूद रहे। इस ट्रायल में सिविल स्ट्रक्चर की जांच के लिए मेट्रो ट्रेन को मैनुअली चलाया गया।
मेरठ सेंट्रल के अंडरग्राउंड स्टेशन में लाइन के एक तरफ यह दौड़ी
ट्रायल रन के लिए शनिवार रात 11 बजे मेरठ साउथ स्टेशन (Bhudbaral) से मेरठ सेंट्रल तक काम रोक दिया गया था। रविवार को मेरठ सेंट्रल भूमिगत स्टेशन में लाइन के एक तरफ ट्रेन दौड़ी। ट्रैक के दूसरी तरफ अभी काम चल रहा है। सबसे पहले ट्रेन का इलेक्ट्रिकल टेस्ट होगा, यानी ओवरहेड इलेक्ट्रिकल लाइन में प्रवाहित करंट से ट्रेन चल पा रही है या नहीं। कोई रुकावट तो नहीं है? जहां भी दिक्कत है, उसे दूर किया जाएगा।
ट्रायल रन के लिए शनिवार रात 11 बजे मेरठ साउथ स्टेशन (Bhudbaral) से मेरठ सेंट्रल तक काम रोक दिया गया था। रविवार को मेरठ सेंट्रल भूमिगत स्टेशन में लाइन के एक तरफ ट्रेन दौड़ी। ट्रैक के दूसरी तरफ अभी काम चल रहा है। सबसे पहले ट्रेन का इलेक्ट्रिकल टेस्ट होगा, यानी ओवरहेड इलेक्ट्रिकल लाइन में प्रवाहित करंट से ट्रेन चल पा रही है या नहीं। कोई रुकावट तो नहीं है? जहां भी दिक्कत है, उसे दूर किया जाएगा।
यात्रियों के लोड के हिसाब से चलेगी ट्रेन
ट्रेन यात्रियों के लोड के हिसाब से सामान लादकर चलेगी। प्लेटफार्म के स्क्रीन डोर को खोलकर उसमें यात्रियों की तरह कर्मचारियों को बैठाने और निर्धारित समय में निर्धारित गति से ट्रेन चलाने का टेस्ट होगा। इसके बाद यात्रियों के लिए संचालन शुरू हो जाएगा। रविवार को ट्रेन को 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया। बाद में ट्रेन 10 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।
ट्रेन यात्रियों के लोड के हिसाब से सामान लादकर चलेगी। प्लेटफार्म के स्क्रीन डोर को खोलकर उसमें यात्रियों की तरह कर्मचारियों को बैठाने और निर्धारित समय में निर्धारित गति से ट्रेन चलाने का टेस्ट होगा। इसके बाद यात्रियों के लिए संचालन शुरू हो जाएगा। रविवार को ट्रेन को 5 से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया गया। बाद में ट्रेन 10 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी।
दुहाई से आएगी कुछ महीने मेट्रो
होली से पहले मेरठ मेट्रो का संचालन शुरू करने की तैयारी है। अगर ऐसा हुआ तो छह स्टेशनों पर मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। हालांकि मेरठ मेट्रो के संचालन का नियंत्रण मोदीपुरम डिपो पर रहेगा। यहां इसकी मरम्मत की जाएगी और रात में इसे वहीं पार्क किया जाएगा। जून तक मोदीपुरम तक इसका संचालन होने की उम्मीद है। ऐसे में दो चरणों में मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना है। इसके लिए समाधान ढूंढ लिया गया है। कुछ महीनों तक मेट्रो मोदीपुरम डिपो की जगह दुहाई डिपो से संचालित होगी। दुहाई में ट्रेनें खड़ी होंगी और वहीं पर उनकी मरम्मत होगी।
होली से पहले मेरठ मेट्रो का संचालन शुरू करने की तैयारी है। अगर ऐसा हुआ तो छह स्टेशनों पर मेट्रो सेवा शुरू हो जाएगी। हालांकि मेरठ मेट्रो के संचालन का नियंत्रण मोदीपुरम डिपो पर रहेगा। यहां इसकी मरम्मत की जाएगी और रात में इसे वहीं पार्क किया जाएगा। जून तक मोदीपुरम तक इसका संचालन होने की उम्मीद है। ऐसे में दो चरणों में मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना है। इसके लिए समाधान ढूंढ लिया गया है। कुछ महीनों तक मेट्रो मोदीपुरम डिपो की जगह दुहाई डिपो से संचालित होगी। दुहाई में ट्रेनें खड़ी होंगी और वहीं पर उनकी मरम्मत होगी।
संचालन के लिए दुहाई से भूड़बराल तक खाली ट्रेन लाई जाएगी, जिसके बाद भूड़बराल से यात्रियों को बैठाकर मेरठ सेंट्रल भेजा जाएगा। जून से मोदीपुरम तक संचालन शुरू होने पर मेट्रो का नियंत्रण दुहाई की जगह मोदीपुरम को सौंप दिया जाएगा।
भूड़बराल से शताब्दी नगर तक
भूड़बराल के बाद परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर स्टेशन हैं। अधिकांश काम लगभग पूरा हो चुका है। एक तरफ से प्रवेश और निकासी के लिए गेट का निर्माण भी अंतिम चरण में है। पार्किंग स्थल और लिफ्ट लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है। इन तीनों स्टेशनों का काम 31 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। उम्मीद है कि इस हिस्से पर नमो भारत ट्रेन का ट्रायल अंतिम चरण में पहुंचने तक स्टेशनों का सारा काम पूरा हो जाएगा। ट्रैक बिछाने के बाद इलेक्ट्रिक लाइन में बिजली छोड़कर टेस्टिंग शुरू कर दी गई है।
भूड़बराल के बाद परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर स्टेशन हैं। अधिकांश काम लगभग पूरा हो चुका है। एक तरफ से प्रवेश और निकासी के लिए गेट का निर्माण भी अंतिम चरण में है। पार्किंग स्थल और लिफ्ट लगाने का काम भी तेजी से चल रहा है। इन तीनों स्टेशनों का काम 31 जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। उम्मीद है कि इस हिस्से पर नमो भारत ट्रेन का ट्रायल अंतिम चरण में पहुंचने तक स्टेशनों का सारा काम पूरा हो जाएगा। ट्रैक बिछाने के बाद इलेक्ट्रिक लाइन में बिजली छोड़कर टेस्टिंग शुरू कर दी गई है।
भूमिगत हिस्सा
करीब पांच किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है। इसमें 3.50 किलोमीटर लंबी सुरंग और तीन स्टेशन (Meerut Central, Bhainsali and Begumpul) हैं। ट्रैक बिछाने का काम अंतिम चरण में है। ब्रह्मपुरी मेट्रो स्टेशन के बाद बेगमपुल स्टेशन के बाद रामलीला मैदान (Maruti Showroom) से टैंक चौराहा (MES Ramp) तक भूमिगत सुरंग बनाई गई है। इस हिस्से को दोनों तरफ एलिवेटेड वायडक्ट के रैंप से जोड़ा गया है।
करीब पांच किलोमीटर हिस्सा भूमिगत है। इसमें 3.50 किलोमीटर लंबी सुरंग और तीन स्टेशन (Meerut Central, Bhainsali and Begumpul) हैं। ट्रैक बिछाने का काम अंतिम चरण में है। ब्रह्मपुरी मेट्रो स्टेशन के बाद बेगमपुल स्टेशन के बाद रामलीला मैदान (Maruti Showroom) से टैंक चौराहा (MES Ramp) तक भूमिगत सुरंग बनाई गई है। इस हिस्से को दोनों तरफ एलिवेटेड वायडक्ट के रैंप से जोड़ा गया है।
मेरठ सेंट्रल पर चार ट्रैक बनाए जा रहे हैं। इनमें से दोनों साइड ट्रैक नमो भारत ट्रेन के निकलने के लिए होंगे जबकि प्लेटफार्म के दोनों तरफ की पटरियां मेरठ मेट्रो ट्रेन के रुकने के लिए होंगी। दो एंट्री-एग्जिट गेट बनाए जा रहे हैं। भैंसाली स्टेशन पर तीन एंट्री-एग्जिट गेट होंगे। इस स्टेशन पर भी चार ट्रैक बनाए गए हैं, जिनमें से दो नमो भारत और बाकी मेट्रो ट्रेन के लिए होंगे। सीढ़ियों और लिफ्ट के लिए काम चल रहा है। बेगमपुल स्टेशन पर दो ट्रैक हैं। सिग्नल की मदद से दोनों ट्रेनों को एक ही प्लेटफार्म पर बारी-बारी से रोका जाएगा। यहां चार एंट्री-एग्जिट गेट बनाए जा रहे हैं।
ट्रेन में ये भी है खास
- मेरठ मेट्रो का डिजाइन आधुनिक है। इसमें यात्रियों की अधिकतम सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।
- ट्रेनें वातानुकूलित हैं, जिनमें बैठने की व्यवस्था, लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा आदि हैं।
- मेरठ मेट्रो ट्रेनें अत्याधुनिक तकनीक और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं।
- एक ट्रेन में 700 से अधिक यात्री यात्रा कर सकेंगे।
- मेट्रो संचालन को सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) से एकीकृत किया जाएगा, ताकि सुरक्षा का पूरा पालन किया जा सके।
- ऊर्जा की खपत कम करने के लिए ट्रेनों के दरवाजों में पुश बटन का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी मदद से केवल वही दरवाजे खुलेंगे, जहां पुश बटन दबाया जाएगा।
- आपातकालीन निकास उपकरण, अग्निशामक यंत्र, अलार्म और टॉक-बैक सिस्टम जैसी सुरक्षा प्रणालियों को एकीकृत किया गया है।
- आपातकालीन स्थिति में मेडिकल स्ट्रेचर ले जाने के लिए ट्रेन में जगह होगी, व्हील चेयर के लिए भी जगह होगी।
ब्रह्मपुरी स्टेशन
इस स्टेशन के बाद बेगमपुल की ओर भूमिगत कॉरिडोर शुरू होता है। यह स्टेशन मेरठ मेट्रो के लिए बनाया जा रहा है। इसका काम फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है। स्टेशन का अधिकांश काम पूरा हो चुका है।
इस स्टेशन के बाद बेगमपुल की ओर भूमिगत कॉरिडोर शुरू होता है। यह स्टेशन मेरठ मेट्रो के लिए बनाया जा रहा है। इसका काम फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य है। स्टेशन का अधिकांश काम पूरा हो चुका है।