मेरठ : रैपिड रेल परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण शुरू, व्यापारियों ने कहा- जा रही हैं पूरी दुकानें...भूख हड़ताल की धमकी
उत्तर प्रदेश के मेरठ में रैपिड रेल कॉरिडोर के पास सड़क चौड़ीकरण और निर्माण के लिए जगदीश मंडप से ट्रांसपोर्ट नगर के प्रवेश द्वार तक दोनों तरफ नाले के पीछे जमीन अधिग्रहित की जा रही है। गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे प्रभावित व्यापारियों ने आरोप लगाया कि डेढ़ साल में आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया गया, मुआवजे के लिए क्षेत्रफल कम दर्शाया गया और मुआवजे की दर सर्किल रेट से भी कम तय की गई।
Sep 21, 2024, 07:55 IST
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रैपिड रेल कॉरिडोर के पास सड़क चौड़ीकरण और निर्माण के लिए जगदीश मंडप से ट्रांसपोर्ट नगर के प्रवेश द्वार तक दोनों तरफ नाले के पीछे जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इस क्षेत्र के प्रभावित व्यापारियों ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर आरोप लगाया कि डेढ़ साल में आपत्तियों का निस्तारण नहीं किया गया, मुआवजे के लिए क्षेत्रफल कम दिखाया गया और मुआवजा राशि सर्किल रेट से भी कम तय की गई। व्यापारियों ने समस्या का समाधान न होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी। READ ALSO:-मेरठ: BJP नेताओं में जमकर मारपीट, बीच-बचाव के दौरान जिला अध्यक्ष के भी फटे कपड़े; SP-BSP नेता BJP में शामिल--टिप्पणी पर बवाल
उन्होंने कहा कि कई व्यापारियों की पूरी दुकान अधिग्रहित की जा रही है। उनका रोजगार छीना जा रहा है। ऐसे लोगों के लिए सिर्फ मुआवजा राशि पर्याप्त नहीं है। उन्हें रोजगार के लिए किसी अन्य स्थान पर दुकान भी आवंटित की जानी चाहिए। गुरुवार को इस क्षेत्र के हरबंश सिंह, ऊषा रानी, अनिल कुमार, अरुण कुमार, अजय कुमार, मुनीश भारद्वाज आदि व्यापारी कलेक्ट्रेट पहुंचे।
सड़क चौड़ीकरण के 60 से अधिक दुकानों की जमीन का अधिग्रहण
जिलाधिकारी कार्यालय में एडीएम सिटी बृजेश सिंह से मिले और शिकायती पत्र सौंपा। व्यापारियों ने बताया कि रैपिड रेल परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण के लिए 60 से अधिक दुकानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। पिछले डेढ़ साल से आपत्तियां मांगी जा रही हैं, लेकिन उनका निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
जिलाधिकारी कार्यालय में एडीएम सिटी बृजेश सिंह से मिले और शिकायती पत्र सौंपा। व्यापारियों ने बताया कि रैपिड रेल परियोजना के तहत सड़क चौड़ीकरण के लिए 60 से अधिक दुकानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है। पिछले डेढ़ साल से आपत्तियां मांगी जा रही हैं, लेकिन उनका निस्तारण नहीं किया जा रहा है।
अधिग्रहित की जा रही जमीन का क्षेत्रफल कागजों में कम दिखाया जा रहा है, जबकि मौके पर अधिक जमीन ली जा रही है। मुआवजा राशि किस दर पर निर्धारित की जा रही है, यह भी नहीं बताया जा रहा है।
उन्होंने यह भी मांग की कि प्रभावित व्यापारियों को रैपिड रेल स्टेशन या नगर निगम के बाजारों में दुकानें आवंटित की जाएं। एडीएम सिटी ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया।