मेरठ : शामली एनकाउंटर में शहीद हुए STF इंस्पेक्टर को अंतिम विदाई; पिता से लिपटकर रोया बेटा, IG-DIG ने पार्थिव शरीर को दिया कंधा
पापा आज कुछ तो बोलो। एक बार तो बोलो...ये कहते हुए बेटा मंजीत मेरठ पुलिस लाइन में शहीद इंस्पेक्टर के पार्थिव शरीर से लिपट गया। वो फूट-फूट कर रोने लगा। ये देख वहां मौजूद हर कोई रोने लगा।
Jan 23, 2025, 20:03 IST
|

शामली मुठभेड़ में शहीद हुए एसटीएफ के जांबाज इंस्पेक्टर सुनील सिंह को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई। सुबह करीब नौ बजे गुरुग्राम से उनका पार्थिव शरीर पुलिस लाइन के शहीद स्मारक पर लाया गया। इस दौरान पुलिस अफसरों समेत अन्य लोगों की आंखें नम हो गईं। इस दौरान उनका बेटा मंजीत हाथ में फूलों की माला लेकर फफक कर रो पड़ा। उसने कहा, पापा आज तो बता ही देते। इस पर वहां मौजूद अन्य लोग भी रोने लगे। पास में खड़े दो लोगों ने किसी तरह बेटे को संभाला।READ ALSO:-बिजनौर : भगवान भरोसे है महिला जिला अस्पताल, जिलाधिकारी के निरीक्षण में उजागर हुई लापरवाही
शामली के झिंझाना में यूपी एसटीएफ की मेरठ यूनिट की टीम ने सोमवार रात दो बजे कग्गा गैंग के कुख्यात बदमाशों से लोहा लिया। दोनों तरफ से हुई कई राउंड फायरिंग में एक लाख के इनामी बदमाश अरशद के अलावा उसके साथी मंजीत, सतीश व एक अन्य मारे गए।
कर्तव्यपथ के अमर योद्धा को नमन
— UP POLICE (@Uppolice) January 22, 2025
जनपद शामली में अपराधियों के साथ साहसिक मुठभेड़ में कर्त्तव्यपालन के दौरान वीरगति को प्राप्त @uppstf के निरीक्षक सुनील कुमार को मा0 मुख्यमंत्री उ0प्र0 श्री @myogiadityanath जी द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों को रुपए 50 लाख की… pic.twitter.com/rsjpt0SSiG
मुठभेड़ के दौरान टीम का नेतृत्व कर रहे इंस्पेक्टर सुनील को भी पेट में तीन गोलियां लगीं। इनमें से एक गोली लीवर को पार करते हुए पीठ तक पहुंच गई। उनका गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उनका पित्ताशय निकाल दिया। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी। बुधवार को उनकी मौत हो गई।
इसके बाद गुरुवार सुबह गुरुग्राम से उनका पार्थिव शरीर पुलिस लाइन पहुंचा। शहीद को एडीजी मेरठ जोन डीके ठाकुर, डीआईजी कलानिधि नैथानी, डीआईजी अभिषेक सिंह और एसएसपी एसटीएफ घुले सुशील चंद्रभान समेत कई अन्य अफसरों ने कंधा दिया। शहीद स्मारक पर इंस्पेक्टर सुनील सिंह को अंतिम विदाई दी गई। इसके बाद मेरठ के इंचौली स्थित उनके पैतृक गांव मसूरी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। बेटे मंजीत ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान पुलिस की टुकड़ी ने सलामी दी।
अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। मसूरी के अलावा आसपास के गांवों से भी लोग गांव से श्मशान घाट तक उमड़ पड़े। उन्होंने अश्रुपूर्ण विदाई दी। उनका कहना है कि सुनील सिंह निडर थे। उन्होंने ठोकिया जैसे कई अपराधियों का सामना किया। उनकी बहादुरी के किस्से आसपास के गांवों में सुने और सुनाए जाते रहे हैं। वहीं सांसद अरुण गोविल ने भी परिवार को सांत्वना दी। सीएम योगी ने परिवार को 50 लाख रुपये देने का भी ऐलान किया है। परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिलेगी।