मेरठ: अपार्टमेंट की खराब लिफ्ट में फंसा डॉक्टर दंपत्ति और 20 दिन का मासूम पोता, मचा हड़कंप
पुलिस ने लिफ्ट तोड़कर तीनों को 40 मिनट बाद सुरक्षित निकाला, लापरवाही के आरोप में सोसाइटी पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज
Apr 13, 2025, 12:51 IST
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मेरठ: शहर के पल्लवपुरम थाना क्षेत्र स्थित एक अपार्टमेंट की लिफ्ट खराब होने से शनिवार सुबह (संभावित रूप से 12 अप्रैल 2025) हड़कंप मच गया। लिफ्ट में एक डॉक्टर दंपत्ति और उनका महज 20 दिन का नवजात पोता फंस गए। करीब 40 मिनट तक तीनों लिफ्ट में फंसे रहे, जिससे परिवार और सोसाइटी के लोगों की सांसें अटकी रहीं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर तीनों को सुरक्षित बाहर निकाला।READ ALSO:-मेरठ: आईपीएल मैच में चौका लगते ही 13 साल के बच्चे ने ख़ुशी में चलाई गोली, पड़ोसी युवक की मौके पर मौत
घटना का विस्तृत विवरण:
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कहाँ और कौन: घटना पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के रुड़की रोड स्थित हरि अपार्टमेंट की है। यहां पांचवीं मंजिल पर रहने वाले डॉक्टर एस.पी. सिंह और उनकी पत्नी सुंदरी देवी शनिवार सुबह अपने 20 दिन के पोते को घुमाने के लिए नीचे ले गए थे।
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कैसे फंसे: जब वे घूमकर वापस अपने फ्लैट पर लौट रहे थे, तो लिफ्ट में सवार हुए। लेकिन लिफ्ट दूसरी और तीसरी मंजिल के बीच अचानक बंद हो गई और वे अंदर ही फंस गए।
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दहशत का माहौल: नवजात शिशु के साथ लिफ्ट में फंस जाने से डॉक्टर दंपत्ति बुरी तरह घबरा गए। उनके हाथ-पैर फूल गए। उन्होंने बाहर निकलने की कोशिश की और शोर मचाया।
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रहवासियों का प्रयास: उनका शोर सुनकर अपार्टमेंट के ही निवासी अमित मौके पर पहुंचे और अन्य लोगों को सूचित किया। सोसाइटी के लोगों ने मिलकर लिफ्ट को खोलने या चालू करने का काफी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
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पुलिस ने की मदद: स्थिति की गंभीरता और बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए अपार्टमेंट के लोगों ने तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल की। सूचना मिलते ही पल्लवपुरम थाने की पीआरवी (पुलिस रिस्पांस व्हीकल) गाड़ी संख्या 567 मौके पर पहुंची। पीआरवी पर तैनात चालक सेंसरपाल राठी और कांस्टेबल नितिन तरार ने स्थानीय लोगों की मदद से लिफ्ट का दरवाजा तोड़ने का प्रयास शुरू किया।
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सफल बचाव: काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी लिफ्ट का दरवाजा तोड़ने में कामयाब रहे और अंदर फंसे डॉ. एस.पी. सिंह, उनकी पत्नी सुंदरी देवी और नवजात पोते को सुरक्षित बाहर निकाला। तीनों के सकुशल बाहर आने पर ही लोगों ने राहत की सांस ली।
लिफ्ट की समस्या और कानूनी कार्रवाई:
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निवासियों की शिकायत: अपार्टमेंट के निवासी अमित ने बताया कि यह लिफ्ट अक्सर खराब रहती है और पहले भी कई लोग इसमें फंस चुके हैं। उन्होंने कहा कि करीब 40 मिनट तक बुजुर्ग दंपत्ति और नवजात का लिफ्ट में फंसे रहना खतरनाक था और कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था।
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डॉक्टर दंपत्ति की आपबीती: डॉक्टर दंपत्ति ने बताया कि पोते के साथ होने के कारण वे बेहद डर गए थे और उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। लोगों के इकट्ठा होने पर उन्हें थोड़ी राहत मिली।
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मुकदमा दर्ज: इस घटना के बाद, डॉ. एस.पी. सिंह ने लिफ्ट के रखरखाव में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सोसाइटी के पदाधिकारियों सुजीत सिंह, कृष्णकांत सिंह, अशोक गर्ग और अशोक अग्रवाल के खिलाफ पल्लवपुरम थाने में तहरीर दी है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर इन पदाधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
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पुलिस जांच: सीओ दौराला प्रकाश चंद्र अग्रवाल ने पुष्टि की है कि डॉ. सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है। डॉ. सिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि लिफ्ट की खराबी की शिकायतें पहले भी की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
एक चेतावनी भरी घटना:
यह घटना न केवल सोसाइटी प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे बेसिक सुविधाओं की अनदेखी से जान पर बन आती है। लिफ्ट जैसी सुविधाओं के नियमित रख-रखाव की जिम्मेदारी केवल सुविधा नहीं, बल्कि सुरक्षा का विषय है।
