मेरठ :15 साल के लड़के ने ढाई साल की बच्ची से किया दुष्कर्म, खून से लथपथ होने पर पानी से धोकर मिटाए सबूत
मेरठ में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 15 साल के एक लड़के ने ढाई साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी ने बच्ची के शरीर पर लगे खून को पानी से धोकर सबूत मिटाने की कोशिश की।
Sep 26, 2024, 20:18 IST
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उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां पड़ोस में रहने वाला 15 वर्षीय लड़का एक बच्ची को टॉफी दिलाने के बहाने कमरे में ले गया। उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपी ने बच्ची के शरीर पर लगे खून को पानी से धोकर सबूत मिटाने की कोशिश की। परिजनों ने इसकी सूचना परतापुर पुलिस को दी। परतापुर थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी लड़के को गिरफ्तार कर लिया गया है। READ ALSO:-Elvish Yadav पर बड़ी कार्रवाई, ED ने जब्त की यूपी और हरियाणा की संपत्ति
यह मामला मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है। गांव में रहने वाले एक व्यक्ति की ढाई साल की बेटी घर के बाहर खेल रही थी। पड़ोस में रहने वाला चाचा (15 वर्षीय) बच्ची को अपने साथ कमरे में ले गया। वहां उसने बच्ची के साथ गंदी हरकत की। इसके बाद सबूत छिपाने के लिए उसने बच्ची के कपड़ों को पानी से धो दिया।
बच्ची रोती हुई घर पहुंची तो परिजनों को लगा कि वह पानी में गिर जाने के कारण रो रही है। बच्ची की गंभीर हालत देखकर परिजनों के होश उड़ गए। बच्ची ने बताया कि पड़ोस में रहने वाले किशोर ने उसके साथ गंदी हरकत की। परिजनों ने इसकी सूचना परतापुर पुलिस को दी। परतापुर थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपी किशोर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। बच्ची का मेडिकल कराया जा रहा है। बच्ची का डॉक्टर से इलाज कराया गया। एसएसपी मेरठ डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि आरोपी का मेडिकल कराने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा है और आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की जा रही है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना हमारे समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करती है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हमें समाज में जागरूकता बढ़ाने और बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की जरूरत है।