मेरठ : कलेक्ट्रेट परिसर में 15 दिन में खाली होंगे 13 दफ्तर और कोर्ट, आदेश हुआ जारी; कई अफसरों के बदल जाएंगे दफ्तर
उत्तर प्रदेश के मेरठ में कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित पुराने और जर्जर एडीएम ब्लॉक को तोड़कर नया तीन मंजिला कार्यालय परिसर बनाया जाएगा। 23 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे इस भवन के लिए 2.75 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। इस नए भवन में पार्किंग की सुविधा भी होगी और इसे दो साल में पूरा किया जाना है।
Sep 16, 2024, 11:00 IST
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कलेक्ट्रेट परिसर में अंग्रेजों के जमाने में बने पुराने जर्जर एडीएम ब्लॉक को तोड़कर नया तीन मंजिला कार्यालय परिसर बनाने का आदेश जारी हो गया है। 23 करोड़ की लागत से बनने वाले इस भवन के लिए 2.75 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में बनेगा बेहतरीन सुविधाओं वाला ये नया शहर, इन 40 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित....
आदेश जारी होते ही सिटी मजिस्ट्रेट ने यहां संचालित 13 विभिन्न अधिकारियों के कार्यालय व न्यायालय भवनों को 15 दिन के अंदर खाली करने का नोटिस दिया है। इस अनुमति से जहां कर्मचारी व अधिकारी खुश हैं, वहीं अब इन कार्यालयों को शिफ्ट करने की चुनौती खड़ी हो गई है।
एसएसपी कार्यालय से कलेक्ट्रेट में प्रवेश करते ही बाएं हाथ पर पुराना एडीएम ब्लॉक है। जिसमें दो एडीएम, दो एसीएम, दो न्यायालय, सिविल डिफेंस समेत कुल 13 कार्यालय व न्यायालय संचालित होते हैं। लेकिन यहां आने वाले लोग इस भवन की हालत देखकर डर जाते हैं।
यह भवन पुराना व जर्जर है। इसकी छतें टपकती रहती हैं और समय-समय पर भवन के हिस्से टूटकर गिरते रहते हैं। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने इस ब्लॉक को निष्प्रयोज्य घोषित कर शासन को रिपोर्ट भेजी थी। डीएम दीपक मीना ने जनवरी में शासन को पत्र भेजकर इसे ध्वस्त कर इसके स्थान पर तीन मंजिला कार्यालय परिसर बनाने की अनुमति और धन आवंटन की मांग की थी।
2.75 करोड़ जारी, 23 करोड़ में होगा निर्माण
यहां तीन मंजिला नए भवन के निर्माण के लिए सीएंडडीएस की ओर से एस्टीमेट तैयार किया गया है। जो करीब 23 करोड़ है। शुक्रवार को बताया गया कि शासन से मंजूरी मिलने के साथ ही पहली किस्त के रूप में 2.75 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इस भवन में पार्किंग की सुविधा भी होगी। यह निर्माण दो साल में पूरा होना है।
यहां तीन मंजिला नए भवन के निर्माण के लिए सीएंडडीएस की ओर से एस्टीमेट तैयार किया गया है। जो करीब 23 करोड़ है। शुक्रवार को बताया गया कि शासन से मंजूरी मिलने के साथ ही पहली किस्त के रूप में 2.75 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। इस भवन में पार्किंग की सुविधा भी होगी। यह निर्माण दो साल में पूरा होना है।
13 दफ्तरों को 15 दिन का आदेश
भवन निर्माण के लिए पहली किस्त जारी होते ही सिटी मजिस्ट्रेट व कोषागार प्रभारी अनिल कुमार ने सभी 13 दफ्तरों व न्यायालयों के अध्यक्षों को पत्र जारी कर 15 दिन के अंदर भवन खाली कर कार्यालय को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा की दृष्टि से यह भवन सुरक्षित नहीं है। इस कार्य को समय से पूरा करना है।
भवन निर्माण के लिए पहली किस्त जारी होते ही सिटी मजिस्ट्रेट व कोषागार प्रभारी अनिल कुमार ने सभी 13 दफ्तरों व न्यायालयों के अध्यक्षों को पत्र जारी कर 15 दिन के अंदर भवन खाली कर कार्यालय को अन्यत्र शिफ्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जनसुरक्षा की दृष्टि से यह भवन सुरक्षित नहीं है। इस कार्य को समय से पूरा करना है।
कार्यालयों को दूसरी जगह शिफ्ट करना चुनौती
भवन बनने तक कलेक्ट्रेट परिसर में 13 दफ्तरों व न्यायालयों को शिफ्ट करना जिला प्रशासन के लिए चुनौती होगी। परिसर में इतनी बड़ी संख्या में भवन उपलब्ध नहीं हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों का मानना है कि प्रत्येक कार्यालय में दो अधिकारियों की तैनाती करनी पड़ सकती है।
भवन बनने तक कलेक्ट्रेट परिसर में 13 दफ्तरों व न्यायालयों को शिफ्ट करना जिला प्रशासन के लिए चुनौती होगी। परिसर में इतनी बड़ी संख्या में भवन उपलब्ध नहीं हैं। कर्मचारियों और अधिकारियों का मानना है कि प्रत्येक कार्यालय में दो अधिकारियों की तैनाती करनी पड़ सकती है।
इन कार्यालयों को शिफ्ट करना होगा:-
- अपर जिला मजिस्ट्रेट नगर
- संयुक्त निदेशक अभियोजन
- जिला अभियोजन अधिकारी
- सीआरसी, जिला रजिस्ट्रार
- उप निदेशक चकबंदी
- उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा
- चकबंदी अधिकारी मेरठ
- उप रजिस्ट्रार एवं सहायक महानिरीक्षक निबंधन
- अपर जिला मजिस्ट्रेट भूमि अधिग्रहण
- विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट
- अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम
- अपर नगर मजिस्ट्रेट तृतीय
- अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ
यह अच्छी जानकारी है। इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जाएगा। यहां संचालित कार्यालयों को शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है। - दीपक मीना, जिलाधिकारी