उत्तर प्रदेश में बनेगा बेहतरीन सुविधाओं वाला ये नया शहर, इन 40 गांवों की जमीन होगी अधिग्रहित....
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा फेज-2: 10.4% भूमि पर विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, मैकेनिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे बड़े शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। मास्टर प्लान के तहत 13.2% भूमि परिवहन के लिए आरक्षित की गई है। जिसमें मेट्रो रेल और हाई स्पीड ट्रेन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल की गई हैं।
Updated: Sep 15, 2024, 16:15 IST
|
उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से जुड़ी इस वक्त की सबसे बड़ी और अहम खबर सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा फेज 2 के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। इस मास्टर प्लान के तहत ग्रेटर नोएडा फेज 2 को 55,970 हेक्टेयर जमीन पर विकसित किया जाएगा। इस जमीन का विस्तार गौतमबुद्ध नगर से गुलावठी यानी बुलंदशहर तक किया जाएगा। इस मास्टर प्लान में गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, हापुड़ और धौलाना क्षेत्र के 144 गांवों को शामिल किया गया है। इसको लेकर अथॉरिटी ने खास प्लान तैयार किया है। इसे उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है।Read also:-मुख्यमंत्री पद से 2 दिन बाद दूंगा इस्तीफा; कहा-जनता के बीच जाऊंगा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बड़ा ऐलान
क्या है मास्टर प्लान की खासियत
कुल जमीन का 17.40% हिस्सा आवासीय योजनाओं के लिए आरक्षित रहेगा। जहां नई आवासीय परियोजनाएं विकसित की जाएंगी। 4.8% जमीन शॉपिंग सेंटर और बिजनेस हब के लिए आरक्षित रहेगी। औद्योगिक विकास के लिए सबसे ज्यादा 25.4% जमीन औद्योगिक परियोजनाओं के लिए आरक्षित की गई है।
कुल जमीन का 17.40% हिस्सा आवासीय योजनाओं के लिए आरक्षित रहेगा। जहां नई आवासीय परियोजनाएं विकसित की जाएंगी। 4.8% जमीन शॉपिंग सेंटर और बिजनेस हब के लिए आरक्षित रहेगी। औद्योगिक विकास के लिए सबसे ज्यादा 25.4% जमीन औद्योगिक परियोजनाओं के लिए आरक्षित की गई है।
10.4% जमीन पर यूनिवर्सिटी, मेडिकल कॉलेज, मैकेनिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे बड़े शिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। मास्टर प्लान के तहत 13.2% जमीन परिवहन के लिए आरक्षित की गई है। जिसमें मेट्रो रेल और हाई स्पीड ट्रेन जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं शामिल हैं। पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। इसके लिए 22.5% जमीन हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित की गई है।
हापुड़ से परी चौक तक बनेगा एक्सप्रेस-वे
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक बड़ी घोषणा की गई है। इस घोषणा में कहा गया है कि परी चौक से हापुड़ तक 105 मीटर चौड़ा एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य बहुत जल्द शुरू किया जाएगा और इसे सबसे पहले जीटी रोड से जोड़ा जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है जिसका नेतृत्व प्राधिकरण के प्रबंधक सुरेंद्र कुमार कर रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक बड़ी घोषणा की गई है। इस घोषणा में कहा गया है कि परी चौक से हापुड़ तक 105 मीटर चौड़ा एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य बहुत जल्द शुरू किया जाएगा और इसे सबसे पहले जीटी रोड से जोड़ा जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के लिए किसानों से जमीन खरीदने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य के लिए एक विशेष टीम बनाई गई है जिसका नेतृत्व प्राधिकरण के प्रबंधक सुरेंद्र कुमार कर रहे हैं।
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दी जानकारी
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने लोकल 18 से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान को सबसे पहले ग्राम बोर्ड की बैठक में पास किया गया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के चीफ टाउन प्लानर की मंजूरी मिल गई है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश कैबिनेट और दिल्ली एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजा जाएगा। इस मास्टर प्लान के मंजूर होने के बाद ग्रेटर नोएडा फेज 2 में औद्योगिक और अन्य विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने लोकल 18 से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मास्टर प्लान को सबसे पहले ग्राम बोर्ड की बैठक में पास किया गया। उसके बाद उत्तर प्रदेश के चीफ टाउन प्लानर की मंजूरी मिल गई है। अब इसे अंतिम मंजूरी के लिए उत्तर प्रदेश कैबिनेट और दिल्ली एनसीआर प्लानिंग बोर्ड को भेजा जाएगा। इस मास्टर प्लान के मंजूर होने के बाद ग्रेटर नोएडा फेज 2 में औद्योगिक और अन्य विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी।
इतने सालों में बनकर तैयार हो जाएगा
ग्रेटर नोएडा फेज 2 को 8 हिस्सों में बांटकर बसाया जाएगा। इस शहर को पूरी तरह से विकसित होने में करीब 20 साल का समय लगेगा। इसमें सबसे खास बात यह होगी कि ग्रेटर नोएडा और फेज 2 एक दूसरे से जुड़े रहेंगे। लेकिन ये पूरी तरह से स्वतंत्र होंगे। यानी स्वतंत्र होने का मतलब है कि ये एक दूसरे पर निर्भर नहीं होंगे।
ग्रेटर नोएडा फेज 2 को 8 हिस्सों में बांटकर बसाया जाएगा। इस शहर को पूरी तरह से विकसित होने में करीब 20 साल का समय लगेगा। इसमें सबसे खास बात यह होगी कि ग्रेटर नोएडा और फेज 2 एक दूसरे से जुड़े रहेंगे। लेकिन ये पूरी तरह से स्वतंत्र होंगे। यानी स्वतंत्र होने का मतलब है कि ये एक दूसरे पर निर्भर नहीं होंगे।
दादरी के ये गांव ग्रेटर नोएडा फेज 2 के दायरे में आएंगे
ग्रेटर नोएडा फेज 2 का एरिया दिल्ली हावड़ा ट्रैक से लेकर हापुड़ बॉर्डर और दूसरी तरफ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक है। फेज 2 में ग्रेटर नोएडा के करीब 40 गांव शामिल किए जाएंगे, जिसमें से दादरी तहसील के सबसे ज्यादा गांव शामिल हैं। दादरी तहसील के नई बस्ती, फूलपुर, शाहपुर, भराना समेत 40 गांवों को शामिल किया गया है।
ग्रेटर नोएडा फेज 2 का एरिया दिल्ली हावड़ा ट्रैक से लेकर हापुड़ बॉर्डर और दूसरी तरफ ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे तक है। फेज 2 में ग्रेटर नोएडा के करीब 40 गांव शामिल किए जाएंगे, जिसमें से दादरी तहसील के सबसे ज्यादा गांव शामिल हैं। दादरी तहसील के नई बस्ती, फूलपुर, शाहपुर, भराना समेत 40 गांवों को शामिल किया गया है।