हाथी का शिकार : बिजनौर में क्यों हो रहा है हाथियों का शिकार? एक साल में सात हाथी की मौत...खेत में दबा पड़ा था हाथी....

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हाथी के शिकार का मामला सामने आया है। वन विभाग के अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली तो वे जांच के लिए एक किसान के खेत में पहुंचे। वहां कोई फसल नहीं लगी थी। अधिकारियों ने जब उसे खोदा तो खेत के अंदर बहुत ही बुरी हालत में एक हाथी का शव मिला।
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Elephant hunting
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एक हाथी का शिकार कर उसे खेत में दफनाने का मामला सामने आया है। दफनाने से पहले शिकारियों ने हाथी के दांत काट दिए और जेसीबी से खेत में गड्ढा खोदकर हाथी को दफना दिया। हाथी को दफनाए जाने के बीस दिन बाद हाथी के शिकार का मामला सामने आया है। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद डीएफओ नजीबाबाद वंदना फोगाट ने तेरह लोगों के खिलाफ वन्यजीव अपराध नियंत्रण धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इस मामले में डिप्टी रेंजर और वन रक्षक को निलंबित कर दिया गया है। READ ALSO:-READ ALSO:-बिजनौर : 15 दिन पुराने कुट्टू के आटे की बिक्री और भंडारण पर लगा प्रतिबंध, जिला मजिस्ट्रेट ने जारी किए सख्त निर्देश

 

डीएफओ नजीबाबाद वंदना फोगाट ने मीडिया को बताया कि नजीबाबाद वन प्रभाग की कौड़िया रेंज के कंद्रावली गांव में जय सिंह के गन्ने के खेत में वन्यजीवों के शिकार की सूचना मिलने के बाद एसीएफ राजीव कुमार ने वन विभाग की टीम, ग्राम प्रधान और अन्य ग्रामीणों के साथ जय सिंह के गन्ने के खेत की जांच की तो करीब एक बीघा जमीन उजड़ी हुई मिली। उस उजड़ी हुई जमीन पर कुछ भी बोया नहीं गया था। खेत में दबा था हाथी

 

संदेह के आधार पर वन विभाग के अधिकारियों ने खेत की खुदाई की तो उनके होश उड़ गए। खेत में एक वयस्क हाथी दबा हुआ था। हाथी के दांत कटे हुए थे। पूछताछ करने पर पता चला कि खेत मालिक जय सिंह अपने तार की बाड़ में प्रतिदिन करंट प्रवाहित करता था, जिससे अक्सर विभिन्न जंगली जानवर मर जाते थे। जय सिंह आसपास रहने वाले वन गुज्जरों व अन्य लोगों के साथ मिलकर शिकार की खाल, सींग, दांत, बाल, नाखून निकालकर खा जाते थे या फिर फेंक देते थे।

 

वन विभाग के अधिकारियों ने नगीना थाने में जय सिंह, हरविंद्र, सतनाम, किशन, दयाल, हसन, शमशाद, सिराजुद्दीन व छह अन्य अज्ञात शिकारियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम व अपराध नियंत्रण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया है। 

 

इस पूरे मामले में नजीबाबाद डीएफओ वंदना फोगाट ने शिकार की साजिश में शामिल होने व अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही बरतने के आरोप में डिप्टी रेंजर व वन रक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया है और विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

 

करंट छोड़ने वाले किसानों को दी चेतावनी  
डीएफओ वंदना फौगाट ने तार फेंसिंग में करंट छोड़ने वाले किसानों को चेतावनी दी है कि यदि किसी भी किसान के खेत की तार फेंसिंग में करंट पाया गया तो ऐसे किसानों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

 KINATIC

वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन ऑफ इंडिया से जुड़े ताजपुर स्टेट के राजा इंद्रजीत सिंह ने करंट से वन्यजीवों की मौत की घटनाओं की रोकथाम की मांग करते हुए कहा है कि एक साल में जिले में करंट लगने से सात हाथियों की मौत हो चुकी है। दस दिन पहले साहूवाला रेंज में, उससे पहले बढ़ापुर रेंज में भी हाथियों की मौत करंट लगने से हो चुकी है। वन विभाग को फेंसिंग में करंट छोड़ने पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
SONU

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