बिजनौर: पेट्रोल पंप लाइसेंस के नाम पर हलवाई से ₹43.50 लाख की ठगी, साले और रिश्तेदारों समेत 6 पर मुकदमा
नहटौर निवासी पीड़ित ने कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराया केस, आरोपियों ने विश्वास जमाने के लिए जमीन पर रखवा दिया था पेट्रोल टैंक और मशीन, दस्तावेज निकले फर्जी।
Apr 13, 2025, 13:31 IST
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बिजनौर/नहटौर: बिजनौर जिले के नहटौर कस्बे में पेट्रोल पंप का लाइसेंस दिलाने के नाम पर एक बड़ी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने एक हलवाई की दुकान चलाने वाले व्यक्ति को झांसा देकर किश्तों में 43 लाख 50 हजार रुपये ठग लिए। हैरानी की बात यह है कि ठगी के मुख्य आरोपियों में पीड़ित के करीबी रिश्तेदार (भांजी के पति, ससुर और भाई) भी शामिल हैं। पुलिस द्वारा शुरू में कार्रवाई न करने पर पीड़ित ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके आदेश पर अब नहटौर कोतवाली में 6 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।READ ALSO:-बिजनौर: ग्राम प्रधान को लॉरेंस बिश्नोई के नाम से मिली जान से मारने की धमकी, विदेशी नंबर से आई कॉल
क्या है पूरा मामला?
नहटौर की दुर्गा विहार कॉलोनी में रहने वाले चंद्रपाल सिंह प्रजापति हलवाई की दुकान चलाते हैं। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर और कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उनकी भांजी नीता कुमारी के पति प्रदीप कुमार, प्रदीप के पिता खेम सिंह और भाई कुलदीप कुमार ने गोरखपुर निवासी मोहित कुमार गुप्ता और उसकी पत्नी सुभद्रानंद गुप्ता के साथ मिलकर उनके साथ धोखाधड़ी की साजिश रची।
चंद्रपाल के अनुसार, 10 जनवरी 2021 को ये सभी लोग (प्रदीप, नीता, खेम सिंह, कुलदीप, मोहित, सुभद्रा, आनंद गुप्ता) उनके घर आए। उस समय उनका बेटा राहुल भी मौजूद था। आरोपियों ने उन्हें नहटौर कोतवाली रोड पर हाईवे किनारे स्थित उनकी जमीन पर पेट्रोल पंप लगवाने के सुनहरे सपने दिखाए।
विश्वास जीतने के लिए चली चाल
आरोपियों ने चंद्रपाल का विश्वास जीतने के लिए बेहद शातिराना तरीका अपनाया। उन्होंने लाइसेंस के नाम पर अलग-अलग समय पर उनसे कुल 43 लाख 50 हजार रुपये ले लिए। रुपये लेने के बाद उन्होंने कुछ दस्तावेज भी दिए। इतना ही नहीं, 31 मार्च 2022 को आरोपियों ने पेट्रोल पंप पर लगने वाला एक अंडरग्राउंड स्टोरेज टैंक और एक फ्यूल डिस्पेंसर मशीन (जिससे गाड़ियों में पेट्रोल भरा जाता है) चंद्रपाल की प्रस्तावित जमीन पर भिजवा दिया, ताकि उन्हें यकीन हो जाए कि काम वास्तव में हो रहा है। बाद में पेट्रोल पंप के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) का एक पत्र भी दिया गया।
ऐसे हुआ खुलासा
जब चंद्रपाल ने दिए गए दस्तावेजों की जांच कराई, तो वे सभी फर्जी निकले। इसके बाद जब उन्होंने आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया और टालमटोल करने लगे।
कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
ठगी का अहसास होने पर चंद्रपाल सिंह प्रजापति ने पहले नहटौर कोतवाली में शिकायत की, लेकिन उनका आरोप है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद उन्होंने न्याय के लिए न्यायालय की शरण ली। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को तत्काल मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
नहटौर कोतवाल धीरज सिंह सोलंकी ने पुष्टि की है कि कोर्ट के आदेश पर पीड़ित चंद्रपाल सिंह प्रजापति की तहरीर के आधार पर आरोपी प्रदीप कुमार, खेम सिंह, कुलदीप कुमार, मोहित कुमार गुप्ता, सुभद्रानंद गुप्ता समेत सभी 6 नामजद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की गहनता से जांच शुरू कर दी गई है।
