बिजनौर : तिलक विवाद में सस्पेंड हुईं आयशा मैडम, तो रोने लगे बच्चे! बच्चों ने कहा- मैम मत जाइए, तो पता चली ये कहानी
उत्तर प्रदेश में बिजनौर के भनेड़ा क्षेत्र में सरकारी स्कूल की शिक्षिका को बच्चों के साथ धर्म के आधार पर भेदभाव करने के आरोप में बीएसए ने निलंबित कर दिया। इस मामले ने आज नया मोड़ ले लिया। निलंबित होने के बाद जब शिक्षिका तनवीर आयशा स्कूल से जाने लगी तो बच्चों ने उसकी विदाई पर भावुक होकर विरोध जताया और आरोपों को झूठा बताया।
Updated: Aug 28, 2024, 14:45 IST
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उत्तर प्रदेश में बिजनौर के भनेड़ा उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका तनवीर आयशा के निलंबन से माहौल भावुक और विवादास्पद हो गया है। आपको बता दें कि शिक्षिका तनवीर आयशा पर आरोप था कि उन्होंने तिलक लगाकर स्कूल आने वाले बच्चों को स्कूल आने से मना कर दिया था। इस घटना ने गांव ही नहीं बल्कि मीडिया में भी हलचल मचा दी थी। लेकिन जब शिक्षिका आयशा को स्कूल से विदाई दी गई तो बच्चों की भावनाओं ने सबको हैरान कर दिया।READ ALSO:-UP डिजिटल मीडिया नीति 2024 : UP में फेसबुक-इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वीडियो बनाने पर मिलेंगे पैसे, रोजगार के साथ सरकार देगी लाखों की सैलरी!
बच्चों ने स्कूल छोड़ने की बात कही
शिक्षिका आयशा को निलंबित करने का आदेश मिलते ही जब वह स्कूल से जाने लगीं तो स्कूल के बच्चे इकट्ठा हो गए और रोने लगे। यह दृश्य इतना भावुक था कि वहां मौजूद अन्य लोगों का दिल भी पिघल गया। बच्चों ने साफ कर दिया कि अगर आयशा मैडम को स्कूल से निकाला गया तो वह भी इस स्कूल में नहीं पढ़ेंगे और साथ ही उन्होंने अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) कटवाने की बात कही। बच्चों ने यह भी विरोध जताया कि आयशा मैडम ने कभी तिलक लगाने से मना नहीं किया था।
शिक्षिका आयशा को निलंबित करने का आदेश मिलते ही जब वह स्कूल से जाने लगीं तो स्कूल के बच्चे इकट्ठा हो गए और रोने लगे। यह दृश्य इतना भावुक था कि वहां मौजूद अन्य लोगों का दिल भी पिघल गया। बच्चों ने साफ कर दिया कि अगर आयशा मैडम को स्कूल से निकाला गया तो वह भी इस स्कूल में नहीं पढ़ेंगे और साथ ही उन्होंने अपना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) कटवाने की बात कही। बच्चों ने यह भी विरोध जताया कि आयशा मैडम ने कभी तिलक लगाने से मना नहीं किया था।
ये है पूरा मामला?
घटना की शुरुआत तब हुई जब कथित तौर पर इस मामले की शिकायत की गई और मीडिया ने इसे सुर्खियों में ला दिया। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरि को सौंपी। जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ बच्चों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें तिलक लगाकर आने से मना किया गया था, जबकि अन्य बच्चों ने इस घटना से इनकार किया। इसके बावजूद तनवीर आयशा के खिलाफ कार्रवाई की गई और 26 अगस्त को उन्हें निलंबित कर दिया गया।
घटना की शुरुआत तब हुई जब कथित तौर पर इस मामले की शिकायत की गई और मीडिया ने इसे सुर्खियों में ला दिया। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत गिरि को सौंपी। जांच के बाद रिपोर्ट में कहा गया कि कुछ बच्चों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें तिलक लगाकर आने से मना किया गया था, जबकि अन्य बच्चों ने इस घटना से इनकार किया। इसके बावजूद तनवीर आयशा के खिलाफ कार्रवाई की गई और 26 अगस्त को उन्हें निलंबित कर दिया गया।
क्या कहा शिक्षिका आयशा ने?
शिक्षिका आयशा का कहना है कि उन्होंने कभी किसी बच्चे को तिलक लगाकर आने से मना नहीं किया और यह पूरा मामला साजिश के तहत रचा गया है। उनका दावा है कि गांव के कुछ लोग उनसे नाराज थे और उन्होंने उन्हें फंसाने की कोशिश की। स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार का भी कहना है कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है और यह सब गांव के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा है। इस घटना ने बच्चों और शिक्षकों के बीच के रिश्ते को उजागर कर दिया है।
शिक्षिका आयशा का कहना है कि उन्होंने कभी किसी बच्चे को तिलक लगाकर आने से मना नहीं किया और यह पूरा मामला साजिश के तहत रचा गया है। उनका दावा है कि गांव के कुछ लोग उनसे नाराज थे और उन्होंने उन्हें फंसाने की कोशिश की। स्कूल के प्रधानाध्यापक राजेंद्र कुमार का भी कहना है कि ऐसा कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है और यह सब गांव के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा है। इस घटना ने बच्चों और शिक्षकों के बीच के रिश्ते को उजागर कर दिया है।
बच्चों का शिक्षक से इतना गहरा लगाव था कि जब उन्होंने अपने शिक्षक को स्कूल से जाते देखा तो भावुक होकर विरोध किया। इससे पता चलता है कि शिक्षक और छात्रों के बीच का रिश्ता सिर्फ़ पढ़ाई तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह माता-पिता और बच्चे जैसा होता है। इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें बच्चे शिक्षक के लिए रोते हुए नज़र आ रहे हैं। यह घटना अब इसलिए चर्चा में है क्योंकि आरोपों के आधार पर एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया, जबकि बच्चों और स्कूल स्टाफ़ ने इन आरोपों से इनकार किया है।