Breaking : अफगानिस्तान में पलट रही बाजी, तालिबान के कब्जे 3 जिले मुक्त; भीषण जंग में 60 तालिबानी लड़ाके मारे गए
अफगानिस्तान के पंजशीर प्रांत के स्थानीय लोगों ने तालिबान के खिलाफ लड़ाई तेज कर दी है। पंजशीर के करीब स्थानीय लड़ाकों और तालिबान के बीच घमासान लड़ाई हो गई है। दाेनों ओर से ताबड़तोड़ गोलियां चल रही हैं। स्थानीय लोगों ने तालिबान के कब्जे से यहां से करीब 50 किलोमीटर दूर बगलान प्रांत के पुल-ए-हिसार के साथ ही बानू और देह-ए-सलाह जिलों को छुड़ा लिया है और एक बार फिर लोगों ने अफगानी झंडा फहरा दिया है। Read Also : अफगानिस्तान : लड़ाकों ने DW के पत्रकार के घर पर किया हमला, एक की मौत, 1 घायल
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान लोगों और तालिबानियों के बीच भीषण लड़ाई हुई जिसमें करीब 60 तालिबानी लड़ाकों के मारे जाने और कई अन्य के घायल होने की खबर है। जानकारों का कहना है कि यह घटना एक और बड़ी लड़ाई के लिए चिंगारी साबित हो सकती है। दरअसल तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन पंजशीर अकेला ऐसा इलाका है जो तालिबान के नियंत्रण से बाहर है। तालिबान की ज्यादतियों के खिलाफ 25 साल पुराना नॉर्दन अलायंस एकजुट हो रहा है और लड़ाकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। Read Also : परिवार के साथ अबू धाबी में हैं अफगानिस्तान का भगोड़ा राष्ट्रपति अशरफ गनी, यूएई ने दी जानकारी।
#BREAKING: Nas últimas 24 horas, as Forças da Aliança do Norte conseguiram recapturar 3 distritos de #Afghanistan dos #Taliban . Você pode ver os membros da força paramilitar sob o comando de Abdul-Hamid Dadgar depois de libertar Puli Hisar ou Pul-e-Hesar no distrito de Baghlan. https://t.co/50cmQ6LJ55
— Jair M. Bolsonaro 2022 (@MartinsAirsoft) August 20, 2021
अफगानिस्तान में तालिबान का विरोध लगातार बढ़ रहा है। अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर प्रदर्शन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। तालिबान ने दो दिन पहले जलालाबाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं, लेकिन विरोध कम नहीं हो रहा। विरोध का यह सिलसिला राजधानी काबुल तक पहुंच चुका है, जिसे देखते हुए तालिबान को अब सत्ता खोने का डर सता रहा है। अब लोगों की आवाज को दबाने के लिए तालिबान ने अफगानिस्तान के इमामों से लोगों को समझाकर एकजुट करने की अपील की है। अफगानिस्तान से क्या-क्या सामान आता है भारत, हम वहां क्या भेजते हैं, देखें पूरी लिस्ट
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ बगावत का नेतृत्वव करने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद से वार्ता करने के लिए तालिबान ने एक प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। बहुत संभव है कि समझौता हो जाए। इस मीटिंग में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई भी शामिल हैं। हालांकि मसूद ने कहा है कि बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन यदि तालिबान पंजशीर पर हमला करता है तो हमें भी जवाब देना पड़ेगा। अहमद मसूद ने विदेशी ताकतों से भी तालिबान के खिलाफ मदद मांगी हैं।
तालिबान के खौफ से काबुल एयरपोर्ट पर हाहाकार
तालिबान के खौफ से काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी लगातार बनी हुई है। लोग देश छोड़ने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। एयरपोर्ट से लगातार ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिनमें लोग अमेरिकी सैनिकों के सामने रोते-बिलखते दिख रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्हें अंदर जाने दें, नहीं तो तालिबान मार देगा। यहां तक कि कई लोग अपने बच्चों को दीवार के ऊपर से फेंककर एयरपोर्ट के अंदर दाखिल करवा रहे हैं। अफगानिस्तान सेंट्रल बैंक के गवर्नर ने कहा- देश में विदेशी मुद्रा का भंडार खत्म, अब महंगाई बढ़ेगी
WATCH: A small Afghan child was pulled over a wall to U.S. soldiers as large crowds gathered outside the Kabul airport. pic.twitter.com/eFjU1zst7l
— CBS News (@CBSNews) August 19, 2021
भारतीय कॉन्सुलेट तक पहुंचे तालिबानी लड़ाके
बुधवार को तालिबान ने कंधार स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास (Indian Consulate) जाकर वहां पर डॉक्यूमेंट्स की तलाशी ली थी। इसके अलावा वे यहां खड़ी कारें भी अपने साथ ले गए। इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि किसी भी देश के दूतावास को निशाना नहीं बनाया जाएगा, लेकिन भारत सरकार की तरफ से पहले ही काबुल स्थिति भारतीय दूतावास से राजदूत और अन्य स्टाफ को निकाला जा चुका है।
अमेरिका का मोस्ट वांटेड काबुल में खुलेआम घूम रहा, 50 लाख डॉलर का इनाम
काबुल की एक मस्जिद में खलील हक्कानी इस्लामी अमीरात की घोषणा की। खलील हक्कानी पर अमेरिका ने 50 लाख डॉलर का इनाम रखा हुआ है और ये मोस्ट वांटेड है। खलील हक्कानी दिवंगत जलालउद्दीन हक्कानी का भाई है। मस्जिद में हजारों लोगों ने हक्कानी का समर्थन किया है। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में कई बड़े हमले किए थे और भारतीय हितों को भी निशाना बनाया था।
9000 लोगों को काबुल से निकाला जा चुका
अमेरिका का कहना है कि 14 अगस्त से अब तक 9000 लोगों को काबुल से निकाला जा चुका है। मंगलवार को भी काबुल एयरपोर्ट से 16 उड़ानों में 3000 लोगों को निकाला है। इनमें अमेरिकियों के साथ-साथ अफगानी लोग भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अफगानिस्तान के हालात पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। इस दौरान दोनों ने सहमति जताई कि लोगों को अफगानिस्तान से निकालने के लिए को-ऑर्डिनेशन जारी रखेंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान को लेकर नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के महासचिव जेंस स्लोलटनबर्ग से भी बात की है। NATO के विदेश मंत्रियों की आज वर्चुअल मीटिंग भी होनी है।
घर-घर तलाशे जा रहे अमेरिका की मदद करने वाले
उधर अमेरिका का साथ देने वाले अफगानियों के लिए घर-घर तलाशी ली जा रही है। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तालिबान ने उन लोगों की लिस्ट तैयार की जिन्हें वह गिरफ्तार करना चाहता है। साथ ही इन लोगों को धमकी दे रहा है कि अमेरिका या उसकी अगुवाई वाली NATO सेना का साथ देने वाले सामने नहीं आए तो उनके परिवार के लोगों को मार दिया जाएगा या गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इन परिवारों को शरिया कानूनों के तहत सजा दी जा रही है। जर्मन मीडिया हाउस डायचे वेले के एक पत्रकार की खोज के दौरान तालिबानियों ने उसके एक रिश्तेदार को गोली मार दी। डायचे वेले ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि तालिबानी पत्रकार की तलाश में घर-घर जा रहे थे। इस दौरान उसके दो रिश्तेदारों को गोली मारी गई। इनमें से एक की मौत हो गई। एक बच निकलने में कामयाब रहा।
तालिबान के खौफ से काबुल एयरपोर्ट पर हाहाकार
तालिबान के खौफ से काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी लगातार बनी हुई है। लोग देश छोड़ने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। एयरपोर्ट से लगातार ऐसी तस्वीरें सामने आ रही हैं जिनमें लोग अमेरिकी सैनिकों के सामने रोते-बिलखते दिख रहे हैं। वे कह रहे हैं कि उन्हें अंदर जाने दें, नहीं तो तालिबान मार देगा। यहां तक कि कई लोग अपने बच्चों को दीवार के ऊपर से फेंककर एयरपोर्ट के अंदर दाखिल करवा रहे हैं।