Ganesh Chaturthi : कल पूरे दिन गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की स्थापना और पूजा मुहूर्त, सुबह 11.20 बजे से दोपहर 1.20 बजे तक का सर्वोत्तम समय, आसान चरणों में जानिए पूजा विधि, मंत्र और आरती
बुधवार 31 अगस्त को विनायक चतुर्थी है। इस दिन दोपहर में प्रथम पूज्य गणेश जी ने अवतार लिया था। इसे कलंक चतुर्थी और शिव चतुर्थी भी कहा जाता है। देखा जाए तो अधिकांश मनुष्य किसी भी प्रकार की बाधा के आने से भयभीत हो जाते हैं। भगवान गणेश की पूजा करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
Aug 30, 2022, 09:16 IST
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31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की स्थापना व पूजन के लिए पूरे दिन में कुल 6 शुभ मुहूर्त रहेंगे। सबसे अच्छा समय सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक होगा, क्योंकि यह मध्याह्न काल होगा, जिसमें गणेश का जन्म हुआ था।Read Also:-Maruti Alto K10 : 20% डाउन पेमेंट पर मारुति ऑल्टो K10 खरीदते हैं तो आपको बैंक से कितना लेना होगा कर्ज और महीने की कितनी होगी ईएमआई
ज्योतिषी डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव तिरुपति के और पुरी के ज्योतिषी डॉ. गणेश मिश्रा का कहना है कि वैसे तो दोपहर में ही गणेश जी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए। समय न मिलने पर किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में गणपति की स्थापना की जा सकती है। वैसे भी इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही है और साथ ही लम्बोदर योग भी बन रहा है।
इतनी सारी चीजों से पूजा नहीं कर पा रहे हैं तो इसके लिए छोटी-छोटी पूजा विधि
- चौकी पर स्वस्तिक बनाकर उसमें चुटकी भर चावल रखें।
- इसके ऊपर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी गणेश की पूजा करें।
- यदि ऐसा संभव न भी हो तो श्रद्धा से मोदक और दूर्वा चढ़ाने से ही भगवान की कृपा भी प्राप्त होती है।
अगर किसी कारण से गणेश स्थापना और पूजा नहीं कर पा रहे हैं, तो आप क्या कर सकते हैं?
पूरे गणेशोत्सव में प्रतिदिन गणपति के केवल तीन मंत्रों का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। प्रात:काल स्नान कर गणेशजी के मन्त्रों का जाप कर प्रणाम करके कार्यालय-दुकान या किसी कार्य के लिए निकल जाना चाहिए।
पूरे गणेशोत्सव में प्रतिदिन गणपति के केवल तीन मंत्रों का जाप करने से भी पुण्य मिलता है। प्रात:काल स्नान कर गणेशजी के मन्त्रों का जाप कर प्रणाम करके कार्यालय-दुकान या किसी कार्य के लिए निकल जाना चाहिए।
ॐ गं गणपतये नमः
यदि आपके जीवन में ढेर सारी परेशानियां हैं और आप उन सब समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं तो आप उपरोक्त मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश का यह मंत्र इतना चमत्कारी है कि इसके जाप से से जीवन में आने वाली सभी बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। इस मंत्र के जाप से भक्तों जल्द ही शुभ फल प्राप्त होगा।
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।'
यदि आपकी कुंडली में गृह दोष हैं तो प्रत्येक बुधवार 11 बार उपरोक्त मंत्र का जाप करें। इस मंत्र में भगवान श्रीगणेश के 12 नामों का जाप किया जाता है। ऐसी मान्यता है यदि आप इस मंत्र का जाप किसी मंदिर में भगवान गणेश के सामने बैठकर करें तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।'
यदि आपकी कुंडली में गृह दोष हैं तो प्रत्येक बुधवार 11 बार उपरोक्त मंत्र का जाप करें। इस मंत्र में भगवान श्रीगणेश के 12 नामों का जाप किया जाता है। ऐसी मान्यता है यदि आप इस मंत्र का जाप किसी मंदिर में भगवान गणेश के सामने बैठकर करें तो आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥.
यदि गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए उपरोक्त मंत्र सबसे सरल मंत्र माना जाता है। यह मंत्र जितना सरल है उतना ही प्रभावशाली भी। यह मंत्र इतना ज्यादा प्रभावशाली है कि कोई भी कार्य शुरू करने से पूर्व इस मंत्र का जाप आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरा करेगा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥.
यदि गणपति जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इसके लिए उपरोक्त मंत्र सबसे सरल मंत्र माना जाता है। यह मंत्र जितना सरल है उतना ही प्रभावशाली भी। यह मंत्र इतना ज्यादा प्रभावशाली है कि कोई भी कार्य शुरू करने से पूर्व इस मंत्र का जाप आपके सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूरा करेगा।
त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
अगर आप किसी कार्य को लेकर बहुत मेहनत करते हैं और काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो उपरोक्त मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आपके सभी बिगड़े हुए कार्य को पूर्ण करेंगे। यदि आपको मेहनत करने के बाद भी मंजिल नहीं मिल रही है तो इस मंत्र का 21 बार जाप करें। यह आपके सभी बिगड़े कार्य बना देगा।
नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।
अगर आप किसी कार्य को लेकर बहुत मेहनत करते हैं और काम बनते-बनते बिगड़ जाता है तो उपरोक्त मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आपके सभी बिगड़े हुए कार्य को पूर्ण करेंगे। यदि आपको मेहनत करने के बाद भी मंजिल नहीं मिल रही है तो इस मंत्र का 21 बार जाप करें। यह आपके सभी बिगड़े कार्य बना देगा।
गणपति पूजा से संबंधित ध्यान रखने योग्य बातें
- गणेश जी की मूर्ति पर तुलसी और शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
- दूर्वा और मोदक के बिना पूजा अधूरी है।
- गणपति के पसंदीदा फूल: जाति, मल्लिका, कनेर, कमल, चंपा, मौलश्री (बकुल), गेंदा, गुलाब
- गणपति के पसंदीदा पत्ते: शमी, दूर्वा, धतूरा, कनेर, केला, बेर, मदार और बिल्व पत्ते
- पूजा में नीले और काले रंग के वस्त्र न पहनें।
- चमड़े की चीजों को बाहर रखकर पूजा करें और कभी भी भगवान को अकेला न छोड़ें।
- स्थापना के बाद मूर्ति को इधर-उधर न घुमाएँ, अर्थात हिलें नहीं।
इस बार गणेश चतुर्थी पर पांच राजयोग और 300 साल बाद ग्रहों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। वहीं पूरे पर्व के 10 दिनों में खरीदारी के लिए 7 शुभ मुहूर्त रहेंगे। जिसमें आप निवेश से लेकर वाहन खरीदने तक कई शुभ कार्य कर पाएंगे।
मिट्टी के गणेश को किस रूप में बनाना चाहिए और घर, दुकान, कार्यालय और कारखानों के लिए कौन सा रूप शुभ है। इस पर हमने देश के प्रख्यात विद्वानों से बात की और पता चला कि सिद्धि विनायक रूप की मूर्ति को घर में स्थापित करना चाहिए। विघ्नेश्वर गणेश कार्यालयों और दुकानों के लिए शुभ है और महा गणपति की स्थापना कारखानों के लिए शुभ है।