यूपी में पकड़े गए दो आतंकी : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी छापेमारी, NIA का मेरठ में डेरा

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लखनऊ में अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े दो आतंकवादियों के गिरफ्तार होने के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट मिलते ही पुलिस को संदिग्धों पर पैनी नजर रखने और कहीं भी संदिग्धों की सूचना मिलने पर तत्काल सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि अभी किसी विशेष स्थान या घटना के बारे में कोई स्पष्ट खुफिया इनपुट नहीं मिला है। इसलिए प्रदेश में एहतियात के तौर पर अलर्ट जारी किया गया है।

 

 
दरअसल यूपी एटीएस ने रविवार को अंसार गजवातुल हिंद से जुड़े दो आतंकवादियों को लखनऊ राजधानी में दुबग्गा रिंगरोड पर सीते बिहार इलाके से गिरफ्तार किया है। इन दोनों के पास से विस्फोटक और प्रेशर कुकर बम बरामद किया गया है। बताया जा रहा है कि ये आतंकवादी यूपी के अलग-अलग शहरों में बम धमाके करने की फिराक में थे। साथ ही इनके निशाने पर भाजपा के कई बड़े नेता भी थे। इनके पांच साथी अभी फरार है जिनकी तलाश की जा रही है। यह भी सामने आया है कि ये सभी आतंकवादी पाकिस्तान के पेशावर से हैंडल किए जा रहे थे।

 

 

पकड़े जा चुके हैं कई संदिग्ध
इस बड़े खुलासे के बाद उत्तरप्रदेश में सुरक्षा बढ़ा ली गई है। एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि आतंकियों के कनेक्शन के इनपुट के आधार पर एटीएस की एक टीम पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी छापेमारी कर रही है। दरअसल पश्चिम यूपी में आतंकी पनाह लेकर बड़े स्‍तर पर अपनी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। करीब कई सालों में पश्चिम के अलग-अलग जिलों से आईएसआई के एजेंट और आतंकियों के साथियों समेत 2 दर्जन से ज्यादा संदिग्ध पकड़े जा चुके हैं। बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए विस्फोट के मामले में हाल ही में शामली जिले के रहने वाले दो भाइयों को पकड़ा गया था। जिसके बाद से एनआईए की एक टीम ने मेरठ और शामली में डेरा डाल रखा है। लोगों को अलग-अलग स्थानों से पकड़ा भी जा चुका है।

 

यूपी के सबस ज्यादा संवेदनशील जिले
बताया जा रहा है कि सहारनपुर, शामली, अमरोहा, आगरा, मेरठ, मथुरा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ में यूपी एटीएस की टीम छापेमारी कर सकती है। दरअसल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व अन्य कई आतंकी संगठनों का मेरठ के अलावा हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर समेत कई जनपदों के स्लीपिंग मॉड्यूल और एजेंटों से पुराना कनेक्शन रहा है। ये यूपी के सबसे ज्यादा संवेदनशील जिले हैं। अब एटीएस और एनआईए ने यहां का पुराना रिकॉर्ड भी खंगालना शुरू कर दिया है।

 

स्लीपिंग मॉड्यूल की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी
सूत्रों की मानें तो एनआईए और एटीएस के रडार पर मेरठ के कई संदिग्ध हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे स्लीपिंग मॉड्यूल की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है, जिनमें नाम पूर्व में एजेंटों से पूछताछ में सामने आ चुके हैं। उनकी गतिविधियों और संपर्कों को देखा जा रहा है।

 

उधर शनिवार रात में NIA की टीम ने मेरठ के किठौर इलाके में छापा मारा। वहीं, रविवार सुबह से हस्तिनापुर में एक संदिग्ध की तलाश में टीम लगी हुई है। संदिग्ध के पास हथियार और लाखों रुपए कैश का इनपुट मिला है। इसकी तलाश में हस्तिनापुर इलाके के भीमकुंड क्षेत्र में छापेमारी की जा रही है। हालांकि इस बारे में पुलिस अधिकारी कुछ नहीं बोल रहे हैं। इससे पहले मुजफ्फरनगर के पुरकाजी में भी टीम ने एक युवक की तलाश में छापेमारी की थी।

 

वेस्टयूपी का आतंकियों से पुराना रहा है कनेक्शन

 

  • मेरठ : 26 जनवरी, 2010 को मेरठ की रूबी और पाकिस्तानी असद को रुड़की (हरिद्वार) में गिरफ्तार किया गया था। असद नाम बदलकर रह रहा था और पासपोर्ट भी बनवाया। दोनों आइएसआइ एजेंट बताए गए थे। 11 जनवरी 2010 को आबूलेन में आइएसआइ एजेंट नासिर गिरफ्तार हुआ। 12 सितंबर, 2009 को कानपुर में पकड़े आईएसआई एजेंट इम्तियाज, 10 जनवरी 2009 को कैंट में पकड़े गए आईएसआई एजेंट अमीर अहमद। 2 जून 2011 को रुड़की में पकड़ा गया मेरठ निवासी आइएसआइ एजेंट फुरकान अहमद उर्फ अजय ने मेरठ से कनेक्शन होने का खुलासा किया। अजय से ही पूछताछ में खुलासा हुआ कि जयपुर सीरियल ब्लास्ट में शामिल शमीम बागपत के किरठल का निवासी था और वह हूजी का कमांडर है। 2018 में मेरठ में तैनात रहा सेना का सिग्नल मैन कंचन सिंह भी आईएसआई को सूचनाएं साझा करने में पकड़ा गया था। 2020 में खालिस्तानी आतंकवादी तीरथ सिंह गिरफ्तार। 
  • मुजफ्फरनगर: बुढ़ाना के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद का कमांडर मोहम्मद वारिस गिरफ्तार हुआ था। अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ कांधला निवासी साबिर और नसीरन पकड़ी गई थी। आठ साल पहले महलकी निवासी नेत्रहीन कारी सलीम गिरफ्तार किया गया था।
  • सहारनपुर: शाहिद इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल पटियाला में पकड़ा गया था। सहारनपुर में उसने जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया था। दो कश्मीरी छात्र पकड़े, जो चार महीना पहले ही मेरठ जेल से सजा पूरी होने के बाद छूट गए। अयोध्या में आतंकी हमले की साजिश से जुड़ा एक आरोपी डाक्टर सहारनपुर के तीतरो से गिरफ्तार हुआ था।
  • शामली: वर्ष 2005 में एसटीएफ ने पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलहों के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जो जम्मू कश्मीर निवासी थे. कैराना निवासी इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोटों के नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। गठरी उद्योग के जरिये समझौता एक्सप्रेस से कैराना पहुंची 40 पिस्टल बरामद हुई थीं। 2021 में बिहार के दरभंगा ब्लास्ट मामले में हैदराबाद से पकड़े गए नासिर और इमरान शामली के ही रहने वाले थे।
  • बिजनौर: दिल्ली में गिरफ्तार किए गए जनपद निवासी दो युवक आतंकी संगठन हूजी के लिए काम कर रहे थे। बिजनौर से मुकीम और नासिर को गिरफ्तार किया गया।
  • हापुड़: पिलखुवा निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा गिरफ्तार किया गया। हापुड़ से चार आतंकी गिरफ्तार हुए थे, जिन पर पोटा भी लगा था।

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