BSP ने टिकट बंटवारे का तरीका बदला : दावेदार को बताना होगा समाज के लिए क्या किया.. इन बातों का भी देना होगा जवाब

पार्टी ने तय किया है कि पदाधिकारियों द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों और उनकी छवि टिकट बंटवारे में सबसे अहम रहेंगे।

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उत्तरप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव-2022 के लिए बहुजन समाज पार्टी ने अभी से रणनीति बनानी शुरू कर दी है। हालांकि बसपा ने इस बार टिकट बंटवारे का तरीका थोड़ा बदला है। इस बार बसपा ने  साफ सुथरे तरीके से प्रत्याशियों के चयन रणनीति अपनाई है। Read ALso : अब उत्पीड़न के शिकार दलित और ब्राह्मणों के घर जाकर मदद करेगी BSP, सेक्टर प्रभारियों को सौंपी जिम्मेदारी

 

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तो कट जाएगा आलाकमान के खास का टिकट
पार्टी ने तय किया है कि पदाधिकारियों द्वारा समाज के लिए किए गए कार्यों और उनकी छवि टिकट बंटवारे में सबसे अहम रहेंगे। साफ छवि और अच्छे प्रदर्शन वाले दावेदारों को ही पार्टी चुनाव मैदान में उतारेगी। बताया जा रहा है कि उन दावेदारों का टिकट इस बार कट सकता है जो पार्टी आलाकमान के खास तो हैं, लेकिन उनकी छवि समाज में खराब है। बसपा के कई दिग्गज नेता प्रत्याशी उतारने के इस नए तरीके का ढिंढोरा पीट रहे हैं। Read ALso : BJP पार्षद ने दोस्त की पत्नी को दिया SEX का ऑफर, कहा- देवर-भाभी में यह चलता है; महिला ने विरोध किया तो बाल पकड़कर पीटा
 

 

 

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बसपा हाईकमान द्वारा आवेदन मांगे गए हैं
दरअसल विधानसभा चुनाव लड़ने के दावेदारों से बसपा हाईकमान द्वारा आवेदन मांगे गए हैं। हर विभानसभा से दस आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन करने वालों के बारे में विधानसभा में पड़ताल कर जानकारी जुटाई जाएगी। इसके आधार पर कमेटी और कार्यकारिणी दस दावेदारों में से सिर्फ दो का ही चयन करेगी।  फिर इन दो नेताओं की कुंडली बसपा प्रमुख मायावती के पास पहुंचेगी। अंतिम प्रत्याशी के नाम पर वहीं मुहर लगेगी। 
 

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सभी दावेदारों को पार्टी ने प्रोफार्मा दिया
सभी दावेदारों को पार्टी ने एक प्रोफार्मा भी बताया है। इसमें दावेदारा को अपना राजनीतिक अनुभव के साथ ही पारिवारृक पृष्ठभूमि भी बतानी होगी। यह भी बताना होगा कि उसका पेशा क्या है और समाज के लिए उसने क्या किया है। इसके अलावा दावेदार को राजनीति में आने की वजह, बसपा के मिशन मूवमेंट में योगदान, बसपा से जुड़ाव, किस विधानसभा से टिकट चाहिए और वहां किए गए सभी विकास कार्य एवं सामाजिक कार्यों का ब्यौरा भी देना होगा। Read Also : योगी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार तय, मेरठ दक्षिण विधायक सोमेंद्र तोमर समेत ये नेता बन सकते हैं मंत्री
 

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चुनावी खर्च में भी पार्टी मदद करेगी
पुरानी गलतियों को सुधारते हुए बसपा इस बार पारदर्शी छवि के लोकप्रिय नेताओं को ही चुनावी मैदान में उतारना चाहती है। इतना ही नहीं इस बार पार्टी ने तय किया है कि यदि बसपा का कोई नेता बेहतर छवि का है, वह मजबूत प्रत्याशी हो सकता है, लेकिन वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो पार्टी उसे ही प्रत्याशी बनाएगी और उसके चुनावी खर्च भी पार्टी मदद करेगी। 
 

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आवेदन में भी खींचतान
सभी विधानसभाओं से प्रत्याशियों के आवेदन पहुंचने शुरू हो गए हैं। कई विधानसभाओं में दावेदारों के बीच खींचतान भी शुरू हो गई है। बसपा के कार्यक्रमों में साथ रहने वाले नेता अब उसी विधानसभा से आवेदन करने पर एक दूसरे की खामियां बताने लगे हैं। बसपा के शीर्ष नेताओं तक अपना जुगाड़ और दूसरों की गलतियां पहुंचाई जा रही हैं। 

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