सेना ने किया तख्तापलट : राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को हिरासत में लिया

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पश्चिमी अफ्रीकी देश माली (West african country gardener) में सेना ने अंतरिम सरकार के राष्ट्रपति Bah Ndaw, प्रधानमंत्री Moctar ouane और रक्षा मंत्री Souleymane Doucoure को हिरासत में ले लिया है। इसे सैन्य तख्तापलट के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार ने फेरबदल करते हुए 2 सैन्य अधिकारियों का पद छीन लिया था। आशंका है कि तख्तापलट में इन दोनों ही अधिकारियों की भूमिका है। पिछले साल भी सैन्य तख्तापलट कर राष्ट्रपति को पद से हटा दिया गया था।

यूरोपीय संघ ने माली में सैनिकों द्वारा नागरिक नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा की है। ईयू ने इसे "अपहरण" करार दिया है। सेना की कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कड़ी आलोचना की है। गिरफ्तारी के बाद कथित तौर पर इन नेताओं को राजधानी बामाको के पास काती में सैन्य अड्डे ले जाया गया। कैबिनेट में फेरबदल के बाद सेना के दो सदस्यों के पदों को खोने के कुछ ही घंटों बाद यह गिरफ्तारियां हुईं।

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अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र, अफ्रीकी संघ और पश्चिम अफ्रीकी आर्थिक समुदाय ने गिरफ्तारियों की निंदा की है और नेताओं की तत्काल रिहाई का आह्वान किया है। यूरोपीय संघ, अमेरिका और ब्रिटेन ने भी "संभावित तख्तापलट" की आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने कहा कि वे अन डाव और उआन की गिरफ्तारी को लेकर ''बेहद चिंतित'' हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "मैं शांति और उनकी बिना शर्त रिहाई का आग्रह करता हूं।"

माली की राजनीतिक स्थिति

पिछले साल अगस्त में, माली की सेना ने राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता को पद से हटने पर मजबूर किया था। सितंबर में अन डाव के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। अंतरिम सरकार 18 महीने के लिए बनी थी और उसे देश में सुधारों को लागू करने और चुनाव कराने का जिम्मा सौंपा गया था। अंतरिम सरकार में कई प्रमुख नेता सेना से हैं। अन डाव खुद सेना के अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं। माली वर्तमान में कई सुरक्षा और मानवीय संकटों का सामना कर रहा है।

अलगाववादी और इस्लामी समूह 2012 से ही सरकार के खिलाफ सशस्त्र युद्ध छेड़े हुए हैं। युद्ध ने लाखों लोगों को बेघर कर दिया और हिंसा पड़ोसी बुरकिना फासो और नाइजर में फैल गई है। यही नहीं, पर्यावरण के मुद्दों ने देश की खाद्य आपूर्ति और कृषि क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया है। तो दूसरी ओर कोविड-19 महामारी ने माली की अविकसित स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव डाला है।

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