अफगानिस्तान : बिगड़े हालात पर UNSC की आपात बैठक में तालिबान से संयम बरतने की अपील

अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद यूएनएससी की आपात बैठक की गई है। जिसमें अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की जा रही है। बैठक में तालिबान को संयम बरतने की बात कही गई है।
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तालिबान ने अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा कर लिया है। वहीं, राष्ट्रपति पर हेलिकॉप्टर भरकर रुपये लेकर भागने का आरोप है। अब बेबस देश के लोग किसी तरह यहां से निकलना चाहते हैं। जिसके चलते काबुल एयरपोर्ट के हालात खराब हैं। सोमवार को अफगानिस्तान के हाल को लेकर एनएनएससी की आपात बैठक बुलाई गई है। जिसमें कई देशों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया है। 

 

बैठक में अफगानिस्तान को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक जारी है। बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने तालिबान से संयम बरतने की अपील की है। साथ ही अन्य पक्ष से भी संयम बरतने की बात कही है। एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफ़ग़ानिस्तान फिर से एक बार आतंकी संगठनों के लिए सुरक्षित स्थान ना बन जाए।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र की आपात बैठक में राजदूत टीएस तिरूमूर्ति ने कहा कि यदि आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में शून्य-सहिष्णुता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकाने या हमला करने के लिए नहीं किया जाता है, तो अफगानिस्तान के पड़ोसी और क्षेत्र सुरक्षित महसूस करेंगे। भारत ने लोगों की सुरक्षा को लेकर बात कही है। 

 

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा काबुल की स्थिति खराब

 

 वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गई है। यहां हालात तेजी से बदल रहे हैं। हम इस पर पूरी नजर बनाए हैं। काबुल एयरपोर्ट से वाणिज्यिक संचालन आज निलंबित कर दिया गया। हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। मंत्रालय की ओर कहा गया कि जो भी लोग अफगानिस्तान से भारत आना चाहते हैं, हम उन्हें लाएंगे। हम हिंदू और सिख समुदाय के लोगों के संपर्क में हैं। 

 

500 टन से अधिक सहायता तालिबान की मंजूरी के इंतजार में :  लिंडा

 

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा है कि इस बात की गहरी चिंता है कि संकट में फंसे लोगों को सहायता नहीं मिल रही है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के अनुसार, 500 टन से अधिक सहायता वर्तमान में तालिबान द्वारा अधिग्रहित सीमा क्रॉसिंग पर बैठी है। ये सहायता वितरण तुरंत फिर से शुरू होना चाहिए।

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