काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमला, दो धमकों में कई विदेशी नागरिकों समेत 13 लोगों की मौत, 3 अमेरिकी सैनिकों समेत कई घायल
काबुल एयरपोर्ट के पास गुरुवार देर शाम एक के बाद एक दो बड़े आत्मघाती हमले हुआ है। इन हमलों में 13 लोगों के मारे जाने की खबर है। इसमें कुछ विदेशी नागरिक भी हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने काबुल एयरपोर्ट पर कभी भी आतंकी हमला होने की का अलर्ट जारी करते हुए लोगों से तुरंत एयरपोर्ट छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा था। इस अलर्ट के कुछ ही घंटे बाद काबुल एयरपोर्ट पर यह आत्मघाती हमला हो गया।
पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि पहला धमाका काबुल एयरपोर्ट के गेट के बाहर धमाका हुआ है। जबकि दूसरा धमाका एयरपोर्ट के पास स्थित एक होटल में हुआ। हालांकि घायलों की संख्या और मृतकों के बारे में उन्होंने कुछ नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक मरने वालों की पुष्टि नहीं हो सकी है जानकारी मिलते ही उपलब्ध करवाएंगे।'' एक अधिकारी ने कहा कि इस घटना में कई अफगानी मारे गए हैं। कई घायल भी हैं। खबर है कि हमले में तीन अमेरिकी सैनिक जख्मी हुए हैं। वहीं एयरपोर्ट पर लगातार फायरिंग हो रही है।
VIDEO: People being rushed to the hospital following reported suicide bomber attack at Kabul airport.
— Election Wizard (@ElectionWiz) August 26, 2021
pic.twitter.com/ex74FpusGs
गेट पर ब्लास्ट के बाद पूरे एयरपोर्ट और उसके आस-पास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग एक जगह से दूसरी जगह भाग रहे हैं। इससे कुछ देर पहले ही काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद इटली के एक सैन्य विमान पर फायरिंग की गई थी। इटली के रक्षा सूत्रों ने बताया था कि एयरपोर्ट से जैसे ही विमान ने उड़ान भरा था, उसके बाद उस पर फायरिंग हुई। हालांकि, फायरिंग में विमान और उसमें सवार लोगों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
बता दें कि काबुल समेत अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है, लेकिन अभी काबुल एयरपोर्ट अमेरिकी सेना के कब्जे में है। एयरपोर्ट पर हजारों की संख्या में अमेरिकी जवान मौजूद हैं। वे अपने नागरिकों के साथ-साथ अमेरिका की मदद करने वाले अफगानों को भी सुरक्षित निकालने में मदद कर रहे हैं।
तालिबान ने अमेरिका को चेताया था कि 31 अगस्त तक वह किसी भी हाल में वह देश छोड़ दे। अमेरिका ने भी तय समय सीमा में देश से सेना हटाने की बात कही थी। हालांकि आज ही व्हाइट हाउस ने 31 के बाद भी जरूरत पड़ने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाने और काबुल एयरपोर्ट को खुला रखने का ऐलान किया है।
वहीं फ्रांस ने फैसला लिया है कि वह 31 अगस्त की डेडलाइन से चार दिन पहले ही यानी शुक्रवार से अपनी उड़ानें बंद कर देगा। रूसी न्यूज एजेंसी स्पूतनिक के मुताबिक फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने कहा है कि शुक्रवार रात के बाद काबुल एयरपोर्ट से इवैक्युएशन फ्लाइट ऑपरेट नहीं कर पाएंगे।