रूसी मीडिया का दावा : हेलिकॉप्टर भरकर पैसा ले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी, बचा पैसा रनवे पर छोड़ दिया

अफगानिस्तान ने तालिबान पर कब्जा कर लिया है। अब रुसी दूतावास के हवाले से दावा किया जा रहा है कि जिस समय अफगानी राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे। वह चार गाड़ियों में भरकर रुपये लेकर आए और अपने हेलिकॉप्टर में भर लिया। रुपया इतना ज्यादा था कि वह हेलिकॉप्टर में भी नहीं आ सका। जिसके बाद वह रुपया रनवे पर ही छोड़ दिया गया। 
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ashraf gani
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो चुका है। वहीं, देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति पर अशरफ गनी पर रूसी मीडिया ने गंभीर आरोप लगाए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अशरफ गनी इतना सरा कैश लेकर देश से भागे हैं कि उनके हेलिकॉप्टर में भी वह कैश नहीं आ रहा था। बचा कैश यूंहि ऐयरपोर्ट की हवाई पट्‌टी पर पड़ा रह गया। वहीं, दूसरी ओर लोग अफगानिस्तान से किसी तरह निकलना चाहते हैं। अभी तक तालिबानियों ने 27 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है।

 

रूसी मीडिया आरटी की रिपोर्ट में लिखा है कि "काबुल में रूसी दूतावास ने बताया कि पश्चिमी समर्थित पूर्व अफगान नेता अशरफ गनी इतने सारे पैसे के साथ अपने देश से चले गए कि वह सब उनके हेलिकॉप्टर में भी नहीं आ सका और उन्हें हवाई अड्डे पर कुछ नकदी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।"  रूसी दूतावास के प्रवक्ता निकिता इशचेंको ने कहा, "चार कारों में पैसे भरे थे। (उन्होंने) हेलीकॉप्टर में सारा पैसा भरने की कोशिश की लेकिन वह सब भरा नहीं जा सका। कुछ पैसे डामर (हवाई पट्टी) पर पड़े रहे।" बता दें कि गनी रविवार को अफगानिस्तान से बाहर चले गए हैं।

 

तालिबान ने लोगों से नया युग लाने का वादा किया

 

तालिबान ने देश में शांति का नया युग लाने का वादा किया है, लेकिन अफगाान इससे आश्वस्त नहीं है और उनके दिलों में तालिबान का पुराना बर्बर शासन लौटने का भय है। जिसकी वजह से काफी संख्या में लोग वहां से छोड़कर आना चाहते हैं। जिन इलाकों में तालिबान ने हाल में कब्जा किया है वहां सरकारी कार्यालय, दुकानें, स्कूल आदि अब भी बंद हैं और नागरिक छिपे हुए हैं या फिर राजधानी काबुल जा रहे हैं।  जानकारी के मुताबिक देश में तालिबान के कट्टर शरिया शासन लौटने की आहटें सुनाई देने लगी हैं, जिसके तले देश की जनता ने 1996 से 2001 का वक्त बिताया था। लोगों को भय है कि तालिबान शासन आने के बाद महिलाओं और जातीय अल्पसंख्यकों की आजादी समाप्त हो जाएगी और पत्रकारों तथा गैर सरकारी संगठनों के काम करने पर पाबंदियां लग जाएंगी।

 

 

कोई भी महिलाओं और लड़कियों के बारे में तालिबान के विचार को नहीं बदल सकता

 

हेरात में एक स्थानीय एनजीओ में काम करने वाली 25 वर्षीय युवती ने बताया कि लड़ाई के चलते वह हफ्तों से घर से बाहर नहीं निकली है। उसने कहा कि बहुत कम महिलाएं सड़कों पर दिखाई देंगी यहां तक कि महिला चिकित्सक भी घरों में हैं और जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती, ऐसे ही रहने वाला है। उसने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर फोन पर कहा,‘‘ मैं तालिबान लड़ाकों का सामना नहीं कर सकती। उनके लिए मेरे मन में अच्छे भाव नहीं है। कोई भी महिलाओं और लड़कियों के बारे में तालिबान के विचार को नहीं बदल सकता। वे अब भी चाहते हैं कि महिलाएं घरों पर रहें।’’

 

गुरुद्वारे में शरण लिए लोगों से मिलने पहुंचे तालिबानी नेता

 

वहीं, दूसरी ओर तालिबान अपना बदला हुआ चहरा लोगों के सामने पेश करने की कोशिश में है। तालिबान ने पहले ही कहा है कि वह महिलाओं, लड़िकयों की शिक्षा व नौकरी को नहीं रोकेगा। वहीं, उन्हें सुरक्षा दी जाएगी। सोमवार को काबुल में स्थित एक गुरुद्वारे में डर से छिपे लोगों से मिलने तालिबानी नेता पहुंचे। वहां, उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह उन्हें हरसंभव सुरक्षा प्रदान करेंगे। उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। 

 

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