O- नहीं बल्कि 'गोल्डन ब्लड ग्रुप' सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप, दुनिया मे सिर्फ 53 लोगों की रगों में है यह खून
एक ऐसा ब्लड ग्रुप जो इतना दुलर्भ है कि बीते 58 साल में दुनिया में सिर्फ 43 लोगों में इसे पाया गया है। यह जितना दुर्लभ है, इसके साथ जीना उतना ही खतरनाक भी। गोल्डन ब्लड ग्रुप जो काफी कम लोगों में पाया जाता है इंसान की रगों में बहने वाला खून उसे जिंदा रखता है। हम सभी ने A, B और O ब्लड ग्रुप के बारे में सुना है। इनके वैरिएशंस भी होते हैं, मसलन पॉजिटिव और नेगेटिव। आम तौर पर O नेगेटिव ब्लड ग्रुप को दुर्लभ माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में सबसे दुर्लभ ब्लड ग्रुप कौन सा है?
एंटीजेंस की संख्या पर निर्भर है ब्लड ग्रुप
- इस अति दुर्लभ ब्लड ग्रुप को ‘गोल्डन ब्लड’ नाम दिया गया है। असल में वैज्ञानिकों में भाषा में समझें तो इसका नाम Rh null ब्लड है।
- वैज्ञानिकों के मुताबिक हमारे रेड ब्लड सेल में 342 एंटीजेंस होते हैं और ये एंटीजेंस मिलकर एंटीबॉडीज बनाने का काम करते हैं।
- ऐसे में किसी भी ब्लड ग्रुप का निर्धारण इन्हीं एंटीजेंस की संख्या पर निर्भर करता है।
1961 में पहली बार की गई पहचान .
‘मोजेक’ की एक रिपोर्ट में पेनी बेली ने लिखा है, ‘पहली बार इस ब्लड टाइप की पहचान 1961 में की गई थी। एक ऑस्ट्रेलियाई महिला में यह मिला था। उसके बाद से लेकर अब तक पूरी दुनिया में इस तरह से 43 मामले ही सामने आए हैं। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया में हेमैटोलॉजी में विशेषज्ञ नतालिया विलारोया कहती हैं, ‘इस तरह का खून अनुवांशिक रूप से मिलेगा। माता-पिता दोनों इस म्यूटेशन के वाहक होने चाहिए।’
यह वरदान भी है और अभिशाप भी
दिलचस्प बात यह है कि यह दुर्लभ गोल्डन ब्लड यूनिवर्सल डोनर है। यानी इसे किसी भी Rh टाइप वाले या बिना Rh वाले ब्लड ग्रुप के साथ चढ़ाया जा सकता है। लेकिन परेशानी यह है कि अति दुर्लभ होने की वजह से इसे ढूंढ़ पाना मुश्किल है। बताया जाता है कि ब्लड बैंकों में इस खून को बिना किसी नाम-पते के स्टोर किया जाता है।
- गोल्डन ब्लड ग्रुप होना महंगा भी पड़ता है। यूएस रेयर डिजीज इन्फॉर्मेशन सेंटर के मुताबिक जिन लोगों का ब्लड टाइप Rh Null होता है,
- उन्हें अनीमिया हो सकता है। जबकि खून की जरूरत पड़ने की स्थिति में यह जान जोखिम में डालने वाला केस है, क्योंकि इसके डोनर सीमित हैं।
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