कंडोम से कैंसर के जोखिम का आरोप! कंपनियां पैकेट पर क्यों नहीं लिखती ये खतरनाक सच्चाई....

कंडोम का इस्तेमाल मुख्य रूप से यौन संचारित रोगों और अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए किया जाता है। हालाँकि, हाल ही में कंडोम की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर एक नया विवाद सामने आया है जो लोगों के बीच नई चिंताएँ पैदा कर रहा है।
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कंडोम का इस्तेमाल मुख्य रूप से यौन संचारित रोगों से बचने और अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए किया जाता है। हालांकि, हाल ही में कंडोम की स्वास्थ्य सुरक्षा पर एक नया विवाद सामने आया है जो लोगों में नई चिंताएँ पैदा कर रहा है।READ ALSO:-पेट्रोल के साथ स्टंट दिखाना शख्स को पड़ा महंगा, अब कभी नहीं करेगा दुबारा ऐसी गलती, देखें ये वायरल वीडियो

 

कैंसर के खतरे का आरोप
अमेरिका में एक नई कानूनी चुनौती में दावा किया गया है कि ट्रोजन कंडोम, जो अमेरिका में बहुत लोकप्रिय हैं, में कैंसर पैदा करने वाले जहरीले रसायन हो सकते हैं। मैथ्यू गुडमैन नाम के एक व्यक्ति ने मैनहट्टन संघीय अदालत में एक याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि ट्रोजन अल्ट्रा थिन कंडोम में पॉलीफ्लोर एल्काइल पदार्थ (PFAS) पाए गए हैं, जिन्हें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है।

 

PFAS और इसके प्रभाव
PFAS एक प्रकार का रसायन है जिसका उपयोग नॉन-स्टिक और जेल बेस उत्पादों में किया जाता है। यह पदार्थ पर्यावरण और मानव शरीर पर लंबे समय तक रहने के लिए जाना जाता है। याचिकाकर्ता के अनुसार, ट्रोजन अल्ट्रा थिन कंडोम पर किए गए लैब परीक्षणों में कार्बनिक फ्लोरीन का पता चला, जो PFAS के तत्वों से जुड़ा है। कंडोम के पैकेट पर यह जानकारी नहीं दी गई थी।

 

आपको बता दें कि PFAS (पेर- और पॉलीफ्लुओरोएल्काइल पदार्थ) एक प्रकार का रसायन है जिसका उपयोग आमतौर पर विभिन्न उत्पादों में किया जाता है। ये रसायन आमतौर पर पानी और तेल के प्रतिरोधी होते हैं और इन्हें नॉन-स्टिक, वाटरप्रूफ और अन्य विशेष गुणों वाले उत्पादों में शामिल किया जाता है। PFAS को कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है और यह स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

 

स्वास्थ्य पर PFAS के प्रभाव
PFAS से संबंधित कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में शामिल हैं:-
  • जन्म के समय कम वजन
  • कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली
  •  हार्मोनल असंतुलन और शरीर में लंबे समय तक बने रहने जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याएं

 

कैंसर की पुष्टि कैसे हुई?
कंडोम और उनके लुब्रिकेंट्स की जांच के लिए एक अध्ययन किया गया था। इस अध्ययन में, एक प्रमाणित लैब ने 29 अलग-अलग कंडोम के नमूनों की जांच की। इनमें ट्रोजन अल्ट्रा थिन कंडोम भी शामिल था।

 

नमूनों की जांच के परिणाम
जांच में पाया गया कि 29 कंडोम में से 14% में PFAS के कुछ कण थे। विशेष रूप से:-
  • लगभग 3 कंडोम में PFAS कण पाए गए।
  • 2 कंडोम के लुब्रिकेंट में भी PFAS कणों की पुष्टि हुई है।
  • PFAS का इस्तेमाल कंडोम को चिकना और दाग-धब्बे रहित बनाने के लिए किया जाता है।

 

PFAS युक्त उत्पादों पर प्रतिबंध की मांग
कंडोम उद्योग में PFAS (पेर- और पॉलीफ्लोरोएल्काइल पदार्थ) से बने उत्पादों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। सुझाव दिया गया है कि PFAS युक्त उत्पादों को बाजार से पूरी तरह हटा दिया जाए। कंडोम बनाने वाली कंपनियों की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके उत्पादों में PFAS तत्व नहीं हैं।

 

जांच और निगरानी
  • कंपनियों की जांच: कंडोम बनाने वाली कंपनियों की सुरक्षा मानकों और संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के लिए जांच की जाएगी।
  •  उत्पाद समीक्षा: मौजूदा कंडोम का परीक्षण किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे उपयोगकर्ताओं के लिए सुरक्षित हैं और किसी भी तरह का स्वास्थ्य जोखिम पैदा नहीं करते हैं।
  •  स्वास्थ्य प्रभाव: यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा कि कंडोम के इस्तेमाल से कोई शारीरिक नुकसान न हो, खासकर निजी अंगों को।

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कंडोम के संभावित दुष्प्रभाव
  • एलर्जी की समस्या
  • कुछ लोगों को कंडोम लुब्रिकेंट से एलर्जी हो सकती है। इस एलर्जी से त्वचा पर खुजली, जलन या अन्य असुविधा हो सकती है।

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गलत इस्तेमाल से होने वाले जोखिम
  • फटना: अगर कंडोम का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो यह फट सकता है।
  • गर्भावस्था का जोखिम: कंडोम के फटने से अनचाहे गर्भ का खतरा बढ़ सकता है, जिससे सुरक्षा की कमी हो सकती है।

 

PFAS से जुड़े मुद्दों और कंडोम के संभावित नुकसानों को देखते हुए, उपभोक्ताओं को कंडोम की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में सही जानकारी मिलनी चाहिए। उचित निगरानी और समीक्षा कंडोम उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ विकल्प प्रदान कर सकती है।
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