ब्रिटिश मैग्जीन का दावा: सत्ता के संघर्ष में तालिबान के सर्वोच्च नेता का कत्ल, डिप्टी PM को बनाया बंधक

बरादर लगातार तालिबान सरकार की कैबिनेट में गैर-तालिबानियों और अल्पलसंख्यकों को भी जगह देने का दबाव बना रहा था, ताकि दुनिया के अन्य देश तालिबान सरकार को मान्यता दें।

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अफगानिस्तान

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अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्ता को लेकर तालिबान (Taliban) दो धड़ों में बट गया है। इन दोनों गुटों में कुछ दिन से संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं। अब ब्रिटेन की एक मैगजीन (British Magazine The Spectator) का दावा है कि सत्ता की इस जंग में अफगानिस्तान इस्लामी अमीरात के अमीर अल मोमिनीन और तालिबान के सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा (Haibatullah Akhundzada) का कत्ल कर दिया गया है। इतना ही नहीं हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों ने उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर को भी बंधक बना लिया है।

 

कुछ दिन पहले भी मुल्ला बरादर (Mullah Baradar) पर राष्ट्रपति भवन में मार लगाने की खबरें सामने आई थीं। मैगजीन ने यह भी बताया कि हक्कानी धड़े के साथ इस झगड़े में सबसे ज्यादा नुकसान मुल्लाह बरादर को ही पहुंचा है। हालांकि, तालिबान ने इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। Read Also : अब UP में बड़े उलटफेर की तैयारी! BJP के 150 विधायक हमारे संपर्क में, 27 अक्टूबर तक... : राजभर

 

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Baradar पर बरसाए थे मुक्के 

दरअसल, बरादर लगातार तालिबान सरकार की कैबिनेट में गैर-तालिबानियों और अल्पलसंख्यकों को भी जगह देने का दबाव बना रहा था, ताकि दुनिया के अन्य देश तालिबान सरकार को मान्यता दें।  ब्रिटेन की मैगजीन ‘The Spectator’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इसी सत्ता के बंटवारे को लेकर इसी महीने तालिबान के दोनों धड़ों की बैठक हुई थी, इसमें भी बरादर ने यही बात रखी, इस पर हक्कानी नेता खलील-उल रहमान हक्कानी गुस्से में लाल हो गया और उप प्रधानमंत्री मुल्ला बरादर पर को जमीन पर गिराकर लात-घूंसे मारे थे।  Read Also : चुनाव से पहले Mayawati का बड़ा दांव, इस पार्टी का बसपा में विलय; 2 सीट से उम्मीदवार घोषित

 

मैग्जीन का दावा है कि इस झड़प के बाद बरादर लापता था और अब एक बार फिर से उसे कंधार में देखा गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, बरादर ने आदिवासी नेताओं से मुलाकात की है, जिनका समर्थन भी उसे मिला है। हालांकि, बरादर पर दबाव बनाकर उससे वीडियो संदेश जारी किया। मैगजीन ने दावा किया कि इस वीडियो से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बरादर को बंधक बना लिया गया है। Read Also : New Zealand महिला क्रिकेट टीम को बम से उड़ाने की धमकी, सुरक्षा बढ़ाई गई

 

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अखुंदजादा को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक यह पता नहीं लग सका है कि वह कहां है। वह काफी समय से न तो दिखा है और न ही उसका कोई संदेश ही जारी किा गया है। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अखुंदजादा की मौत हो गई है। तालिबान में इससे पहले सत्ता को लेकर ऐसा संघर्ष नहीं देखा गया था। तालिबान और हक्कानी नेटवर्क 2016 में एक हो गए थे। 

 

बरादर की कोशिश थी कि वह तालिबान की एक अलग छवि पेश करे ताकि दुनिया उसे मान्यता दे। वहीं, हक्कानी नेटवर्क आत्मघाती हमलों का पैरोकार बना हुआ है। अफगानिस्तान में शरणार्थियों के मंत्री खलील हक्कानी को संयुक्त राष्ट्र ने अपनी आतंकियों की सूची में शामिल किया हुआ है। 

 

Pakistan का हाथ तो नहीं? 

एक पहलू यह भी है कि हक्कानी का सीधा कनेक्शन पाकिस्तान से है। पाकिस्तान भी तालिबान सरकार में हक्कानी का दबदबा चाहता है ताकि उसके लिए अपने मकसद को पूरा करना आसान रहे। उधर बरादर की कोशिश थी कि वह तालिबान की एक अलग छवि पेश करे, ताकि दुनिया उसे मान्यता दे। वहीं, हक्कानी नेटवर्क आत्मघाती हमलों का पैरोकार बना हुआ है। इससे संभव है कि पाकिस्तान के इशारों पर ही यह सबकुछ किया जा रहा हो। अफगानिस्तान में शरणार्थियों के मंत्री खलील हक्कानी को संयुक्त राष्ट्र ने अपनी आतंकियों की सूची में शामिल किया है।  
 

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