ओडिशा के बालासोर में हुए बड़े ट्रेन हादसे ने अब तक 207 लोगों की जिंदगी छीन ली है और 900 से ज्यादा लोग घायल हैं। ये पहली बार नहीं है जब इतना बड़ा हादसा हुआ है।
बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस के कम से कम 12 डिब्बे पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार में पटरी से उतर गए, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 36 अन्य घायल हो गए
रावण दहन के मौके पर पंजाब के अमृतसर में एक भीषण ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था जिसमें 61 लोगों की मौत की पुष्टि हुई थी
दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस के 9 कोच उत्तर-प्रदेश के औरैया के पास पटरी से उतर गए, जिसमें कम से कम 70 लोग घायल हो हुए थे
हरिद्वार और पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस उत्तर प्रदेश के खतौली के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई. ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिसमें 21 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 97 घायल हो गए.
इंदौर पटना एक्सप्रेस कानपुर के पुखरायां के पास पटरी से उतर गई. जिसमें कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई.
देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस की दो बोगियां उत्तर प्रदेश के रायबरेली में पटरी से उतरने से 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई और लगभग 150 अन्य घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर इलाके में गोरखधाम एक्सप्रेस खलीलाबाद स्टेशन के पास रुकी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे 25 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए थे।
दिल्ली-चेन्नई तमिलनाडु एक्सप्रेस के एक डिब्बे में नेल्लोर के पास आग लग गई थी, जिसमें 30 से अधिक लोग मारे गए थे.
हुबली-बैंगलोर हम्पी एक्सप्रेस आंध्र प्रदेश के पास एक मालगाड़ी से टकरा गई. जिसमें 25 यात्रियों की मौत हो गई और 43 लोग घायल हो गए.
भारतीय रेलवे के इतिहास में रेल दुर्घटनाओं के मामले में सबसे खराब में से एक माना गया था. इस साल लगभग 14 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें ट्रेन के पटरी से उतरने से लेकर आमने-सामने की टक्कर दोनों शामिल हैं